आगर मालवा। जिले के सुसनेर के सालरिया गांव में स्थित गायों के संरक्षण के लिए एशिया का सबसे बड़ा गौ- अभयारण्य होने के बावजूद भी यहां गायों की दुर्दशा हो रही है. आलम ये है कि सड़कों पर भूखी प्यासी हजारों गाय घूम रही हैं. राहगीरों को तो परेशानी का सामना करना ही पड़ता है, कई गाय तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में भी आ आती हैं.
खास बात ये है कि सुसनेर में स्थित कामधेनु गौ-अभयारण्य में छह हजार गाय रखने की क्षमता है, बावजूद इसके गाय बाहर सड़कों पर ऐसे ही भटक रही हैं. जिले में हजारों ऐसी गाये हैं, जो भूखी प्यासी इधर से उधर भटकती रहती हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान दे रहा है.
दिन-रात के समय बीच सड़क पर सैकड़ों की तादात में गायें बैठी रहती हैं. जिससे आये दिन विवाद पैदा होता है. आम नागरिक से लेकर छोटे- बड़े वाहन चालकों को वाहन चलाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
पार्षद मनीष सोलंकी ने बताया कि गायों के सड़क पर होने के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है. प्रशासन गायों के संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम उठाए. वहीं कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि बारिश में अक्सर गाये सूखे स्थान की तलाश में सड़क पर ही आ जाती हैं. उन्होंने कहा कि गौ-अभयारण्य में ज्यादा से ज्यादा 6 हजार गाये रखी जा सकती हैं और मौजूदा वक्त में सुविधा के मुताबिक वहां गाय है,जबकि वहां केवल तीन हजार गाय ही रह रही हैं.