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आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेगा दूध, कामधेनु गौअभ्यारण्य में आयोजित कार्यक्रम में सीएम का ऐलान

आगर के कामधेनु गौअभ्यारण्य में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि एमपी में कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध मिलेगा, अंडा नहीं.

CM Shivraj announced to give milk instead of eggs in Anganwadis
आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेगा दूध
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Published : Nov 22, 2020, 10:02 PM IST

आगर-मालवा। सीएम शिवराज सिंह चौहान गोपाष्टमी के अवसर पर रविवार को सालरिया स्थित कामधेनु गौअभ्यारण्य पंहुचे. यहां गौ पूजन करने के बाद सीएम ने सभा को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 33 करोड़ देवी देवताओं का वास हम गौ माताओं में मानते हैं. अनादि काल से हमारे संतों ने, मुनियों ने गौ माता की सेवा की है, गौ माता की पूजा की है. इसी लिए हम ने फैसला किया है कि आगनबाड़ियों में अंडा नहीं गाय माता का दूध बांटा जाएगा.

आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेगा दूध

शिवराज सिंह ने कहा कि गोवंश संकट में है. गौ माताओं के जो श्रद्धा का भाव था, वह कहीं ना कहीं कम हुआ है. इसलिए लाखों की संख्या में गौवंश सड़कों पर भटक रहा है. हमने तय किया है कि अभ्यारण को ऐसे बना देंगे कि गौ माता कम से कम सड़कों पर तो नहीं भटकेगी. गौ माता का दूध अमृत का काम करता है कि इसलिए मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी में अब अंडा नहीं देंगे, कुपोषित बच्चों को अब दूध दिया जाएगा.

गौशाला संचालन के लिए बनेगा कानून

मुख्य मंत्री ने कहा कि गो-अभयारण्य में गो-संवर्धन अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा. गाय के गोबर का अधिक से अधिक उपयोग किया जाएगा. गो-मूत्र के औषधीय उपयोग में वृद्धि की जाएगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गाय के गोबर का अधिक से अधिक उपयोग होना चाहिए. पर्यावरण को बचाने में गो-काष्ठ का उपयोग व्यापक स्तर पर किया जाएगा. गोशालाओं के संचालन के लिए कानून बनाएंगे.

ये भी पढ़ें- आगर मालवा: सीएम शिवराज ने कामधेनु गौ अभ्यारण्य में किया गौ पूजन

32 करोड़ की लागत से बना था गौ अभ्यारण्य

आगर जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर सालरिया में कामधेनु गौ अभ्यारण का निर्माण हुआ था, 32 करोड़ की लागत से एशिया के एकमात्र इस गौ अभ्यारण्य की घोषणा जनवरी 2008 में शिवराज सिंह द्वारा की गई थी. 24 दिसंबर 2012 को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इसका भूमिपूजन किया था और 27 सितंबर 2017 को इसका विधिवत रूप से उद्घाटन किया गया. लेकिन इस अभ्यारण्य के शुरू होने के बाद से अभी तक यह अभ्यारण भी राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है, और हिंदू धर्म में पूजी जाने वाली गाय राजनीति की वस्तु बन गई है. 472 हेक्टेयर क्षेत्र में बने इस अभ्यारण में 6 हजार गायों को रखने की जगह है. लेकिन वर्तमान में यहां 3 हजार 950 गायों को रखा गया है.

ये भी पढ़ें-गौ-कैबिनेट की पहली बैठक से पहले गौ-अभ्यारण्य पहुंचा ईटीवी भारत, हालात देखकर दंग रह जाएंगे आप

ईटीवी भारत ने किया था रियलिटी चेक

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगर मालवा की जिस गौ अभ्यारण्य में गायों की पूजा की. उस गौ अभ्यारण्य का ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया था. ईटीवी भारत की टीम ने हर कंपाउंड का जायजा लिया तो स्थिति काफी गंभीर दिखाई दी थी. हर कंपाउंड में गाय बेसुध दिखाई दीं. कई जगह गायें मृत पड़ी हुई थीं तो कहीं पर गाय मरने का इंतजार कर रही थीं. इन तड़पती गायों की थोड़ी बहुत भी सुध लेने के लिए एक कर्मचारी भी वहां नहीं दिखाई दिया. कुछ कंपाउंड में तो गाय खून के आंसू रोती दिखाई दी, लेकिन ऐसे में इन गायों को किसी प्रकार का उपचार दिया जाता नहीं दिखाई दिया. तड़पती गायों को लेकर वहां तैनात पशु चिकित्सक से बात करना चाही तो उन्होंने बात करने से साफ इंकार कर दिया.

आगर-मालवा। सीएम शिवराज सिंह चौहान गोपाष्टमी के अवसर पर रविवार को सालरिया स्थित कामधेनु गौअभ्यारण्य पंहुचे. यहां गौ पूजन करने के बाद सीएम ने सभा को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 33 करोड़ देवी देवताओं का वास हम गौ माताओं में मानते हैं. अनादि काल से हमारे संतों ने, मुनियों ने गौ माता की सेवा की है, गौ माता की पूजा की है. इसी लिए हम ने फैसला किया है कि आगनबाड़ियों में अंडा नहीं गाय माता का दूध बांटा जाएगा.

आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेगा दूध

शिवराज सिंह ने कहा कि गोवंश संकट में है. गौ माताओं के जो श्रद्धा का भाव था, वह कहीं ना कहीं कम हुआ है. इसलिए लाखों की संख्या में गौवंश सड़कों पर भटक रहा है. हमने तय किया है कि अभ्यारण को ऐसे बना देंगे कि गौ माता कम से कम सड़कों पर तो नहीं भटकेगी. गौ माता का दूध अमृत का काम करता है कि इसलिए मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी में अब अंडा नहीं देंगे, कुपोषित बच्चों को अब दूध दिया जाएगा.

गौशाला संचालन के लिए बनेगा कानून

मुख्य मंत्री ने कहा कि गो-अभयारण्य में गो-संवर्धन अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा. गाय के गोबर का अधिक से अधिक उपयोग किया जाएगा. गो-मूत्र के औषधीय उपयोग में वृद्धि की जाएगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गाय के गोबर का अधिक से अधिक उपयोग होना चाहिए. पर्यावरण को बचाने में गो-काष्ठ का उपयोग व्यापक स्तर पर किया जाएगा. गोशालाओं के संचालन के लिए कानून बनाएंगे.

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32 करोड़ की लागत से बना था गौ अभ्यारण्य

आगर जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर सालरिया में कामधेनु गौ अभ्यारण का निर्माण हुआ था, 32 करोड़ की लागत से एशिया के एकमात्र इस गौ अभ्यारण्य की घोषणा जनवरी 2008 में शिवराज सिंह द्वारा की गई थी. 24 दिसंबर 2012 को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इसका भूमिपूजन किया था और 27 सितंबर 2017 को इसका विधिवत रूप से उद्घाटन किया गया. लेकिन इस अभ्यारण्य के शुरू होने के बाद से अभी तक यह अभ्यारण भी राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है, और हिंदू धर्म में पूजी जाने वाली गाय राजनीति की वस्तु बन गई है. 472 हेक्टेयर क्षेत्र में बने इस अभ्यारण में 6 हजार गायों को रखने की जगह है. लेकिन वर्तमान में यहां 3 हजार 950 गायों को रखा गया है.

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ईटीवी भारत ने किया था रियलिटी चेक

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगर मालवा की जिस गौ अभ्यारण्य में गायों की पूजा की. उस गौ अभ्यारण्य का ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया था. ईटीवी भारत की टीम ने हर कंपाउंड का जायजा लिया तो स्थिति काफी गंभीर दिखाई दी थी. हर कंपाउंड में गाय बेसुध दिखाई दीं. कई जगह गायें मृत पड़ी हुई थीं तो कहीं पर गाय मरने का इंतजार कर रही थीं. इन तड़पती गायों की थोड़ी बहुत भी सुध लेने के लिए एक कर्मचारी भी वहां नहीं दिखाई दिया. कुछ कंपाउंड में तो गाय खून के आंसू रोती दिखाई दी, लेकिन ऐसे में इन गायों को किसी प्रकार का उपचार दिया जाता नहीं दिखाई दिया. तड़पती गायों को लेकर वहां तैनात पशु चिकित्सक से बात करना चाही तो उन्होंने बात करने से साफ इंकार कर दिया.

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