उज्जैन। घट्टीया तहसील के गांव गोदिया के ट्रेंचिंग ग्राउंड को लेकर प्रशासन ने जागने में देरी कर दी. यहां काफी समय बीत जाने के बावजूद प्रशासन ने ग्रामीणों की परेशानी का हल नहीं निकाला, जिससे परेशान होकर गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की. साथ ही बैनर-पोस्टर लगाकर विरोध प्रदर्शन किया.
ट्रेंचिंग ग्राउंड हटाने को लेकर 14 गांव के रहवासी लगातार प्रशासन से मांग कर रहे हैं. इसके बावजूद समस्या का हल नहीं होता देख ग्रामीणों ने पोस्टर अभियान शुरू किया था. लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इसे भी गंभीरता से नहीं लिया. गुरुवार को गंगेड़ी, राणाबड़, ब्रजराज खेड़ी, हासामपुरा, गोंदिया के ग्राामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया. ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर जगह-जगह 'ट्रेंचिंग ग्राउंड हटाओ, गांव बचाओ' के बैनर लगाकर अन्य लोगों से भी मतदान का विरोध करने की अपील की.
ट्रेंचिंग ग्राउंड के कारण प्रदूषित हवा और कचरा जलने का धुआं सालों से 14 गांवों में गंभीर बीमारियां फैल रही हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि इसी कारण 71 लोगों की अकाल मौतें भी हो चुकी हैं. मामले को लेकर बुधवार को ही कलेक्टर ने नगर निगम में बैठक ली थी. ग्रामीणों का कहना है कि वह चुनाव प्रचार के लिए किसी भी दल के प्रत्याशी को गांव में घुसने नहीं देंगे. मतदान के दिन वोटिंग में भी भागीदारी नहीं करेंगे.
निगम ने 2004 में गोंदिया में ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने की शुरुआत की थी. तब लोगों ने इसका जमकर विरोध किया था, जिसके कारण निगम ने काम रोक दिया था, लेकिन 2015 से यहां ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाकर शहर से निकलने वाला कचरा फेंका जा रहा है. महेंद्र देथलिया ने बताया कि निगम ने जो ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाया है उसमें 2017 से आग लगी थी, तब से कचरे से लगातार धुआं निकल रहा है.
रात में हवा की दिशा के साथ होने से गांव का वातावरण दूषित हो रहा है. वहीं लोगों को भी सांस की बीमारी ज्यादा होने लगी है. कलेक्टर शशांक मिश्रा का कहना है गांव के लोगों से इस संबंध में चर्चा की जाएगी. निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कहा कि गोंदिया में कचरे का प्रसंस्करण वैज्ञानिक आधार पर किया जा रहा है. मेडिकल कैंप एवं रिपोटर्स भी नॉर्मल है.