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इंदौर में पहली बार व्हाइट टॉपिंग पद्धति से बन रही सड़क, 50 साल तक रहेगी मेंटेनेंस फ्री - INDORE WHITE TOPPING ROAD

इंदौर में पहली बार व्हाइट टॉपिंग पद्धति से सड़क बनाई जा रही है. निर्माण के बाद 5 दिन के भीतर इसका उपयोग किया जा सकेगा.

INDORE WHITE TOPPING ROAD
इंदौर में व्हाइट टॉपिंग पद्धति से बन रहा है सड़क (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 18, 2024, 10:50 PM IST

इंदौर: शहर में अब व्हाइट टॉपिंग पद्धति के जरिए सड़क निर्माण की शुरुआत की गई है. इंदौर में व्यस्त ट्रैफिक और रात में सड़क निर्माण के लिए कम समय मिल पाने की स्थिति में इंदौर नगर निगम ने डामर की सड़क के बजाय पहली बार व्हाइट टैपिंग सड़क बनाने का निर्णय लिया है. जिसकी शुरुआत डेंटल कॉलेज चौराहे से लेकर आगरा बॉम्बे रोड तक तैयार किए जा रहे सड़क निर्माण कार्य से किया गया है.

'50 साल तक मेंटेनेंस फ्री सड़क'

महापौर पुष्पमित्र भार्गव ने बताया "इंदौर शहर की बहुत सारी सड़कें जो डामर की थीं, उन पर हर बार पैच वर्क की जरूरत होती थी. जिसके कारण लगातार सड़कों का मेंटेनेंस करना पड़ता था. अब इन सब परेशानियों से निजात पाई जा सकती है. अब डामरीकरण सड़क के बजाय व्हाइट टॉपिंग सड़क बनाई जा सकेगी. व्हाइट टॉपिंग सड़क निर्माण के 5 दिन के अंदर उपयोग में लाई जा सकेगी और अगले 20 से 50 साल तक मेंटेनेंस फ्री रहेगी."

व्हाइट टॉपिंग पद्धति सड़क (ETV Bharat)

ऐसी होती है व्हाइट टॉपिंग सड़क

दरअसल व्हाइट टॉपिंग सड़क को तैयार करने के लिए डामर की सड़क से डामर की लेयर हटा दी जाती है. इसके ऊपर क्यूरिंग कंपाउंड से तैयार सीमेंट कंक्रीट की करीब 3 से 4 इंच मोटी नई लेयर डाली जाती है. डामर की सड़क के नीचे मुरम, गिट्टी और अन्य सामग्री का बेस पहले से तैयार रहता है. इसलिए डामर की परत हटाने के बाद व्हाइट टॉपिंग सड़क में बेस तैयार करने की जरूरत नहीं पड़ती है, जिससे कम समय में यह सड़क तैयार हो जाती है. क्यूरिंग कंपाउंड मिलने से सड़क का सीमेंट कंक्रीट मैटेरियल 3 दिन में सेट हो जाता है. वहीं, सड़क पर अन्य मार्किंग और संसाधन लगाए जाने के बाद 5 दिन में सड़क उपयोग के लिए तैयार हो जाती है.

इंदौर: शहर में अब व्हाइट टॉपिंग पद्धति के जरिए सड़क निर्माण की शुरुआत की गई है. इंदौर में व्यस्त ट्रैफिक और रात में सड़क निर्माण के लिए कम समय मिल पाने की स्थिति में इंदौर नगर निगम ने डामर की सड़क के बजाय पहली बार व्हाइट टैपिंग सड़क बनाने का निर्णय लिया है. जिसकी शुरुआत डेंटल कॉलेज चौराहे से लेकर आगरा बॉम्बे रोड तक तैयार किए जा रहे सड़क निर्माण कार्य से किया गया है.

'50 साल तक मेंटेनेंस फ्री सड़क'

महापौर पुष्पमित्र भार्गव ने बताया "इंदौर शहर की बहुत सारी सड़कें जो डामर की थीं, उन पर हर बार पैच वर्क की जरूरत होती थी. जिसके कारण लगातार सड़कों का मेंटेनेंस करना पड़ता था. अब इन सब परेशानियों से निजात पाई जा सकती है. अब डामरीकरण सड़क के बजाय व्हाइट टॉपिंग सड़क बनाई जा सकेगी. व्हाइट टॉपिंग सड़क निर्माण के 5 दिन के अंदर उपयोग में लाई जा सकेगी और अगले 20 से 50 साल तक मेंटेनेंस फ्री रहेगी."

व्हाइट टॉपिंग पद्धति सड़क (ETV Bharat)

ऐसी होती है व्हाइट टॉपिंग सड़क

दरअसल व्हाइट टॉपिंग सड़क को तैयार करने के लिए डामर की सड़क से डामर की लेयर हटा दी जाती है. इसके ऊपर क्यूरिंग कंपाउंड से तैयार सीमेंट कंक्रीट की करीब 3 से 4 इंच मोटी नई लेयर डाली जाती है. डामर की सड़क के नीचे मुरम, गिट्टी और अन्य सामग्री का बेस पहले से तैयार रहता है. इसलिए डामर की परत हटाने के बाद व्हाइट टॉपिंग सड़क में बेस तैयार करने की जरूरत नहीं पड़ती है, जिससे कम समय में यह सड़क तैयार हो जाती है. क्यूरिंग कंपाउंड मिलने से सड़क का सीमेंट कंक्रीट मैटेरियल 3 दिन में सेट हो जाता है. वहीं, सड़क पर अन्य मार्किंग और संसाधन लगाए जाने के बाद 5 दिन में सड़क उपयोग के लिए तैयार हो जाती है.

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