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गुजरात से आदिवासियों के विस्थापन के विरोध में भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा ने दी आंदोलन की चेतावनी - Memorandum on name of the president

अलीराजपुर जिले में भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. जिसमें बताया गया है कि, गुजरात राज्य के केवडिया से 14 गांव के आदिवासी परिवार को जमीन से बेदखल किया जा रहा है. यदि आने वाले समय में गुजरात सरकार इन आदिवासियों का विस्थापन नहीं रोकती है, तो भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा प्रदेश भर में आंदोलन करेगा.

Bhilpradesh Mukti Morcha against the displacement of tribals in Gujarat
गुजरात में आदिवासियों के विस्थापन के विरोध में भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा
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Published : Jun 8, 2020, 7:45 PM IST

अलीराजपुर। जिले में भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. जिसमें बताया गया है कि गुजरात राज्य के केवडिया से 14 गांव के आदिवासी परिवार को जमीन से बेदखल किया जा रहा है. इस संबंध में सरकार का भी ध्यान आकर्षित किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने चेतावनी दी है कि, यदि आने वाले समय में गुजरात सरकार केवडिया के आदिवासियों का विस्थापन नहीं रोकती है तो, भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा प्रदेश भर में आंदोलन करेगा.

भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा का कहना है कि, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी एरिया डेवलपमेंट एंड टूरिज्म गवर्नेंस एक्ट 2019 के तहत आदिवासियों को उनकी जमीनों से बेदखल किया जा रहा है. जो कि संविधान का उल्लंघन है. भील समाज इस काले कानून का विरोध करता है. गुजरात में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहा है. उन्हें उनकी जमीनों से बेदखल किया जा रहा है. जिससे 14 गांव के हजारों मजदूर विस्थापित होने के लिए मजबूर हैं. भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति से मांग की है कि, आदिवासियों के विस्थापन को रोका जाए. नहीं तो वो उग्र आंदोलन करेंगे.

बता दें कि, यह ज्ञापन राष्ट्रपति के अलावा प्रधानमंत्री, मानव अधिकार आयोग, जनजाति आयोग, गुजरात और मध्यप्रदेश केे राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए सौंपा गया.

अलीराजपुर। जिले में भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. जिसमें बताया गया है कि गुजरात राज्य के केवडिया से 14 गांव के आदिवासी परिवार को जमीन से बेदखल किया जा रहा है. इस संबंध में सरकार का भी ध्यान आकर्षित किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने चेतावनी दी है कि, यदि आने वाले समय में गुजरात सरकार केवडिया के आदिवासियों का विस्थापन नहीं रोकती है तो, भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा प्रदेश भर में आंदोलन करेगा.

भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा का कहना है कि, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी एरिया डेवलपमेंट एंड टूरिज्म गवर्नेंस एक्ट 2019 के तहत आदिवासियों को उनकी जमीनों से बेदखल किया जा रहा है. जो कि संविधान का उल्लंघन है. भील समाज इस काले कानून का विरोध करता है. गुजरात में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहा है. उन्हें उनकी जमीनों से बेदखल किया जा रहा है. जिससे 14 गांव के हजारों मजदूर विस्थापित होने के लिए मजबूर हैं. भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति से मांग की है कि, आदिवासियों के विस्थापन को रोका जाए. नहीं तो वो उग्र आंदोलन करेंगे.

बता दें कि, यह ज्ञापन राष्ट्रपति के अलावा प्रधानमंत्री, मानव अधिकार आयोग, जनजाति आयोग, गुजरात और मध्यप्रदेश केे राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए सौंपा गया.

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