अनूपपुर। इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक (Indira Gandhi National Tribal University) में नवीन शैक्षणिक आवासीय भवन और कृषि विज्ञान केंद्र के बीज भंडारण भवन का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने वर्चुअली उद्घाटन किया. अवसर पर विश्वविद्यालय संस्था को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि जनजाति परंपरा और समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए विश्वविद्यालय को प्रयास करना चाहिए. जनजाति समाज से जुड़े विषयों पर शोध करने की जरूरत है.
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अमरकंटक, मध्यप्रदेश के ‘इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय’ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शैक्षणिक आवासीय भवन एवं कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि उपज भंडारण गृह का लोकार्पण... https://t.co/kbeRUnOrTc
— Amit Shah (@AmitShah) June 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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अमरकंटक आएंगे शाह : अमित शाह ने कहा "मैं निश्चित तौर पर अमरकंटक आऊंगा. क्योंकि यह विश्वविद्यालय ऐसे स्थान पर है जहां करोड़ों लोगों की जीवनदायिनी मां नर्मदा का उद्गम स्थान है. यह वही स्थान है जहां विभूति शंकराचार्य को अपने जीवन का पथ मिला था. यह वह जगह है जहां पूरा क्षेत्र औषधि गुणों से युक्त दुर्लभ वनस्पतियों को अपने आंचल में छिपा कर बैठा हुआ है."
कांग्रेस पर साधा निशाना: केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि "करोड़ों लागत से दोनों भवन बने हैं जो विश्वविद्यालय को परिपूर्ण बनाने की दिशा में योगदान देंगे. उपज के भंडारण की सुविधा जनजाति किसानों को विश्वविद्यालय के साथ जोड़ने का काम करेगी. जनजाति क्षेत्र में विश्वविद्यालय इस उद्देश्य को लेकर स्थापित किया जाता है कि जनजाति संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन हो. जनजाति समाज के किसान भाई बहन यूनिवर्सिटी से जुड़ेंगे तो विश्वविद्यालय को अपने उद्देश्य को हासिल करने में बहुत बड़ा फायदा होगा." शाह ने कहा कि "अटल बिहारी जब प्रधानमंत्री बने तो उससे पहले जनजाति मंत्रालय छोटा हुआ करता था. कांग्रेस ने जनजाति समाज के कल्याण, संस्कृति, साहित्य और कला को महत्व नहीं दिया."
जनजातीय समाज को मुख्यधारा में लेकर आएं: शाह ने कहा कि "जब अटल बिहार प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने जनजाति कल्याण मंत्रालय की रचना की, जिससे देश के करोड़ों जनजाति समाज की जीवन में प्रकाश आया. मंत्रालय बनने के परिणाम स्वरूप इस समाज को आगे बढ़ाने में मदद मिली है. जनजाति समाज के सेनानियों रघुनाथ शाह और शंकर शाह की जोड़ी ने अंग्रेजों, मुगलों और सन 57 के दौर में पराक्रम के साथ लड़ाई लड़ी. जनजातियों के कई दस्तावेज कलेक्टर कार्यालय में है उस पर भी शोध कराया जा सकता है. इंदिरा गांधी जनजाति विश्वविद्यालय 400 एकड़ में स्थापित है जहां 4000 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. 13 विषयों के 31 विभाग और 52 प्रयोगशाला हैं. इनका उपयोग जनजातीय परंपरा को बढ़ाने, संजोने और जनजातीय समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए करना चाहिए."
देश में समाज, जाति और संप्रदाय: अमित शाह ने कहा कि "देश में संप्रदाय के बीच अलगावता खड़े करने के प्रयास हो रहे हैं. इससे समाज और देश का भला नहीं होने वाला." उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि "समस्याविहीन कोई समाज नहीं होता. हमारी समस्या का निवारण केवल चर्चा है इससे हर समस्या का समाधान पाया जा सकता है. सरकार के पास अपनी समस्या लेकर आइए समाधान के लिए सभी दरवाजे खुले हुए हैं. सरकार ने नई शिक्षा नीति 5 स्तंभों पर तैयार की है जो विश्वविद्यालय में भी लागू की जा रही है. विद्यार्थी इसका अच्छी तरह अध्ययन करें जिससे उन्हें विश्वविद्यालय को समझने में सहायता मिलेगी."
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