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नवरात्रि स्पेशल: 'कर्ज की देवी' के दरबार में पर्चियों से होती है हर मनोकामना पूरी

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Published : Oct 21, 2020, 5:32 AM IST

Updated : Oct 23, 2020, 10:12 PM IST

अलीराजपुर से 5 किलोमीटर की दूरी पर मां चामुंडा माता शक्ति पीठ है, जिसे कर्ज की देवी कहा जाता है. इस मंदिर के इतिहास और रहस्य जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए....

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कर्ज की देवी मां चामुंडा

अलीराजपुर। नवरात्रि का पर्व 9 दिनों तक मनाया जाता है. नवरात्रि में हर दिन शक्तिदात्री के अलग-अलग अवतारों की पूजा की जाती है. अलीराजपुर से 5 किलोमीटर की दूरी पर मां चामुंडा माता शक्ति पीठ है, 'कर्ज की देवी' नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में दूर- दूर से लोग माता के दर्शन करने आते हैं, यहां उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

कर्ज की देवी मां चामुंडा

कर्ज की देवी मंदिर का इतिहास

माना जाता है कि कई साल पहले परेशान भक्त अपनी परेशानी लेकर मां के पास आते थे, जहां मां उन्हें हीरे-जेवरात, सोने-चांदी उधार देती थीं. इस कारण मां चामुंडा को 'कर्ज की देवी' कहा जाता है, लेकिन किसी भक्त ने उधार लिए हुए पैसे मां को वापस नहीं लौटाया. तब से मां ने उधार देना बंद कर दिया और अब मां भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं. मंदिर में आज भी वो गल्लानुमा छेद मौजूद है, जहां से मां भक्तों को कर्ज देती थीं.

गल्लानुमा छेद का रहस्य

कई साल पहले मां अपने भक्तों को परेशानी के वक्त उधार देती थीं, जिसके लिए श्रद्धालु अपनी परेशानी को एक कागज की पर्ची लिखकर मंदिर में मौजूद गल्लानुमा छेद में डालते थे, जिसके बाद मां भक्तों को उधार में पैसे या सोने-चांदी, जेवरात देती थीं. ये गल्लानुमा छेद आज भी मंदिर में मौजूद है. अब भी श्रद्धालु गल्लानुमा छेद में अपनी मनोकामना पर्ची पर लिखकर डालते हैं और मां उनकी हर मनोकामना पूरा करती हैं.

दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

बताया जाता है कि मां चामुंडा का मंदिर पांडव कालीन का है. नवरात्रि पर्व के समय इस मंदिर की रौनक देखते ही बनती है. यहां दूर-दराज से श्रद्धालु मां के दर्शन करने पहुंचते हैं. राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और प्रदेश के कई जिलों से श्रद्धालु मां के चमत्कार को सुनकर दरबार में मत्था टेकने जरूर आते हैं.

कोरोना गाइडलाइन का किया जा रहा पालन

इस साल कोरोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. कोरोना महामारी को देखते हुए अलीराजपुर के अति प्राचीन मंदिर मां चामुंडा मंदिर में भी खासतौर पर इंतजाम किए गए हैं. वहीं इस बार अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं में थोड़ी कमी दिखाई दे रही है.

ये भी पढ़े- नवरात्रि स्पेशल: जानें विश्व प्रसिद्ध मैहर स्थित मां शारदा देवी का इतिहास

सभी की मनोकामना होती है पूरी

आज भी कई ऐसे श्रद्धालु हैं, जिन्होंने मां के दरबार में आकर जो भी मनोकामना मांगी वो पूरी हुई हैं. आज भी वे लोग मां के दरबार में आते और मनोकामनाएं मांगते हैं. नवरात्रि पर्व के समय मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. इस अवसर पर यहां कई आयोजन भी किए जाते हैं.

अलीराजपुर। नवरात्रि का पर्व 9 दिनों तक मनाया जाता है. नवरात्रि में हर दिन शक्तिदात्री के अलग-अलग अवतारों की पूजा की जाती है. अलीराजपुर से 5 किलोमीटर की दूरी पर मां चामुंडा माता शक्ति पीठ है, 'कर्ज की देवी' नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में दूर- दूर से लोग माता के दर्शन करने आते हैं, यहां उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

कर्ज की देवी मां चामुंडा

कर्ज की देवी मंदिर का इतिहास

माना जाता है कि कई साल पहले परेशान भक्त अपनी परेशानी लेकर मां के पास आते थे, जहां मां उन्हें हीरे-जेवरात, सोने-चांदी उधार देती थीं. इस कारण मां चामुंडा को 'कर्ज की देवी' कहा जाता है, लेकिन किसी भक्त ने उधार लिए हुए पैसे मां को वापस नहीं लौटाया. तब से मां ने उधार देना बंद कर दिया और अब मां भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं. मंदिर में आज भी वो गल्लानुमा छेद मौजूद है, जहां से मां भक्तों को कर्ज देती थीं.

गल्लानुमा छेद का रहस्य

कई साल पहले मां अपने भक्तों को परेशानी के वक्त उधार देती थीं, जिसके लिए श्रद्धालु अपनी परेशानी को एक कागज की पर्ची लिखकर मंदिर में मौजूद गल्लानुमा छेद में डालते थे, जिसके बाद मां भक्तों को उधार में पैसे या सोने-चांदी, जेवरात देती थीं. ये गल्लानुमा छेद आज भी मंदिर में मौजूद है. अब भी श्रद्धालु गल्लानुमा छेद में अपनी मनोकामना पर्ची पर लिखकर डालते हैं और मां उनकी हर मनोकामना पूरा करती हैं.

दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

बताया जाता है कि मां चामुंडा का मंदिर पांडव कालीन का है. नवरात्रि पर्व के समय इस मंदिर की रौनक देखते ही बनती है. यहां दूर-दराज से श्रद्धालु मां के दर्शन करने पहुंचते हैं. राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और प्रदेश के कई जिलों से श्रद्धालु मां के चमत्कार को सुनकर दरबार में मत्था टेकने जरूर आते हैं.

कोरोना गाइडलाइन का किया जा रहा पालन

इस साल कोरोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. कोरोना महामारी को देखते हुए अलीराजपुर के अति प्राचीन मंदिर मां चामुंडा मंदिर में भी खासतौर पर इंतजाम किए गए हैं. वहीं इस बार अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं में थोड़ी कमी दिखाई दे रही है.

ये भी पढ़े- नवरात्रि स्पेशल: जानें विश्व प्रसिद्ध मैहर स्थित मां शारदा देवी का इतिहास

सभी की मनोकामना होती है पूरी

आज भी कई ऐसे श्रद्धालु हैं, जिन्होंने मां के दरबार में आकर जो भी मनोकामना मांगी वो पूरी हुई हैं. आज भी वे लोग मां के दरबार में आते और मनोकामनाएं मांगते हैं. नवरात्रि पर्व के समय मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. इस अवसर पर यहां कई आयोजन भी किए जाते हैं.

Last Updated : Oct 23, 2020, 10:12 PM IST
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