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गणित, अंग्रेजी, संस्कृत जैसे कठिन विषयों को संगीत में पिरोने वाले शिक्षक दशरथ मसानिया के मुरीद हैं छात्र

आगर मालवा के उत्कृष्ट विद्यालय के शिक्षक दशरथ मसानिया अपने अलग अंदाज से बच्चों को पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं, मसानिया गणित, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत जैसे कठिन विषयों को अलग सुर-ताल देकर संगीत की धुन में बच्चों को तालीम देते हैं.

बच्चों को पढाते दशरथ मसानिया
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Published : Sep 5, 2019, 12:32 PM IST

अगर। गणित, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत जैसे कठिन विषयों को सरल बनाने का अनोखा तरीका इजाद करने वाले शिक्षक दशरथ मसानिया छात्रों को दोहा व कविता के रुप में आसानी से गाकर तालीम देते हैं. दशरथ मसानिया ने इन विषयों को चलीसा में तब्दील कर दिया है, जिससे स्कूल के बच्चे कक्षा में इन्हें दोहे और गीत की तरह गाकर अपने जहन में बैठा रहे हैं.

अलग अंदाज में पढाने के लिए फेमस है शिक्षक दशरथ मसानिया

बता दें कि इस अनोखे तरीके को हर कोई पसंद कर रहा है, साथ ही इस नवाचार की बदौलत बच्चे कठिन से कठिन सवालों के उत्तर हल कर लेते हैं. दशरथ मसानिया को शिक्षा के क्षेत्र में दर्जनों पुरस्कार मिल चुके हैं, इतना ही नहीं शिक्षक दिवस के मौके पर भोपाल में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में प्रदेश सरकार द्वारा मसानिया को सम्मानित भी किया गया.


उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य नंदकिशोर कारपेंटर ने बताया कि शिक्षक दशरथ मसानिया का नवाचार काबिले तारीफ है. वो कठिन प्रश्नों को भी अपने दोहों-चौपाइयों के माध्यम से आसान बना देते हैं. दूसरे स्कूलो में भी मसानिया के नवाचार के जरिये बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे बच्चे बोर नहीं होते हैं.

अगर। गणित, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत जैसे कठिन विषयों को सरल बनाने का अनोखा तरीका इजाद करने वाले शिक्षक दशरथ मसानिया छात्रों को दोहा व कविता के रुप में आसानी से गाकर तालीम देते हैं. दशरथ मसानिया ने इन विषयों को चलीसा में तब्दील कर दिया है, जिससे स्कूल के बच्चे कक्षा में इन्हें दोहे और गीत की तरह गाकर अपने जहन में बैठा रहे हैं.

अलग अंदाज में पढाने के लिए फेमस है शिक्षक दशरथ मसानिया

बता दें कि इस अनोखे तरीके को हर कोई पसंद कर रहा है, साथ ही इस नवाचार की बदौलत बच्चे कठिन से कठिन सवालों के उत्तर हल कर लेते हैं. दशरथ मसानिया को शिक्षा के क्षेत्र में दर्जनों पुरस्कार मिल चुके हैं, इतना ही नहीं शिक्षक दिवस के मौके पर भोपाल में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में प्रदेश सरकार द्वारा मसानिया को सम्मानित भी किया गया.


उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य नंदकिशोर कारपेंटर ने बताया कि शिक्षक दशरथ मसानिया का नवाचार काबिले तारीफ है. वो कठिन प्रश्नों को भी अपने दोहों-चौपाइयों के माध्यम से आसान बना देते हैं. दूसरे स्कूलो में भी मसानिया के नवाचार के जरिये बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे बच्चे बोर नहीं होते हैं.

Intro:आगर मालवा
-- गणित, हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत जैसे विषयों को सरल भाषा मे समझाने के जिला मुख्यालय पर स्थित उत्कृष्ट विद्यालय के शिक्षक दशरथ मसानिया ने एक शानदार नवाचार किया है। मसानिया ने इन विषयों को चालीसा के रूप में तब्दील कर दिया। अब इस स्कूल के बच्चे कक्षा में इन विषयों को दोहे व गीत गाकर अपने जहन में बिठा रहे है। इस शिक्षक द्वारा किये गए नवाचार को हर कोई पसन्द कर रहा है। मसानिया के इस नवाचार की बदौलत बच्चे आनंद के साथ दोहे पड़कर व गीत गाकर कठिन से कठिन प्रश्नों के उत्तर व गणित के सवाल हल कर देते है। वही इस नवाचार के चलते मसानिया को अभी तक शिक्षा के क्षेत्र में दर्जनों पुरस्कार मिल चुके है इतना ही नही आगामी शिक्षक दिवस के अवसर पर भोपाल में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में प्रदेश सरकार द्वारा मसानिया का सम्मान भी किया जाएगा।


Body:वर्तमान में बच्चों में पढ़ाई को लेकर बनने वाले मानसिक दबाव को कम करने व विषयो को सरल बनाने के उद्देश्य से शिक्षक दशरथ मसानिया ने हिंदी, गणित, अंग्रेजी, संस्कृत विषयो का अनुवाद चालीसा के रूप में कर दिया। गणित विषय को सरल बनाने के लिए नवाचार करते हुवे बच्चों को 5 प्रकार से पहाड़ो को आसान बना दिया। वही हिंदी की व्याकरण व अन्य कहानियों को समझने के लिए उन्हें सरल भाषा मे चालीसा में बदल दिया। छोटी सी किताब में चालीसा के माध्यम से बच्चो को पढ़ाया जाता है। बच्चे भी दोहा और चौपाइयों के रूप में रचित हिंदी चालीसा को बेहतर तरीके से याद कर लेते है। मासनिया इसी प्रकार अन्य विषयों को भी दोहे के माध्यम से बच्चों को पढ़ाते है।


Conclusion:उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य नंदकिशोर कारपेंटर ने बताया कि शिक्षक दशरथ मसानिया का नवाचार काबिले तारीफ है। कठिन प्रश्नों को भी वे अपने दोहों तथा चौपाइयों के माध्यम से आसान बना देते है। वही अन्य स्कूलो में भी मसानिया द्वारा किये गए नवाचार के जरिये बच्चों को पढ़ाया जाता। बच्चे भी बोर होने की बजाए आनंद से शिक्षा लेते है।
शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने वाले शिक्षक दशरथ मासनिया ने बताया कि वर्तमान में किताबो का काफी विस्तार हो गया है बच्चो इन किताबो को पढ़ने में काफी दिक्कत आती है इसके लिए मेरे द्वारा इन किताबो को चालिसा में बदलकर बच्चों को दोहो व चौपाइयों के माध्यम से पढ़ाया जाता। हिंदी चालीसा स्कूली बच्चों के साथ ही कॉलेज के बच्चे भी पड़ते है। वर्तमान में किसी भी विषय को दोहों व चौपाइयों के माध्यम से पढ़ाना काफी आसान है और बच्चे भी आनंदमय होकर पड़ते है।
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