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अंग्रेजों ने करवाया था इस शिव मंदिर का निर्माण, जानें क्या है इससे जुड़ी मान्यता

मध्यप्रदेश के आगर मालवा नगर में भगवान शिव श्री बैजनाथ महादेव का एक ऐसा ऐतिहासिक मंदिर है. जिसका जीर्णोद्धार तत्कालीन अंग्रेज सेना के एक अधिकारी ने करवाया था.

बैजानाथ महादेव मंदिर
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Published : Jul 29, 2019, 9:20 PM IST

आगर मालवा। मध्‍यप्रदेश के आगर मालवा में स्थित श्री बैजनाथ महादेव मंद‍िर बेहद मशहूर है. ये एक ऐसा अकेला मंद‍िर है जिसका जीर्णोद्धार अंग्रेजों ने करवाया था. माना जाता है कि एक अंग्रेज मह‍िला ने यहां अपने पति की सलामती की प्रार्थना की थी. जिसे भोलेनाथ ने खुद अवतरित होकर पूरा किया था. बाबा बैजनाथ महादेव मंद‍िर की लोगों के बीच बड़ी श्रद्धा है. माना जाता है कि यहां सच्चे मन से जो भी मुराद मांगी जाती है, वो जरूर पूरा होती है.

बैजानाथ महादेव मंदिर

अंग्रेज दंपत्ति ने कराया था मंदिर का पुन: निर्माण
लाखों लोगों की आस्था का केंद्र बना बाबा बैजनाथ महादेव का मंदिर 13वीं शताब्दी का बताया जाता है. 16वीं शताब्दी में बैजनाथ खेड़ा के लोगों ने यहां मठ जैसा छोटा सा मंदिर बनवाया था, लेकिन 1883 में आगर छावनी के अधिकारी कर्नल मार्टिन और उनकी पत्नी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था.

ये है मंदिर के पीछे की पूरी कहानी
बताया जाता है कि एक अंग्रेज कर्नल मार्ट‍िन अफगान युद्ध पर गए हुए थे और वहां से अपनी कुशलता का संदेश अक्‍सर पत्रों के जर‍िए अपनी पत्‍नी को भेजते थे. लेकिन कई द‍िनों के बाद ये पत्र का स‍िलस‍िला टूट गया और अनहोनी की आशंका ने मिसेज मार्टिन की चिंता बढ़ने लगी. जिसके बाद मिसेज मार्टिन ने भगवान भोलेनाथ के मंदिर में अपने पति मार्टिन की खैरियत के लिए पूजा अर्चना की. कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ ने अवतरित होकर मार्टिन की रक्षा की थी. मंदिर के जीर्णोद्धार की कहानी बाकायदा मंदिर परिसर में लगे एक शिलालेख में उल्लेखित भी है.

भक्तमण्डल के गंगाराम यादव बताते है कि यह चमत्कारिक मंदिर है. यहां भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं. दूर-दूर से यहां लोग आते हैं. खासतौर पर सावन में भक्तों का यहां सैलाब उमड़ता है. यहां के पुजारी मुकेश पूरी ने बताया कि भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो किसी अंग्रेज दंपति ने बनवाया है. यहां की लीला अद्भुद है. सभी प्रदेशों से यहां लोग आते हैं.

आगर मालवा। मध्‍यप्रदेश के आगर मालवा में स्थित श्री बैजनाथ महादेव मंद‍िर बेहद मशहूर है. ये एक ऐसा अकेला मंद‍िर है जिसका जीर्णोद्धार अंग्रेजों ने करवाया था. माना जाता है कि एक अंग्रेज मह‍िला ने यहां अपने पति की सलामती की प्रार्थना की थी. जिसे भोलेनाथ ने खुद अवतरित होकर पूरा किया था. बाबा बैजनाथ महादेव मंद‍िर की लोगों के बीच बड़ी श्रद्धा है. माना जाता है कि यहां सच्चे मन से जो भी मुराद मांगी जाती है, वो जरूर पूरा होती है.

बैजानाथ महादेव मंदिर

अंग्रेज दंपत्ति ने कराया था मंदिर का पुन: निर्माण
लाखों लोगों की आस्था का केंद्र बना बाबा बैजनाथ महादेव का मंदिर 13वीं शताब्दी का बताया जाता है. 16वीं शताब्दी में बैजनाथ खेड़ा के लोगों ने यहां मठ जैसा छोटा सा मंदिर बनवाया था, लेकिन 1883 में आगर छावनी के अधिकारी कर्नल मार्टिन और उनकी पत्नी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था.

ये है मंदिर के पीछे की पूरी कहानी
बताया जाता है कि एक अंग्रेज कर्नल मार्ट‍िन अफगान युद्ध पर गए हुए थे और वहां से अपनी कुशलता का संदेश अक्‍सर पत्रों के जर‍िए अपनी पत्‍नी को भेजते थे. लेकिन कई द‍िनों के बाद ये पत्र का स‍िलस‍िला टूट गया और अनहोनी की आशंका ने मिसेज मार्टिन की चिंता बढ़ने लगी. जिसके बाद मिसेज मार्टिन ने भगवान भोलेनाथ के मंदिर में अपने पति मार्टिन की खैरियत के लिए पूजा अर्चना की. कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ ने अवतरित होकर मार्टिन की रक्षा की थी. मंदिर के जीर्णोद्धार की कहानी बाकायदा मंदिर परिसर में लगे एक शिलालेख में उल्लेखित भी है.

भक्तमण्डल के गंगाराम यादव बताते है कि यह चमत्कारिक मंदिर है. यहां भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं. दूर-दूर से यहां लोग आते हैं. खासतौर पर सावन में भक्तों का यहां सैलाब उमड़ता है. यहां के पुजारी मुकेश पूरी ने बताया कि भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो किसी अंग्रेज दंपति ने बनवाया है. यहां की लीला अद्भुद है. सभी प्रदेशों से यहां लोग आते हैं.

Intro:आगर मालवा
-- अंग्रेजों ने भारत पर राज करने के दौरान यूं तो कई चर्च बनवाये लेकिन आगर जिले में स्थित बाबा बैजनाथ महादेव का मंदिर भारत का एक मात्र ऐसा मंदिर है जिसका निर्माण किसी अंग्रेज दंपति ने करवाया है। लाखो लोगो की आस्था का केंद्र बाबा बैजनाथ महादेव का मंदिर 13वी शताब्दी का बताया जाता है। वही 16वी शताब्दी में बैजनाथ खेड़ा के लोगो ने यहाँ मठ जैसा छोटा सा मंदिर व सभामंडप बनवाया उसके बाद सन 1883 में आगर छावनी के अधिकारी कर्नल मार्टिन व उनकी पत्नी ने कुछ सहायता राशि अपनी और से तथा जागीरदारों, रियासतों व जनता की वित्तीय सहायता से इस मंदिर का निर्माण करवाया। वर्तमान में सवाल माह के दौरान इस विशाल मंदिर में प्रतिदिन हजारों लोगों का आना होता है।


Body:बता दे आगर मालवा जिला अंग्रेजो के शासनकाल के समय छावनी हुवा करता था। यहाँ कर्नल मार्टिन अधिकारी के रूप में पदस्थ थे। 1882 में कर्नल मार्टिन युद्ध के लिए काबुल गए हुवे थे। इस दौरान वहां से वे अपनी कुशलता बताने के अपनी पत्नी मिसेज मार्टिन को पत्र लिखा करते थे लेकिन जब कुछ माह से कर्नल मार्टिन का पात्र आना बंद हो गया तो उनकी पत्नी को काफी चिंता सताने लगी। अपनी मायूसी दूर करने के लिए जब कर्नल मार्टिन की पत्नी बैजनाथ खेड़ा की और निकली तो वहाँ बने मठ में कुछ पंडित जलाभिषेख कर रहे थे मिसेज मार्टिन ने पंडितों से इसके विषय मे पूछा तो पंडितों ने बताया कि यह महादेव का मंदिर है यहाँ सभी की मुरादे पूरी होती है। यह सुनकर मिसेज मार्टिन अपने पति कर्नल मार्टिन की खेर के लिए वही पर पूजा-अर्चना करने लगी जानकारी अनुसार बताया जाता है कि कुछ दिनों के बाद कर्नल मार्टिन का पत्र मिसेज मार्टिन के पास आया जिसमे उन्होंने बताया कि युद्ध के दौरान काफी मुश्किलें आई तभी बैल पर सवार होकर हाथ मे त्रिशूल व शेर की खाल पहनकर कोई आया और कहा कि तुम्हारी पत्नी की पूजा से खुश होकर आया हूं और देखते ही देखते उन्होंने सभी का विनाश कर दिया। जब युद्ध से वापस लौटकर कर्नल मार्टिन अपनी पत्नी के पास आये तो दोनों ने अपनी बातें एक-दूसरे को बताई। इसको चमत्कार मानते हुवे दोनों ने बैजनाथ खेड़ा में भव्य मंदिर बनाने का संकल्प लिया और 11 हजार रुपये की सहायता राशि एकत्रित कर बैजनाथ महादेव के मंदिर बनाया। मंदिर के जीर्णोद्धार की कहानी बाकायदा मंदिर परिसर में लगे एक शिलालेख में उल्लेखित भी है।



Conclusion:भक्तमण्डल के गंगाराम यादव ने बताया कि यह चमत्कारिक मंदिर यहां भक्तों की मुरादे पूरी होती है। दूर-दूर से यहाँ लोग आते है। सावन में भक्तों का यहां सैलाब उमड़ता है।
यहां के पुजारी मुकेश पूरी ने बताया कि भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जो किसी अंग्रेज दंपति ने बनवाया है। यहां की लीला अद्भुद है। सभी प्रदेशो से यहाँ लोग आते है।
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