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अशोकनगर में जेल ब्रेक की कोशिश, कैदियों के मंसूबे हुए नाकाम

अशोकनगर की जेल में बंद 8 कैदियों ने भागने का प्रयास किया, जिसे जेल प्रशासन ने नाकाम कर दिया. फिलहाल जेल प्रशासन ने कैदियों पर धारा 224 के तहत मामला दर्ज कराया है.

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Published : Aug 14, 2019, 1:45 PM IST

अशोकनगर में जेल ब्रेक की कोशिश

अशोकनगर। हत्या और 376 के मामले में बंद 8 कैदियों ने जेल से भागने की कोशिश की. जेल से भागने की कोशिश के मामले में जेल प्रशासन ने देहात थाने में कैदियों पर धारा 224 के तहत मामला दर्ज कराया है.


सूत्रों की मानें तो सोमवार सुबह जब कैदियों को बैरक से बाहर निकाला गया था, उस वक्त अन्य कैदी और स्टाफ व्यस्त थे. इसी का फायदा उठाकर कैदी खुमान सिंह, संतोष, गोपाल, रंजीत, शिवम, बंटी, दीपक और मनोहर ने भागने की प्लानिंग की. यह सूचना एक कैदी ने सिपाही को दी. इसके बाद कैदियों से पूछताछ की गई और उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया.


जेलर ने बताया कि स्टाफ की सजगता के कारण कैदियों को पकड़ लिया गया है और देहात थाने में मामला दर्ज कराया गया है.

अशोकनगर। हत्या और 376 के मामले में बंद 8 कैदियों ने जेल से भागने की कोशिश की. जेल से भागने की कोशिश के मामले में जेल प्रशासन ने देहात थाने में कैदियों पर धारा 224 के तहत मामला दर्ज कराया है.


सूत्रों की मानें तो सोमवार सुबह जब कैदियों को बैरक से बाहर निकाला गया था, उस वक्त अन्य कैदी और स्टाफ व्यस्त थे. इसी का फायदा उठाकर कैदी खुमान सिंह, संतोष, गोपाल, रंजीत, शिवम, बंटी, दीपक और मनोहर ने भागने की प्लानिंग की. यह सूचना एक कैदी ने सिपाही को दी. इसके बाद कैदियों से पूछताछ की गई और उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया.


जेलर ने बताया कि स्टाफ की सजगता के कारण कैदियों को पकड़ लिया गया है और देहात थाने में मामला दर्ज कराया गया है.

Intro:अशोकनगर। हत्या और 376 के मामले बंद 8 कैदियों ने जेल से भागने का प्रयास किया. इस मामले में जेल प्रशासन ने देहात थाने में कैदियों पर 224 धारा के तहत मामला दर्ज कराया है.Body:सूत्रों की मानें तो सोमवार सुबह जब कैदियों को बैरक से बाहर निकाला जाता है तब अन्य कैदी ओर स्टाफ व्यस्त था. उसी का फायदा उठाकर खुमान सिंह उर्फ ब्रजेश पुत्र राजाराम, संतोष पुत्र आदिराम कुशवाह, गोपाल पुत्र पोथीराम, रंजीत पुत्र रामभरोसा, शिवम उर्फ टिशू पुत्र गोविंद जाटव, बंटी पुत्र सूखा आदिवासी, दीपक पुत्र भूषण ढीमर, मनोहर पुत्र गणेशराम भागने की प्लानिग कर रहे थे. यह सूचना एक बन्दी ने सिपाही को दी. जिसकी सूचना सिपाही को बंदी ने दी. इसके बाद कैदियों से पूछताछ की गई और उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. जेलर ने बताया कि स्टाफ की सजगता के कारण कैदियों को पकड़ लिया और देहात थाने में मामला दर्ज कराया.Conclusion:
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