आगर मालवा। कोरोना वायरस के चलते पूरा देश लॉकडाउन है. शहर के साथ-साथ धार्मिक स्थल भी पूरी तरह से बंद है. ऐसे में पिछले 42 से अधिक सालों से बाबा बैजनाथ मंदिर में किया जा रहा अखंड रामायण पाठ अब भी जारी है. क्षेत्रवासियों की आस्था का केंद्र बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर विश्व प्रसिद्ध है. यहां आम दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के पट बंद हैं, लेकिन अखंड रामायण का पाठ निरंतर जारी रखा गया. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि इससे पहले भी कई आपदाएं और परेशानियां आईं लेकिन रामायण पाठ पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.
कोरोना वायरस से आमजन सचेत है, इसके संक्रमण से बचने के लिए लोग घरों में कैद हैं. कोई मंदिर ना जाये इसके लिए मंदिरों के पट भी बंद कर दिए गए हैं. इन्ही में से एक बाबा बैजनाथ महादेव का मंदिर भी शामिल है. मंदिर में सुबह-शाम पुजारियों द्वारा आरती की जाती है. उसी समय मंदिर के पट खुलते हैं, बाकी समय मंदिर बंद रहता है. हालांकि, मंदिर प्रांगण में 42 वर्षों पहले अखंड रामायण का पाठ शुरू किया गया था, जो कि वर्तमान में भी जारी है. एक समय में एक व्यक्ति यहां आता है और अपने निश्चित समय के अनुसार रामायण पाठ पढ़ता है.
कोरोना वायरस का रामायण पाठ पर नहीं पड़ा असर, बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर में जारी अखंड पाठ
आगर मालवा में लॉकडाउन के बाद भी बाबा बैजनाथ मंदिर में किया जा रहा अखंड रामायण पाठ अब भी जारी है.
आगर मालवा। कोरोना वायरस के चलते पूरा देश लॉकडाउन है. शहर के साथ-साथ धार्मिक स्थल भी पूरी तरह से बंद है. ऐसे में पिछले 42 से अधिक सालों से बाबा बैजनाथ मंदिर में किया जा रहा अखंड रामायण पाठ अब भी जारी है. क्षेत्रवासियों की आस्था का केंद्र बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर विश्व प्रसिद्ध है. यहां आम दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के पट बंद हैं, लेकिन अखंड रामायण का पाठ निरंतर जारी रखा गया. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि इससे पहले भी कई आपदाएं और परेशानियां आईं लेकिन रामायण पाठ पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.
कोरोना वायरस से आमजन सचेत है, इसके संक्रमण से बचने के लिए लोग घरों में कैद हैं. कोई मंदिर ना जाये इसके लिए मंदिरों के पट भी बंद कर दिए गए हैं. इन्ही में से एक बाबा बैजनाथ महादेव का मंदिर भी शामिल है. मंदिर में सुबह-शाम पुजारियों द्वारा आरती की जाती है. उसी समय मंदिर के पट खुलते हैं, बाकी समय मंदिर बंद रहता है. हालांकि, मंदिर प्रांगण में 42 वर्षों पहले अखंड रामायण का पाठ शुरू किया गया था, जो कि वर्तमान में भी जारी है. एक समय में एक व्यक्ति यहां आता है और अपने निश्चित समय के अनुसार रामायण पाठ पढ़ता है.