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'बेटी की पेटी' की हुई शुरूआत, समस्याएं लिखकर प्रशासन को बता सकेंगी बेटियां

आगर-मालवा में कलेक्टर ने संजय कुमार ने बेटियों के लिए 'बेटी की पेटी' की शुरूआत की है. इसके माध्यम से बेटियां अपनी समस्याएं लिखकर प्रशासन को बता सकेंगी.

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Published : Oct 12, 2019, 5:30 PM IST

आगर-मालवा। कलेक्टर संजय कुमार ने बेटियों के लिए 'बेटी की पेटी' नाम का एक नया माध्यम तैयार किया है. इसके द्वारा जो बेटियां किसी दबाव के चलते अपनी समस्याएं नहीं बता पाती थीं, वे अब लिखकर प्रशासन को अपनी समस्याएं बता पाएंगी. पेटी उन सभी जगहों पर लगाई जाएगी, जहां से बालिकाओं का सीधा जुड़ाव है. इन पेटियों को कलेक्टर खुद अपने नियंत्रण में रखेंगे.

आगर-मालवा में हुई 'बेटी की पेटी' की शुरूआत

जिले के सभी हॉस्टल, थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ ही सार्वजनिक स्थानों और ग्राम स्तर पर 'बेटी की पेटी' शीर्षक देकर एक बंद पेटी रखी जायेगी. इसमें कोई भी बालिका किसी भी प्रकार की समस्या लिखकर डाल सकती है. निश्चित दिनांक को प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में ये पेटियां खोली जाएंगी.

कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि बालिकाएं परेशानी और अनकही बातें बता नहीं पाती हैं. लेकिन इस अनोखी पहल से निश्चित ही बालिकाओं की समस्याएं प्रशासन के सामने आएंगी और उनका निराकरण हो सकेगा. कलेक्टर ने कहा कि बाल विवाह, शैक्षणिक सहित अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए बालिकाएं निडर होकर समस्या लिखकर पेटी में डालें.

आगर-मालवा। कलेक्टर संजय कुमार ने बेटियों के लिए 'बेटी की पेटी' नाम का एक नया माध्यम तैयार किया है. इसके द्वारा जो बेटियां किसी दबाव के चलते अपनी समस्याएं नहीं बता पाती थीं, वे अब लिखकर प्रशासन को अपनी समस्याएं बता पाएंगी. पेटी उन सभी जगहों पर लगाई जाएगी, जहां से बालिकाओं का सीधा जुड़ाव है. इन पेटियों को कलेक्टर खुद अपने नियंत्रण में रखेंगे.

आगर-मालवा में हुई 'बेटी की पेटी' की शुरूआत

जिले के सभी हॉस्टल, थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ ही सार्वजनिक स्थानों और ग्राम स्तर पर 'बेटी की पेटी' शीर्षक देकर एक बंद पेटी रखी जायेगी. इसमें कोई भी बालिका किसी भी प्रकार की समस्या लिखकर डाल सकती है. निश्चित दिनांक को प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में ये पेटियां खोली जाएंगी.

कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि बालिकाएं परेशानी और अनकही बातें बता नहीं पाती हैं. लेकिन इस अनोखी पहल से निश्चित ही बालिकाओं की समस्याएं प्रशासन के सामने आएंगी और उनका निराकरण हो सकेगा. कलेक्टर ने कहा कि बाल विवाह, शैक्षणिक सहित अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए बालिकाएं निडर होकर समस्या लिखकर पेटी में डालें.

Intro:आगर मालवा
-- होस्टल या फिर कोई स्कूल हो हर वो जगह जहा स्कूली व कॉलेज में पड़ने वाली छात्राओं को अपनी परेशानियां व किसी के भय के कारण अनकही बाते बताने के लिए कलेक्टर संजय कुमार ने इन बालिकाओ के लिए एक नया माध्यम तैयार किया हैं। ये बालिकाएं बेटी की पेटी के माध्यम से अपनी समस्याएं लिखकर बता सकेगी इतना ही नही ये पेटी उन सभी जगहों पर लगाई जाएंगी जहा बालिकाओ का सीधा जुड़ाव है। वही इन पेटियों को कलेक्टर खुद अपने नियंत्रण में रखेंगे। निश्चित दिनांक को प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में ये पेटियां खोली जाएगी। इस अनोखी पहल से निश्चित ही बालिकाओ की समस्याएं प्रशासन के सामने आएंगी और उनका निराकरण हो सकेगा।


Body:बता दे बेटी की पेटी जिले के सभी होस्टल, थानों, आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ ही सार्वजनिक स्थानों व ग्राम स्तर पर बेटी की पेटी शीर्षक देकर एक बंद पेटी रखी जायेगी। इसमें बालिका किसी भी प्रकार की समस्या लिखकर डाल सकती है।
अमूमन देखा जाता है कि असामाजिक तत्वों से परेशानी व अन्य समस्याओं को लेकर बालिकाएं परेशान होती रहती है। इनका वे खुलकर विरोध भी नही कर पाती है। इंसी बात को ध्यान में रखते हुवे कलेक्टर ने यह अभिनव पहल शुरू की है।


Conclusion:कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि बालिकाएं परेशानी व अनकही बाते बता नही पाती है। उनकी परेशानी का निराकरण हो सके इसके लिए बेटी की पेटी हर उस जगह लगाई जाएगी जहा बालिकाओ का सीधा संबंध है। कागज पर अपनी परेशानी लिखकर वे इस पेटी में डाल सकेगी प्राप्त आवेदिकाओ की समस्या एवं सुझाव को गोपनीय रखा जाएगा। आने वाली समस्याओं का तत्काल निराकरण करवाया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि बाल विवाह, शैक्षणिक सहित अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए बालिकाएं निडर होकर लिखकर पेटी में डाले।
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