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पंजीयन की तीन दिन बढ़ी तारीख, पिछले साल की अपेक्षा आधे भी नहीं हुए पंजीयन - अशोकनगर न्यूज

समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए चल रही पंजीयन प्रक्रिया का समय तीन दिन बढ़ा दिया गया है क्योंकि अनुमान से काफी कम किसानों ने ही अपना पंजीयन कराया है.

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पंजीयन की बढ़ी तारीख
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Published : Feb 29, 2020, 6:07 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 7:15 PM IST

अशोकनगर। समर्थन मूल्य में खरीदी के लिए पंजीयन किया जा रहा है, किसानों के कम पंजीयन को देखते हुए दूसरी बार पंजीयन की तारीख तीन दिवस और बढ़ा दी गई है. इसके बाद भी समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन पिछले साल की तुलना में आधे ही हुए हैं, जिसे देखते हुए शासन ने 3 दिन का समय और बढ़ा दिया है, जिससे पंजीयन की संख्या बढ़ सके. इस बार गेहूं का रकबा पिछले साल से 18000 हेक्टेयर बढ़ा है. किसान चाहने के बाद भी तकनीकी खामियों की वजह से अपना पंजीयन नहीं करवा पा रहे हैं. इसके पीछे सिस्टम की कई गलतियां नजर आती हैं.

पंजीयन की बढ़ी तारीख

इंटरनेट के माध्यम से कराएं पंजीयन

समर्थन मूल्य पर पंजीयन के लिए 33 केंद्र बनाए गए हैं. इन सभी केंद्रों पर हुए पंजीयन की तुलना में इस वर्ष इंटरनेट के माध्यम से किए गए पंजीयन की संख्या अधिक है. अभी तक 5,158 किसानों ने कियोस्क या इंटरनेट के माध्यम से अपनी पंजीयन कराया है, पिछले साल खरीदी के लिए जिले में कुल 49 केंद्र बनाए गए थे. लेकिन इस वर्ष मात्र 38 केंद्र स्वीकृत हुए हैं. इसकी वजह से भी कई किसान पंजीयन कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.

अब तक हुए इतने पंजीयन

जिले में कुल पंजीयन की बात की जाए तो अभी तक कुल 16,890 पंजीयन हुए हैं, जिनका कुल रकबा 80,687 हेक्टेयर है, जिसमें गेहूं 15,847, चना 7,612, मसूर 1,507, सरसों के 1,813 पंजीयन हुए हैं, जबकि पिछले साल कुल पंजीयन 32,365 हुए थे, जिनमें गेहूं के 28,520, चना 17,851, मसूर 3,271, सरसों 2,753 के पंजीयन हुए थे.

ये समस्या बनी किसानों की परेशानी का कारण

किसानों ने बताया कि उन्होंने गेहूं की बोवनी की है और इस बार बंपर पैदावार की उम्मीद है, जब समर्थन मूल्य पर पंजीयन कराने पहुंचे तो रिकॉर्ड में चना दिखाई दे रहा है. इस तरह की समस्या सबसे अधिक किसानों के सामने आ रही है. ऐसे में खाद्य विभाग रिकॉर्ड दुरुस्त करने में एनआईसी की मदद ले रहा है.

ऋण पुस्तिका आधार कार्ड से लिंक नहीं

वहीं कई किसानों की जमीन की ऋण पुस्तिका आधार कार्ड से लिंक नहीं है. ऐसे में पंजीयन कराने जब किसान केंद्र पर पहुंचे तो उनके आधार नंबर किताबों पर लिखे नहीं थे, जिसके बाद उन्हें वापस पटवारी के पास पहुंचकर अपनी जमीन की किताब से आधार कार्ड लिंक कराना पड़ा. तब कहीं जाकर उनके पंजीयन हो सके.

अशोकनगर। समर्थन मूल्य में खरीदी के लिए पंजीयन किया जा रहा है, किसानों के कम पंजीयन को देखते हुए दूसरी बार पंजीयन की तारीख तीन दिवस और बढ़ा दी गई है. इसके बाद भी समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन पिछले साल की तुलना में आधे ही हुए हैं, जिसे देखते हुए शासन ने 3 दिन का समय और बढ़ा दिया है, जिससे पंजीयन की संख्या बढ़ सके. इस बार गेहूं का रकबा पिछले साल से 18000 हेक्टेयर बढ़ा है. किसान चाहने के बाद भी तकनीकी खामियों की वजह से अपना पंजीयन नहीं करवा पा रहे हैं. इसके पीछे सिस्टम की कई गलतियां नजर आती हैं.

पंजीयन की बढ़ी तारीख

इंटरनेट के माध्यम से कराएं पंजीयन

समर्थन मूल्य पर पंजीयन के लिए 33 केंद्र बनाए गए हैं. इन सभी केंद्रों पर हुए पंजीयन की तुलना में इस वर्ष इंटरनेट के माध्यम से किए गए पंजीयन की संख्या अधिक है. अभी तक 5,158 किसानों ने कियोस्क या इंटरनेट के माध्यम से अपनी पंजीयन कराया है, पिछले साल खरीदी के लिए जिले में कुल 49 केंद्र बनाए गए थे. लेकिन इस वर्ष मात्र 38 केंद्र स्वीकृत हुए हैं. इसकी वजह से भी कई किसान पंजीयन कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.

अब तक हुए इतने पंजीयन

जिले में कुल पंजीयन की बात की जाए तो अभी तक कुल 16,890 पंजीयन हुए हैं, जिनका कुल रकबा 80,687 हेक्टेयर है, जिसमें गेहूं 15,847, चना 7,612, मसूर 1,507, सरसों के 1,813 पंजीयन हुए हैं, जबकि पिछले साल कुल पंजीयन 32,365 हुए थे, जिनमें गेहूं के 28,520, चना 17,851, मसूर 3,271, सरसों 2,753 के पंजीयन हुए थे.

ये समस्या बनी किसानों की परेशानी का कारण

किसानों ने बताया कि उन्होंने गेहूं की बोवनी की है और इस बार बंपर पैदावार की उम्मीद है, जब समर्थन मूल्य पर पंजीयन कराने पहुंचे तो रिकॉर्ड में चना दिखाई दे रहा है. इस तरह की समस्या सबसे अधिक किसानों के सामने आ रही है. ऐसे में खाद्य विभाग रिकॉर्ड दुरुस्त करने में एनआईसी की मदद ले रहा है.

ऋण पुस्तिका आधार कार्ड से लिंक नहीं

वहीं कई किसानों की जमीन की ऋण पुस्तिका आधार कार्ड से लिंक नहीं है. ऐसे में पंजीयन कराने जब किसान केंद्र पर पहुंचे तो उनके आधार नंबर किताबों पर लिखे नहीं थे, जिसके बाद उन्हें वापस पटवारी के पास पहुंचकर अपनी जमीन की किताब से आधार कार्ड लिंक कराना पड़ा. तब कहीं जाकर उनके पंजीयन हो सके.

Last Updated : Feb 29, 2020, 7:15 PM IST
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