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सोयाबीन की फसल को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाएं, ज्ञापन सौंपकर की मुआवजे की मांग - Women reached collectorate

आगर मालवा में अतिवृष्टि और रोग के कारण सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ है. जिससे परेशान किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम भू-अभिलेख अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें फसल का सर्वे कराकर जल्द मुआवजे की मांग की गई है.

Women reached collectorate after taking soybean crop
सोयाबीन की फसल लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाएं
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Published : Sep 1, 2020, 6:53 PM IST

आगर मालवा। जिले में प्राकृतिक आपदा के कारण सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई हैं. जिसके चलते किसानों को सरकार के सहयोग की दरकार है. मंगलवार को दौड़खेड़ी तथा खिमखेड़ी के दर्जनों किसानों के अलावा ग्राम चांदनगांव की दर्जनों महिलाएं सोयाबीन के पौधे लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम अधीक्षक भू-अभिलेख को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें वर्तमान में नुकसान हुईं फसल का और 2018 में हुई प्राकृतिक आपदा के मुआवजे की मांग की है.

ज्ञापन में किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा फसल का बीमा करवाया जाता है, लेकिन फसल खराब होने के बाद बीमा नहीं दिया जाता है. वर्ष 2018 में खराब हुई फसल का बीमा गांव के किसानों को आज तक नहीं मिला है. किसानों ने मांग की है कि जल्द किसानों को बीमा दिलवाया जाए, वहीं इस बार सोयाबीन की फसल में पीलापन तथा अफलन की स्थिति निर्मित हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान है. किसान चाहते हैं कि जिला प्रशासन खराब फसल का सर्वे करवाकर किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करे.

महिलाएं पहुंची कलेक्ट्रेट

सोयाबीन की खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग को लेकर मंगलवार को ग्राम चांदनगांव की दर्जनों महिलाएं कलेक्टर कार्यालय पहुंची. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन एसएलआर राजेश सरवटे को सौंपा. ज्ञापन में बताया गया कि गांव में किसानों की करीब 400 बीघा भूमि पर खड़ी सोयाबीन की फसल कीट लगने के चलते खराब हो गई है. इस खराब फसल का सर्वे करने के लिए अभी तक कोई नहीं आया है. हमारी मांग है कि खराब फसल का सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिया जाए.

आगर मालवा। जिले में प्राकृतिक आपदा के कारण सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई हैं. जिसके चलते किसानों को सरकार के सहयोग की दरकार है. मंगलवार को दौड़खेड़ी तथा खिमखेड़ी के दर्जनों किसानों के अलावा ग्राम चांदनगांव की दर्जनों महिलाएं सोयाबीन के पौधे लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम अधीक्षक भू-अभिलेख को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें वर्तमान में नुकसान हुईं फसल का और 2018 में हुई प्राकृतिक आपदा के मुआवजे की मांग की है.

ज्ञापन में किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा फसल का बीमा करवाया जाता है, लेकिन फसल खराब होने के बाद बीमा नहीं दिया जाता है. वर्ष 2018 में खराब हुई फसल का बीमा गांव के किसानों को आज तक नहीं मिला है. किसानों ने मांग की है कि जल्द किसानों को बीमा दिलवाया जाए, वहीं इस बार सोयाबीन की फसल में पीलापन तथा अफलन की स्थिति निर्मित हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान है. किसान चाहते हैं कि जिला प्रशासन खराब फसल का सर्वे करवाकर किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करे.

महिलाएं पहुंची कलेक्ट्रेट

सोयाबीन की खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग को लेकर मंगलवार को ग्राम चांदनगांव की दर्जनों महिलाएं कलेक्टर कार्यालय पहुंची. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन एसएलआर राजेश सरवटे को सौंपा. ज्ञापन में बताया गया कि गांव में किसानों की करीब 400 बीघा भूमि पर खड़ी सोयाबीन की फसल कीट लगने के चलते खराब हो गई है. इस खराब फसल का सर्वे करने के लिए अभी तक कोई नहीं आया है. हमारी मांग है कि खराब फसल का सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिया जाए.

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