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डॉक्टर साहब ने हैवी दहेज की कर दी डिमांड, 7 फेरों से पहले जागा लालच, 45 दिन बाद आया नया मोड़ - GWALIOR DOCTOR DEMAND DOWRY

ग्वालियर में सरकारी डॉक्टर ने अपनी शादी में की 10 लाख कैश और एक प्लॉट की डिमांड, नहीं मिलने पर टूटी शादी.

GWALIOR DOCTOR DEMAND DOWRY
सरकारी डॉक्टर का दहेज के लालच में टूटी शादी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 6, 2025, 6:47 PM IST

ग्वालियर: सामाजिक कुरीतियों में शामिल दहेज से न जाने कितने ही घर बर्बाद हो गए. कई रिश्ते जुड़ने से पहले ही टूट गए, लेकिन फिर भी इसपर लगाम नहीं लग पा रही है. ग्वालियर में एक सरकारी डॉक्टर पर दहेज की डिमांड पूरी न होने पर बारात वापस ले जाने का आरोप लगा है. जानकारी के अनुसार डॉक्टर ने शादी के समय फेरों से पहले लड़की वालों से 10 लाख कैश और एक प्लॉट की डिमांड की थी. लड़की पक्ष द्वारा डिमांड पूरी न किए जाने पर बगैर शादी के बारात वापस लौट गई थी.

दहेज के कारण बारात बिना दुल्हन

सरकारी नौकरी में इज्जत और पैसा दोनों ही मिलता है. अगर पद सरकारी डॉक्टर का हो तो क्या कहना. डॉक्टर की तुलना भगवान से होती है, लेकिन अगर कोई डॉक्टर खुद को बेचने में लग जाए तो सोचने वाली बात हो जाती है. बात अटपटी लग सकती है, लेकिन ऐसा मामला आया है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जहां एक शासकीय आयुर्वेदिक डॉक्टर ने अपनी शादी में दहेज की मांग की और जब लड़की वाले उसे पूरा करने में असमर्थ नजर आए, तो डॉक्टर दूल्हा बिना दुल्हन लिए बारात वापस ले चला गया. घटना 22 नवंबर 2024 की है. काउंसलिंग में असफल होने के बाद पुलिस ने अब मामला दर्ज किया है.

फेरों से ठीक पहले रखी डिमांड

दरअसल, शिवपुरी के खनियाधाना के रहने वाले सरकारी आयुर्वेद डॉ. सतेन्द्र वामन्या की शादी 22 फरवरी 2024 को ग्वालियर के थाटीपुर इलाके की रहने वाली रमा सिंह के साथ होना तय हुई थी. दुल्हन पक्ष के अनुसार पहले से दहेज के तौर पर किसी लेनदेन की कोई बात नहीं हुई थी. होने वाला दामाद सरकारी डॉक्टर था ऐसे में दुल्हन रमा सिंह के पिता जबर सिंह ने तिलक और सगाई में खूब खर्च किया. शादी के दिन दूल्हा अपने परिवार व नात रिश्तेदारों के साथ ग्वालियर के एक मैरिज गार्डन में बारात लेकर पहुंचा. शादी की रस्में शुरू हुईं, लेकिन जब फेरे लेने की बारी आई तो दूल्हे और उसके परिवार ने 10 लाख कैश और एक प्लॉट की डिमांड कर दी.

मामले की जानकारी देती हुई महिला थाने की थाना प्रभारी (ETV Bharat)

डिमांड नहीं पूरी हुई तो वापस हुई बारात

अचानक इस तरह की बात सामने आने से खुशी का माहौल तनाव में बदल गया. वधू पक्ष के लिए इतनी बड़ी रकम और प्लॉट का इंतजाम करना नामुमकिन था. ऐसे में जब दुल्हन के पिता ने दूल्हा पक्ष को समझाने की कोशिश की, तो दूल्हा डॉक्टर सतेंद्र बिना फेरे लिए अपना सेहरा उतारकर बारात के साथ वापस लौट गया.

ग्वालियर महिला थाना प्रभारी दीप्ति तोमर ने बताया कि, "दुल्हन पक्ष ने महिला थाने में अपने साथ हुई घटना को लेकर एक आवेदन दिया था. जिसमें पुलिस की ओर से काउंसलिंग भी करायी गई, लेकिन इससे भी बात नहीं बनी तो मामले में पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर होने वाले दूल्हे डॉक्टर सतेन्द्र वमन्या, उसके पिता लखन लाल, भाई जितेन्द्र उसकी बहन और मां के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है."

ग्वालियर: सामाजिक कुरीतियों में शामिल दहेज से न जाने कितने ही घर बर्बाद हो गए. कई रिश्ते जुड़ने से पहले ही टूट गए, लेकिन फिर भी इसपर लगाम नहीं लग पा रही है. ग्वालियर में एक सरकारी डॉक्टर पर दहेज की डिमांड पूरी न होने पर बारात वापस ले जाने का आरोप लगा है. जानकारी के अनुसार डॉक्टर ने शादी के समय फेरों से पहले लड़की वालों से 10 लाख कैश और एक प्लॉट की डिमांड की थी. लड़की पक्ष द्वारा डिमांड पूरी न किए जाने पर बगैर शादी के बारात वापस लौट गई थी.

दहेज के कारण बारात बिना दुल्हन

सरकारी नौकरी में इज्जत और पैसा दोनों ही मिलता है. अगर पद सरकारी डॉक्टर का हो तो क्या कहना. डॉक्टर की तुलना भगवान से होती है, लेकिन अगर कोई डॉक्टर खुद को बेचने में लग जाए तो सोचने वाली बात हो जाती है. बात अटपटी लग सकती है, लेकिन ऐसा मामला आया है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जहां एक शासकीय आयुर्वेदिक डॉक्टर ने अपनी शादी में दहेज की मांग की और जब लड़की वाले उसे पूरा करने में असमर्थ नजर आए, तो डॉक्टर दूल्हा बिना दुल्हन लिए बारात वापस ले चला गया. घटना 22 नवंबर 2024 की है. काउंसलिंग में असफल होने के बाद पुलिस ने अब मामला दर्ज किया है.

फेरों से ठीक पहले रखी डिमांड

दरअसल, शिवपुरी के खनियाधाना के रहने वाले सरकारी आयुर्वेद डॉ. सतेन्द्र वामन्या की शादी 22 फरवरी 2024 को ग्वालियर के थाटीपुर इलाके की रहने वाली रमा सिंह के साथ होना तय हुई थी. दुल्हन पक्ष के अनुसार पहले से दहेज के तौर पर किसी लेनदेन की कोई बात नहीं हुई थी. होने वाला दामाद सरकारी डॉक्टर था ऐसे में दुल्हन रमा सिंह के पिता जबर सिंह ने तिलक और सगाई में खूब खर्च किया. शादी के दिन दूल्हा अपने परिवार व नात रिश्तेदारों के साथ ग्वालियर के एक मैरिज गार्डन में बारात लेकर पहुंचा. शादी की रस्में शुरू हुईं, लेकिन जब फेरे लेने की बारी आई तो दूल्हे और उसके परिवार ने 10 लाख कैश और एक प्लॉट की डिमांड कर दी.

मामले की जानकारी देती हुई महिला थाने की थाना प्रभारी (ETV Bharat)

डिमांड नहीं पूरी हुई तो वापस हुई बारात

अचानक इस तरह की बात सामने आने से खुशी का माहौल तनाव में बदल गया. वधू पक्ष के लिए इतनी बड़ी रकम और प्लॉट का इंतजाम करना नामुमकिन था. ऐसे में जब दुल्हन के पिता ने दूल्हा पक्ष को समझाने की कोशिश की, तो दूल्हा डॉक्टर सतेंद्र बिना फेरे लिए अपना सेहरा उतारकर बारात के साथ वापस लौट गया.

ग्वालियर महिला थाना प्रभारी दीप्ति तोमर ने बताया कि, "दुल्हन पक्ष ने महिला थाने में अपने साथ हुई घटना को लेकर एक आवेदन दिया था. जिसमें पुलिस की ओर से काउंसलिंग भी करायी गई, लेकिन इससे भी बात नहीं बनी तो मामले में पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर होने वाले दूल्हे डॉक्टर सतेन्द्र वमन्या, उसके पिता लखन लाल, भाई जितेन्द्र उसकी बहन और मां के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है."

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