आगर। कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन में कई परिवार ने आर्थिक तंगी के चलते अपना पेशा बदल दिया है. आगर के सुसनेर में मजदूरी करने वाले लोग फल फ्रूट का ठेला लगा रहे हैं. चाय की दुकान बंद होने पर कुछ व्यक्तियों ने अब सब्जियां बेचना शुरू कर दिया है. लॉकडाउन के खत्म होने का सोचकर काफी दिनों तक इंतजार करने बाद अब लोग अपना पेशा बदलकर काम करने लगे हैं.
सुसनेर के मालीपुरा में रहने वाले गोपाल माली की चाय की होटल है जो कि लॉकडाउन के चलते पिछले डेढ़ महीने से बंद है. ऐसे में गृहस्थी चलाने के लिए अब उन्होंने सब्जी की दुकान लगाकर बेचना शुरू कर दिया है. गोपाल माली के अनुसार इस लॉकडाउन में परिवार चलाना मुश्किल हो रहा था, इसलिए यह धंधा शुरू किया है. नगर के युवा अमन सोनी सुबह के समय ब्रेड बेचते थे और दिन में एक दुकान पर काम करते थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते दुकाने बंद होने के कारण अपने परिवार को चलाने में सहयोग नहीं कर पा रहे थे. ऐसे में कुछ दिन इंतजार के बाद अमन ने फल-फ्रूट बेचने का फैसला किया और एक हाथ ठेला लेकर गली-गली में जाकर फल-फ्रूट बेच रहे हैं ताकि वे अपने परिवार की मदद कर सकें.
लॉकडाउन का असर गरीब और मजदूर वर्ग के साथ ही निम्न और मध्यमवर्गीय परिवारों पर भी पड़ा है. लगातार काम बंद रहने से परिवार के भरण-पोषण पर संकट आ गया है. ऐसे में कई हुनरमंद जो अपने पेशे के उस्ताद थे अब सब्जी और फल का ठेला लगा रहे हैं वह संघर्ष के समय नई राह की सीख दे रहे हैं. इनके अलावा भी सुसनेर में कई लोग ऐसे है जो हालातों से सिखकर अपने परिवार का भरण करने में लगे हुए हैं. इनका कहना है घर में खाली बैठकर मदद की राह देखने से तो अच्छा है कि काम बदलकर आर्थिक संकट का मुकाबला किया जाए.