आगर। प्रतिबंध के दौरान शुरुआती दिनों में सुसनेर में लोगों ने पॉलीथीन के स्थान पर वैकल्पिक साधनों का उपयोग शुरू किया था. अन्य लोगों पर रोक न होते देख अब वह भी प्लास्टिक पन्नियों का उपयोग करने लगे हैं. नगर पालिका परिषद सुसनेर में मौजूदा समय में शहर के 15 वार्डो में कई ऐसी कॉलोनीया है जहां पर कचरे का ढेर लगा हुआ है और उन पर पॉलीथीन का सेवन करते हुएं गाये दिखाई देती है.
पशुओं के लिए मौत का सामान बनी सिंगल यूज प्लास्टिक
पर्यावरण प्रदूषण में सबसे अधिक घातक सिंगल यूज प्लास्टिक है. प्लास्टिक से पर्यावरण पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए सरकार ने प्रदेश में सिंगुल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा रखा है. बावजूद इसके आगर जिलें में धड़ल्ले से पॉलीथीन का प्रयोग हो रहा है. अकेले सुसनेर में ही 1 क्वींटल से भी अधिक कचरा पॉलीथीन का ही निकल रहा है. जिसका सीधा प्रभाव पशुओं पर पड़ रहा है.
सिंंगल युज प्लास्टिक बनी जनवारो की मौत की वजह
आगर। प्रतिबंध के दौरान शुरुआती दिनों में सुसनेर में लोगों ने पॉलीथीन के स्थान पर वैकल्पिक साधनों का उपयोग शुरू किया था. अन्य लोगों पर रोक न होते देख अब वह भी प्लास्टिक पन्नियों का उपयोग करने लगे हैं. नगर पालिका परिषद सुसनेर में मौजूदा समय में शहर के 15 वार्डो में कई ऐसी कॉलोनीया है जहां पर कचरे का ढेर लगा हुआ है और उन पर पॉलीथीन का सेवन करते हुएं गाये दिखाई देती है.
Intro:आगर-मालवा। पर्यावरण प्रदूषण में सबसे अधिक घातक सिंगल यूज प्लास्टिक है। प्लास्टिक से पर्यावरण पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए सरकार ने प्रदेश में सिंगुल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा रखा है, बावजूद इसके आगर जिलें में धड़ल्ले से पॉलीथीन का प्रयोग हो रहा है। अकेले सुसनेर में ही 1 क्वींटल से भी अधिक कचरा पॉलीथीन का ही निकल रहा है। इसका सीधा प्रभाव पशुओं पर पड़ रहा है। साल भर में ही पॉलीथीन खाने से सेकडो पशुओं की मौत हो चुकी है। इसमें भी गायों की संख्या ज्यादा है, जिनकी पॉलीथीन खाने से मौत हुई है।Body:प्रतिबंध के दौरान शुरुआती दिनों में सुसनेर में लोगों ने पॉलीथीन के स्थान पर वैकल्पिक साधनों का उपयोग शुरू किया था। अन्य लोगों पर रोक न होते देख अब वह भी प्लास्टिक पन्नियों का उपयोग करने लगे हैं। नगर पालिका परिषद सुसनेर में मौजूदा समय में शहर के 15 वार्डो में कई ऐसी कालाेनीया है जहां पर कचरे का ढेर लगा हुआ है और उन पर पाॅलीथीन का सेवन करते हुएं गाये दिखाई देती है।
कूड़े के ढेर में प्लास्टिक की मात्रा अधिक
नगर में चाहे मेना रोड हो, मालीपुरा हो या फिर कोई ओर इलाका हो, हर जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। जिसमे प्लास्टिक व प्रतिबंधित पॉलीथीन अधिक पड़ी रहती है। गाय कूड़े के पड़े ढेर से जो भी चीज खाती है उसी के साथ पॉलीथिन भी उसके पेट में चली जाती है। यही उसकी मौत का कारण बनती है।
पर्यावरण के साथ शरीर को हर स्तर पर नुकसान
सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को हर स्तर पर नुकसान है। इनके जलाए जाने पर वायु प्रदूषणए जल्द ही खत्म नहीं होने के चलते इनमें मौजूद केमिकल भूमि की उर्वरा क्षमता खत्म करते हैं। इतना ही नहीं इसमें रखे गए खाद्य पदार्थ भी प्लास्टिक से क्रिया कर शरीर पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। बीएमओ डॉक्टर कुलदीप सिंह राठौर ने बताया की प्लास्टिक का प्रभाव वायु जल एवं थल प्रदूषण सहित सभी प्रदूषणों पर होता है। प्लास्टिक शरीर के लिए भी बहुत घातक है।Conclusion:पशुओं की मौत का आंकड़ा नहीं:
पशु विभाग हो या फिर नगर पालिका परिषद सुसनेर दोनो के पास पशुओं की मौत का कोई आंकड़ा नहीं है।
सुविधाजनक और उपलब्धता के चलते हर कोई सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कर रहा है। जरूरी सामान ले जाने के लिए लोग इन्हीं प्लास्टिक थैलियों का उपयोग करते हैं जो कि एक उपयोग के बाद ही शहर में गंदगी बढ़ाती है। किन्तु सरकारी मशीनरी की सख्ती नहीं होने से इस पर अमल नहीं हो रहा है। इस वजह से बेजुबान पशुओं की हर रोज जान जा रही है।
पशुचिकित्सक आर सी पंवार ने बताया कि प्लास्टिक अधिक खाने से पशुओं का पेट ब्लाक हो जाता है। इसी वजह से उसकी मौत हो जाती है। लोगो को प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए। सार्वजनिक स्थल पर पड़ी प्लास्टिक निश्चित ही पशुओं के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं।
इस सम्बंध में सुसनेर नगर परिषद सीएमओ हरिवल्लभ शर्मा ने कहां कि सिंगल युज प्लास्टिक पर प्रतिबंध है, इसके लिए लोगाे को जागरूक भी किया गया। यदी उसके बाद पर भी उपयोग किया जा रहा है तो कारवाई की जाएगी।
विज्युअल- कचरे के ढेर पर पॉलीथीन का सेवन करती गाये।
बाईट- डॉक्टर योगेश कुम्भकार, पशु चिकित्सक सुसनेर।
बाईट- हरिवल्लभ शर्मा, सीएमओ नगर परिषद सुसनेर।
कूड़े के ढेर में प्लास्टिक की मात्रा अधिक
नगर में चाहे मेना रोड हो, मालीपुरा हो या फिर कोई ओर इलाका हो, हर जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। जिसमे प्लास्टिक व प्रतिबंधित पॉलीथीन अधिक पड़ी रहती है। गाय कूड़े के पड़े ढेर से जो भी चीज खाती है उसी के साथ पॉलीथिन भी उसके पेट में चली जाती है। यही उसकी मौत का कारण बनती है।
पर्यावरण के साथ शरीर को हर स्तर पर नुकसान
सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को हर स्तर पर नुकसान है। इनके जलाए जाने पर वायु प्रदूषणए जल्द ही खत्म नहीं होने के चलते इनमें मौजूद केमिकल भूमि की उर्वरा क्षमता खत्म करते हैं। इतना ही नहीं इसमें रखे गए खाद्य पदार्थ भी प्लास्टिक से क्रिया कर शरीर पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। बीएमओ डॉक्टर कुलदीप सिंह राठौर ने बताया की प्लास्टिक का प्रभाव वायु जल एवं थल प्रदूषण सहित सभी प्रदूषणों पर होता है। प्लास्टिक शरीर के लिए भी बहुत घातक है।Conclusion:पशुओं की मौत का आंकड़ा नहीं:
पशु विभाग हो या फिर नगर पालिका परिषद सुसनेर दोनो के पास पशुओं की मौत का कोई आंकड़ा नहीं है।
सुविधाजनक और उपलब्धता के चलते हर कोई सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कर रहा है। जरूरी सामान ले जाने के लिए लोग इन्हीं प्लास्टिक थैलियों का उपयोग करते हैं जो कि एक उपयोग के बाद ही शहर में गंदगी बढ़ाती है। किन्तु सरकारी मशीनरी की सख्ती नहीं होने से इस पर अमल नहीं हो रहा है। इस वजह से बेजुबान पशुओं की हर रोज जान जा रही है।
पशुचिकित्सक आर सी पंवार ने बताया कि प्लास्टिक अधिक खाने से पशुओं का पेट ब्लाक हो जाता है। इसी वजह से उसकी मौत हो जाती है। लोगो को प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए। सार्वजनिक स्थल पर पड़ी प्लास्टिक निश्चित ही पशुओं के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं।
इस सम्बंध में सुसनेर नगर परिषद सीएमओ हरिवल्लभ शर्मा ने कहां कि सिंगल युज प्लास्टिक पर प्रतिबंध है, इसके लिए लोगाे को जागरूक भी किया गया। यदी उसके बाद पर भी उपयोग किया जा रहा है तो कारवाई की जाएगी।
विज्युअल- कचरे के ढेर पर पॉलीथीन का सेवन करती गाये।
बाईट- डॉक्टर योगेश कुम्भकार, पशु चिकित्सक सुसनेर।
बाईट- हरिवल्लभ शर्मा, सीएमओ नगर परिषद सुसनेर।