आगर । जिले कई सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को अभी तक साइकिल नहीं मिली है जिसकी वजह से छात्र मजबूरन पैदल चलकर ही स्कूल जा रहे हैं. जिससे उनका समय भी ज्यादा खर्च हो रहा है और उनके लिए स्कूल तक का सफर थकान भरा भी साबित हो रहा है अगर जिले के अधिकारी साइकिल वितरण को लेकर गंभीर होते तो अब तक सभी छात्रों को साइकिल मिल गई होती.
छात्रों को नहीं मिल रही निशुल्क साइकिल,पैदल स्कूल आने को मजबूर
शहर और गांव के सरकारी स्कूलों में अभी तक साइकिल नहीं मिलने की वजह से परेशान है छात्र जबकि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में साइकिल शोपीस बनकर धूल खा रही है.
छात्रों को नहीं मिल रही निशुल्क साइकिल,पैदल स्कूल आने को मजबूर
आगर । जिले कई सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को अभी तक साइकिल नहीं मिली है जिसकी वजह से छात्र मजबूरन पैदल चलकर ही स्कूल जा रहे हैं. जिससे उनका समय भी ज्यादा खर्च हो रहा है और उनके लिए स्कूल तक का सफर थकान भरा भी साबित हो रहा है अगर जिले के अधिकारी साइकिल वितरण को लेकर गंभीर होते तो अब तक सभी छात्रों को साइकिल मिल गई होती.
Intro:आगर मालवा
-- सरकार ने स्कूली बच्चों को निशुल्क रूप से साइकल जैसी भौतिक सुविधा देकर उनके लिए स्कूल की दूरी तो कम कर दी लेकिन निचले स्तर पर बेहतर कार्य न किए जाने के चलते बच्चों के स्कूल की दूरी अभी भी लंबी ही बनी हुई है। जिले के हजारों बच्चे अभी भी कई किलोमीटर की दूरी तय करके पैदल ही स्कूल जाने को मजबूर हैं जबकि बच्चों को सरकार द्वारा दी गई साइकल सरकारी कार्यालयों में शोपीस बनकर पड़ी हुई है। क्षेत्र में कई स्कूलों में बच्चों को अभी तक साइकल नहीं मिली है जिसके कारण बच्चे मजबूरन पैदल ही स्कूल जा रहे हैं। जिससे उनका समय भी ज्यादा खर्च हो रहा है और उनके लिए स्कूल तक का सफर थकान भरा भी साबित हो रहा है यदि जिले के अधिकारी साईकिल वितरण को लेकर गंभीरता बरतें तो अब तक सभी बच्चों को साइकिल मिल गई होती
Body:बता दे कि जिले में शासकीय स्कूलो के कक्षा 9वी तक के बच्चों को शासन की और निशुल्क रूप से साईकल का वितरण किया जाना था लेकिन शिक्षण सत्र का एक माह बीत जाने के बाद भी शहरी क्षेत्र के स्कूलों के बच्चों को अभी तक सायकलों का वितरण नही किया गया है जिनके कारण बच्चे करीब 3 से 4 किमी तक का सफर पैदल तय करके अपने स्कूलो तक पहुंच रहे है। इनमे उत्कृष्ट विद्यालय, मॉडल स्कूल सहित हाई स्कूल स्तर के अन्य स्कूल शामिल है शहरी क्षेत्र के इन स्कूलों के हजारो ऐसे विद्यार्थी है जिनको साईकल नही मिल पाई है। यह भी बता दे कि जिन बच्चों को साईकल दी जानी है उनमें से अधिकांश बच्चे सरकारी छात्रावासों में निवास करते है और स्कूल तथा छात्रवास की दूरी काफी अधिक है। यह भी बतादे की इन बच्चों को मिलने वाली साइकिलें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय बीके अलग-अलग कक्षो में शोपीस बनकर पड़ी हुई है वही कई साइकिलें जंग तक खा रही है। बता दे कि ग्रामीण क्षेत्रो के स्कूलों के विद्यार्थियों को वितरित करने के लिए सम्बंधित गांव की ग्राम पंचायत में साइकिलें तो पहुंच गई ही लेकिन यहाँ भी ऑनलाइन प्रक्रिया साईकल वितरण में बाधा बन रही है डाटा अपडेट न होने के कारण साईकल का लाभ नही मिल पा रहा है। गाँवो में भी बच्चे साईकल के इंतजार में है।
Conclusion:जब इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारी विक्रम सिंह पंवार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रो की साइकिलें ग्राम पंचायतों में पहुंचा दी गई है। शहर क्षेत्र के स्कूलों में भी बच्चों को साइकल वितरण का काम कुछ दिनों में आरम्भ किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में साइकिलें पड़ी है इसकी जानकारी ली जाएगी।
Body:बता दे कि जिले में शासकीय स्कूलो के कक्षा 9वी तक के बच्चों को शासन की और निशुल्क रूप से साईकल का वितरण किया जाना था लेकिन शिक्षण सत्र का एक माह बीत जाने के बाद भी शहरी क्षेत्र के स्कूलों के बच्चों को अभी तक सायकलों का वितरण नही किया गया है जिनके कारण बच्चे करीब 3 से 4 किमी तक का सफर पैदल तय करके अपने स्कूलो तक पहुंच रहे है। इनमे उत्कृष्ट विद्यालय, मॉडल स्कूल सहित हाई स्कूल स्तर के अन्य स्कूल शामिल है शहरी क्षेत्र के इन स्कूलों के हजारो ऐसे विद्यार्थी है जिनको साईकल नही मिल पाई है। यह भी बता दे कि जिन बच्चों को साईकल दी जानी है उनमें से अधिकांश बच्चे सरकारी छात्रावासों में निवास करते है और स्कूल तथा छात्रवास की दूरी काफी अधिक है। यह भी बतादे की इन बच्चों को मिलने वाली साइकिलें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय बीके अलग-अलग कक्षो में शोपीस बनकर पड़ी हुई है वही कई साइकिलें जंग तक खा रही है। बता दे कि ग्रामीण क्षेत्रो के स्कूलों के विद्यार्थियों को वितरित करने के लिए सम्बंधित गांव की ग्राम पंचायत में साइकिलें तो पहुंच गई ही लेकिन यहाँ भी ऑनलाइन प्रक्रिया साईकल वितरण में बाधा बन रही है डाटा अपडेट न होने के कारण साईकल का लाभ नही मिल पा रहा है। गाँवो में भी बच्चे साईकल के इंतजार में है।
Conclusion:जब इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारी विक्रम सिंह पंवार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रो की साइकिलें ग्राम पंचायतों में पहुंचा दी गई है। शहर क्षेत्र के स्कूलों में भी बच्चों को साइकल वितरण का काम कुछ दिनों में आरम्भ किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में साइकिलें पड़ी है इसकी जानकारी ली जाएगी।