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शवयात्रा के लिए सामाजिक संस्था आई आगे, मोक्ष वाहन कराया उपलब्ध

आगर जिले में शव वाहन की भारी समस्या को देखते हुए, समाजसेवी गोपाल सोनी ने अपने खर्च पर शहर को मोक्ष वाहन उपलब्ध कराया.

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Published : Dec 10, 2019, 2:56 PM IST

Citizens got salvation vehicle
शहरवासियों को उपलब्ध हुआ मोक्ष वाहन

आगर-मालवा। जिले में शव वाहन की भारी परेशानी है. जिससे कई बार जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदारों को अवगत कराया गया है, लेकिन सुध नहीं लेने पर शहर के एक समाजसेवी ने आगे कदम बढ़ाते हुए शहरवासियों को शहर की सालों पुरानी समस्या से निजात दिला दी है. समाजसेवी ने अपने निजी खर्च पर करीब 6 लाख रुपए का एक मोक्ष वाहन दिया है.

शहरवासियों को उपलब्ध हुआ मोक्ष वाहन

शहरवासियों की परेशानी हुई दूर

जिला बनने के बाद शहर की सीमा लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में किसी शव को शमशान तक ले जाने के लिए शवयात्रा में शामिल लोगों को पैदल लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. बारिश और गर्मी में पैदल चलने में परेशानी ज्यादा बढ़ जाती थी. इस परेशानी को अभी तक कोई भी जनप्रतिनिधि और जवाबदारों ने दूर करने की कोशिश नहीं की. जिसके लिए समाजसेवी गोपाल सोनी आगे आये.

आगर-मालवा। जिले में शव वाहन की भारी परेशानी है. जिससे कई बार जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदारों को अवगत कराया गया है, लेकिन सुध नहीं लेने पर शहर के एक समाजसेवी ने आगे कदम बढ़ाते हुए शहरवासियों को शहर की सालों पुरानी समस्या से निजात दिला दी है. समाजसेवी ने अपने निजी खर्च पर करीब 6 लाख रुपए का एक मोक्ष वाहन दिया है.

शहरवासियों को उपलब्ध हुआ मोक्ष वाहन

शहरवासियों की परेशानी हुई दूर

जिला बनने के बाद शहर की सीमा लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में किसी शव को शमशान तक ले जाने के लिए शवयात्रा में शामिल लोगों को पैदल लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. बारिश और गर्मी में पैदल चलने में परेशानी ज्यादा बढ़ जाती थी. इस परेशानी को अभी तक कोई भी जनप्रतिनिधि और जवाबदारों ने दूर करने की कोशिश नहीं की. जिसके लिए समाजसेवी गोपाल सोनी आगे आये.

Intro:आगर मालवा
-- शव वाहन की परेशानी को जब जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदारो ने नहीं समझा तो शहर के एक समाजसेवी आगे आए और शहर की वर्षो पुरानी समस्या से शहरवासियों को निजाद दिला दी। समाजसेवी ने अपने निजी खर्च पर करीब 6 लाख रुपये कीमत का एक मोक्ष वाहन शहर के लिए समर्पित किया इसके लिए न तो उन्होंने शासन की मदद ली और न ही ही किसी से कोई चंदा एकत्रित किया।


Body:बता दे कि जिला बनने के बाद शहर की सीमा लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में किसी शव को शमशान तक ले जाने के लिए शवयात्रा में शामिल लोगो को पैदल लंबी दूरी तय करना पड़ती थी। बारिश और गर्मी में पैदल चलने में परेशानी ज्यादा बड़ जाती थी। इस परेशानी को अभी तक कोई भी जनप्रतिनिधि और जवाबदारों ने दूर करने की कोशिश नहीं कि तो समाजसेवी गोपाल सोनी आगे आये।
बता दे कि गोपाल सोनी ने कुछ लोगो को साथ लेकर एक संस्था बनाई। इस संस्था के माध्यम से निजी तौर पर एक रथ के रूप में शव वाहन को डिजाइन कराया है। इस रथ में महाभारत की तर्ज पर आगे घोडे डिजाइन कराए गए है और सारथी के रूप में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति भी लगाई है। इस रथ को अब खुद के खर्च पर आम लोगो को फोन पर निशुल्क उपलब्ध करा रहे है। इस शव वाहन में डीजल और ड्रायवर सहित होने वाला खर्च वे स्वयं ही वहन करते है। लगभग 6 लाख से अधिक कीमत से इस शव वाहन को तैयार किया गया है। शव वाहन लोगो को आसानी से उपलब्ध हो जाए इसके लिए उन्होंने जगह-जगह अपने मोबाइल नंबर के बोर्ड भी लगाए है। जिससे फोन लगाने पर तत्काल वाहन तय स्थान पर पहुँच जाता है। गोपाल सोनी की इस पहल के बाद पूरे जिले में अब यह एक मात्र ही शव वाहन जिला मुख्यालय पर उपलब्ध है।


Conclusion:संस्था के गोपाल सोनी ने बताया कि शवयात्रा में लोगो को 3 से 4 किमी तक पैदल चलना पड़ता था इससे काफी परेशानी होती थी जब इस परेशानी को हमने समझा तो निर्णय लिया कि शहरवासियों को मोक्ष वाहन उपलब्ध कराएंगे लगभग दो माह से यह वाहन आम लोगो को आसानी से उपलब्ध हो रहा है। साथ ही संस्था द्वारा लावारिस लाश के साथ-साथ अत्यंत गरीब लोगों के दाह संस्कार की व्यवस्था भी उनके द्वारा की जाती है।
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