आगर मालवा। जिले में लॉकडाउन की परेशानी झेल रहे गरीबों के सामने अब एक नई मुसीबत आकर खड़ी हो गई. जिस कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरा देश बंद है, गरीबों को राशन बांटने के लिए बायोमिट्रिक वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसे में उचित मूल्य दुकान संचालक और ग्राहक दोनों को संक्रमण का खतरा डरा रहा है. जहां दुकानदार दुकान से राशन वितरण नहीं कर रहे, वहीं ग्राहक खुद इस प्रक्रिया से माल खरीद कर जान जोखिम में नहीं डालना चाहता.
जिले में शहरी क्षेत्र की कुल 27 और ग्रामीण क्षेत्रों की 223 उचित मूल्य की दुकानों में दो माह का चावल भरा पड़ा है, जो गरीब के मुंह का निवाला बनने को तैयार है. मगर हर कोई सरकारी आदेशों के सामने विवश है. सरकार को जल्द ही इस मामले में कोई उचित निर्णय लेना चाहिए. नहीं तो हालात बेकाबू हो सकते हैं. अहीर मोहल्ला राशन दुकान के सेल्समैन राजेश चौहान ने बताया कि पूरी दुकान चावल से भरा है, लेकिन जब तक ऑफलाइन बिक्री के आदेश नहीं हो जाते, माल नही बेचूंगा. संक्रमण फैलने का डर है क्योंकि कई ग्राहक आएंगे. सबको सैनिटाइज करने के बाद भी संक्रमण का डर रहेगा. जिला आपूर्ति अधिकारी देवेन्द्र शर्मा का कहना है कि इस मामले से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है. जल्दी ही समस्या का हल निकल जायेगा.