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स्कूली बच्चाें ने पाश्चात्य संस्कृति का बहिष्कार कर किया माता-पिता का पूजन - Western culture

जिले के सुसनेर विकासखंड के बडिया गांव में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में भारतीय संस्कृति का निर्वहन करते हुए मातृ-पितृ पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया.

Parents worship
माता-पिता का पूजन
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Published : Feb 10, 2020, 7:15 PM IST

आगर-मालवा। जिले के सुसनेर विकासखंड के बडिया गांव में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में भारतीय संस्कृति का निर्वहन करते हुए मातृ-पितृ पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों ने फरवरी माह में चल रहे विभिन्न प्रकार के डे का बहिष्कार करते हुए माता-पिता का पूजन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया.

माता-पिता का पूजन


पूर्णिमा के अवसर पर हर साल की तरह इस साल भी रंगमंच और मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने अपने-माता-पिता का पूजन कर कार्यक्रम की शुरूआत की, उसके बाद एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां बच्चों ने दी.

आगर-मालवा। जिले के सुसनेर विकासखंड के बडिया गांव में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में भारतीय संस्कृति का निर्वहन करते हुए मातृ-पितृ पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों ने फरवरी माह में चल रहे विभिन्न प्रकार के डे का बहिष्कार करते हुए माता-पिता का पूजन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया.

माता-पिता का पूजन


पूर्णिमा के अवसर पर हर साल की तरह इस साल भी रंगमंच और मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने अपने-माता-पिता का पूजन कर कार्यक्रम की शुरूआत की, उसके बाद एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां बच्चों ने दी.

Intro:आगर मालवा जिलें के सुसनेर विकासखंड के ग्राम बडिया में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में भारतीय संस्कृतिक का निर्वहन करते हुएं मातृ-पितृ पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों ने फरवरी माह में चल रहे विभिन्न प्रकार के पाश्चात्य संस्कृतिक डे का बहिष्कार करते हुएं माता-पिता का पूजन कर उनसे आर्शीवाद प्राप्त किया। इस अवसर पर बडी संख्या में स्कूली बच्चे और उनके अभिभावक गण व िवद्यालय का स्टाफ मौजूद था।Body:कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम भारती के जिला सचिव लक्ष्मणसिंह राठौड ने की, मुख्य वक्ता ग्राम भारती के जिला प्रमुख जगदीशसिंह राठौड थे। इस दौरान धार्मिक व भारतीय संस्कृति पर आधारित नाटको का मंचन व नृत्य की प्रस्तुति विद्यालय के बच्चाें द्वारा दी जाएगी।Conclusion:दरअसल पूर्णिमा के अवसर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी रंगमंचीय एवं मातू-पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें बच्चों द्वारा अपने-माता-पिता का पूजन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। उसके पश्चात एक से बढकर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां बच्चों द्वारा दी गई।

विजुअल- माता पिता का पूजन करते हुएं।


राकेश बिकुन्दिया, न्यूज कन्ट्रीब्यूटर, सुसनेर विधानसभा।
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