ईटीवी भारत डेस्क : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह समय-समय पर एक राशि से दूसरी राशि में संचरण करते हैं. साथ ही कुछ ग्रह वक्री और मार्गी गति से भी संचरण करते है. ग्रहों के राजा सूर्यदेव कुंडली में पद, पिता, मान-सम्मान आदि के कारक है. सूर्यदेव सिंह (leo zodiac sign) राशि के स्वामी हैं. मेष इनकी उच्च तथा तुला नीच राशि कही गई है. सूर्य अब 13 फरवरी को कुंभ राशि (Kumbha Sankranti 2022) में प्रवेश करेंगे.
सूर्य उदय होने से पहले स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अर्घ्य देते समय सूर्यदेव की ओर न देखकर जल प्रवाह में सूर्य की किरणों की ओर देखें. अक्षत, गुड़, गंगाजल और कुमकुम के साथ तांबे के लोटे से अर्घ्य अर्पित करें. अर्घ्य देते समय मंत्रों का सात बार जाप करे. अर्घ्य देने के पश्चात सूर्यदेव से अपनी गलतियों की क्षमा मांगनी चाहिए. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.सूर्यदेव से स्वस्थ तन, मन व यश प्राप्ति की कामना करें.
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अगर आप सूर्यदेव की पूजा कर रहे हैं तो इन सरल मंत्रों (Surya Mantra) का जाप कर सकते हैं. इस परिवर्तन के साथ ही सूर्य कालपुरुष की कुंडली में एकादश भाव में गोचर करेंगे.एकादश स्थान को शुभ माना गया है.इस दिन रविवार त्रिपुष्कर योग और प्रीति योग होने से कुंभ संक्रांति का महत्व और बढ़ गया है.
ॐ मित्राय नम:, ॐ रवये नम:, ॐ सूर्याय नम:, ॐ भानवे नम:, ॐ घृणि सूर्याय नमः