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पुराने सुसनेर तहसील कार्यालय में स्टांप की कमी, परेशान हो रहे लोग

आगर में सुसनेर के पुराने तहसील कार्यालय में स्टांप की कमी के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उधर स्टांप वेंडरों का कहना है कि ट्रेजरी से उनको स्टांप नहीं दिये जा रहे हैं. इससे लोगों के कई काम अटके पड़े हैं.

Lack of stamp in Susner Tehsil office
सुसनेर तहसील कार्यालय में स्टांप की कमी
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Published : Jun 19, 2020, 5:32 PM IST

आगर। जिले के सुसनेर में पिछले कुछ दिनों से पुराने तहसील कार्यालय में स्टांप का टोटा पड़ गया है. जरूरी कार्यो से स्टांप खरीदने वाले लोगों को जिले से 30 किलोमीटर दूर आगर जाना पड़ रहा है. उधर स्टांप वेंडरों का कहना है कि ट्रेजरी से उनको स्टांप नहीं दिए जा रहे हैं. इसलिए वे ग्राहक को भी नहीं बेच पा रहे हैं. स्टांप की कमी के चलते लोगों को बेहद परेशानी हो रही है क्योंकि शासन की कई ऐसी जनकल्याणकारी योजनाएं हैं, जिसमें शपथपत्र अनिवार्य है, लेकिन स्टांप की कमी के चलते कई लोगों के कार्य नहीं हो पा रहे हैं.

सुसनेर तहसील कार्यालय में स्टांप की कमी

आमतौर पर तो पहले यदि स्टांप का टोटा होता था, तो वे 50 की जगह 60 में या 100 की जगह 110 या 120 में मिल जाया करते थे. लेकिन इस बार तो किसी भी स्टांप वेंडर के पास एक भी स्टांप नहीं है. इसके चलते ग्राहकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात यह बन रहे हैं कि यदि किसी व्यक्ति को अति आवश्यक कार्य में स्टांप चाहिए तो फिर उसके लिए उसे आगर जाना पड़ रहा है. इसमें उसका अतिरक्त व्यय के साथ समय भी खर्च हो रहा है.

इन कामों में जरूरी है स्टांप

यदि आपको बिजली बिल का नया कनेक्शन लेना हो तो शपथपत्र अनिवार्य है. डूप्लीकेट अंकसूची के लिए, चरित्र प्रमाण पत्र, कर्मकार मंडल योजना, मतदाता परिचय पत्र बनवाने के लिए, बैंक से लोन लेने के लिए स्टांप की आश्वयकता लोगों को पड़ रही है. लेकिन स्टांप की कमी के कारण लोगों के ये सब कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

इसके अतिरिक्त रजिस्ट्री कराने वाले किसान, अन्य ग्राहक और कई योजनाओं का लाभ लेने वाले लोग स्टांप के लिए भटक रहे हैं. लेकिन पुराने तहसील कार्यालय में स्टांप वेंडरों के पास लोगों की जरूरत के हिसाब से स्टांप नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में स्टांपों की कालाबाजारी भी चल रही है.

आगर। जिले के सुसनेर में पिछले कुछ दिनों से पुराने तहसील कार्यालय में स्टांप का टोटा पड़ गया है. जरूरी कार्यो से स्टांप खरीदने वाले लोगों को जिले से 30 किलोमीटर दूर आगर जाना पड़ रहा है. उधर स्टांप वेंडरों का कहना है कि ट्रेजरी से उनको स्टांप नहीं दिए जा रहे हैं. इसलिए वे ग्राहक को भी नहीं बेच पा रहे हैं. स्टांप की कमी के चलते लोगों को बेहद परेशानी हो रही है क्योंकि शासन की कई ऐसी जनकल्याणकारी योजनाएं हैं, जिसमें शपथपत्र अनिवार्य है, लेकिन स्टांप की कमी के चलते कई लोगों के कार्य नहीं हो पा रहे हैं.

सुसनेर तहसील कार्यालय में स्टांप की कमी

आमतौर पर तो पहले यदि स्टांप का टोटा होता था, तो वे 50 की जगह 60 में या 100 की जगह 110 या 120 में मिल जाया करते थे. लेकिन इस बार तो किसी भी स्टांप वेंडर के पास एक भी स्टांप नहीं है. इसके चलते ग्राहकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात यह बन रहे हैं कि यदि किसी व्यक्ति को अति आवश्यक कार्य में स्टांप चाहिए तो फिर उसके लिए उसे आगर जाना पड़ रहा है. इसमें उसका अतिरक्त व्यय के साथ समय भी खर्च हो रहा है.

इन कामों में जरूरी है स्टांप

यदि आपको बिजली बिल का नया कनेक्शन लेना हो तो शपथपत्र अनिवार्य है. डूप्लीकेट अंकसूची के लिए, चरित्र प्रमाण पत्र, कर्मकार मंडल योजना, मतदाता परिचय पत्र बनवाने के लिए, बैंक से लोन लेने के लिए स्टांप की आश्वयकता लोगों को पड़ रही है. लेकिन स्टांप की कमी के कारण लोगों के ये सब कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

इसके अतिरिक्त रजिस्ट्री कराने वाले किसान, अन्य ग्राहक और कई योजनाओं का लाभ लेने वाले लोग स्टांप के लिए भटक रहे हैं. लेकिन पुराने तहसील कार्यालय में स्टांप वेंडरों के पास लोगों की जरूरत के हिसाब से स्टांप नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में स्टांपों की कालाबाजारी भी चल रही है.

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