आगर मालवा। मध्यप्रदेश के आगर मालवा में स्थित श्री बैजनाथ महादेव मंदिर बेहद मशहूर है. ये एक ऐसा अकेला मंदिर है जिसका जीर्णोद्धार अंग्रेजों ने करवाया था. माना जाता है कि एक अंग्रेज महिला ने यहां अपने पति की सलामती की प्रार्थना की थी. जिसे भोलेनाथ ने खुद अवतरित होकर पूरा किया था. बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर की लोगों के बीच बड़ी श्रद्धा है. माना जाता है कि यहां सच्चे मन से जो भी मुराद मांगी जाती है, वो जरूर पूरा होती है.
अंग्रेज दंपत्ति ने कराया था मंदिर का पुन: निर्माण
लाखों लोगों की आस्था का केंद्र बना बाबा बैजनाथ महादेव का मंदिर 13वीं शताब्दी का बताया जाता है. 16वीं शताब्दी में बैजनाथ खेड़ा के लोगों ने यहां मठ जैसा छोटा सा मंदिर बनवाया था, लेकिन 1883 में आगर छावनी के अधिकारी कर्नल मार्टिन और उनकी पत्नी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था.
ये है मंदिर के पीछे की पूरी कहानी
बताया जाता है कि एक अंग्रेज कर्नल मार्टिन अफगान युद्ध पर गए हुए थे और वहां से अपनी कुशलता का संदेश अक्सर पत्रों के जरिए अपनी पत्नी को भेजते थे. लेकिन कई दिनों के बाद ये पत्र का सिलसिला टूट गया और अनहोनी की आशंका ने मिसेज मार्टिन की चिंता बढ़ने लगी. जिसके बाद मिसेज मार्टिन ने भगवान भोलेनाथ के मंदिर में अपने पति मार्टिन की खैरियत के लिए पूजा अर्चना की. कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ ने अवतरित होकर मार्टिन की रक्षा की थी. मंदिर के जीर्णोद्धार की कहानी बाकायदा मंदिर परिसर में लगे एक शिलालेख में उल्लेखित भी है.
भक्तमण्डल के गंगाराम यादव बताते है कि यह चमत्कारिक मंदिर है. यहां भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं. दूर-दूर से यहां लोग आते हैं. खासतौर पर सावन में भक्तों का यहां सैलाब उमड़ता है. यहां के पुजारी मुकेश पूरी ने बताया कि भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो किसी अंग्रेज दंपति ने बनवाया है. यहां की लीला अद्भुद है. सभी प्रदेशों से यहां लोग आते हैं.