अनूपपुर। जमुना कोतमा में SECL मिनी रत्न कंपनी की आमाडांड कोयला खदान से निकले गए कोयले के भंडार में आग लग गई है. खास बात यह है कि यह आग कई दिनों से आग लगी हुई है. आग से लाखों कोयला धू-धूकर जल रहा है. इसके बावजूद कॉलरी प्रबंधन का आग बुझाने पर कोई ध्यान नहीं ही. ऐसे में जहां एक तरफ देश में कोयले की किल्लत और बिजली संकट वहीं खदान प्रबंधन की लापरवाही से जलता लाखों का कोयला पूरे मामले पर कई सवाल खड़े कर रहा है.
नहीं की जा रही सिंचाई: आमाडांड खदान से निकाले गए कोयले को परिवहन किए जाने के लिए परिसर में स्थित एक क्रेशर के पास ही इकठ्ठा किया गया है. रखे हुए कोयले के भंडार में कई दिनों से आग लगी हुई है. इस दौरान जलते कोयले की आग बुझाने के लिए कॉलरी प्रबंधन ने पानी के छिड़काव के लिए लाखों रुपए के कई टेंडर भी निकाले , लेकिन टेंडर लेने वाले यहां पानी को कोई छिड़काव नहीं कर रहे हैं और कोयला के यह भंडार लगातार सुलग रहा है. इस पूरे मामले में कॉलरी प्रबंधन लापरवाही साफ नजर आ रही है. जिससे सरकार को लाखों रुपए का चूना लग रहा है.
खदान के भीतर भी फैली आग: कई दिनों से लगी आग का आलम यह है कि अब यह धीरे-धीरे अंदर ही अंदर खदान के चारों और फैल रही है. कॉलरी प्रबंधन न तो आग बुझाने की कोशिश कर रहा ही और नहीं आग से निकले धुएं से काम करने वाले मजदूरों को हो रही खांसी की समस्या को दूर करने की कोई व्यवस्था की जा रही है.ऐसे में अगर जल्द ही प्रबंधन द्वारा आग बुझाने का कोई बंदोबस्त नहीं किया गया तो आधे से अधिक कोयले का स्टॉक जलकर खाक हो जाएगा, और खदानों तक भी आग पूरी तरह फैल सकती है. मौजूदा स्थिति यह है कि खदान अधिकारियों की लापरवाही के कारण आमाडांड खदान में रखा कोयले का स्टॉक धू-धूकर जल रहा है.
(Fire in Aamand coal mine in Anuppur) (Callie management became careless)