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Ujjain Mahakaleshwar Temple: सावन के आखिरी सोमवार पर महाकाल मंदिर में लगा भक्तों का तांता, करें भस्मी में बाबा के LIVE दर्शन

श्रावण मास के आखिरी सोमवार को भगवान महाकाल का विधि विधान से पंचामृत अभिषेक किया गया. इस दौरान पंडा, पुजारियों द्वारा बाबा को जल चढ़ाया गया, फिर दूध, घी, दही, शक्कर, शहद से अभिषेक हुआ. बड़ी संख्या में भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन किये. आज शाम को बाबा नगर भ्रमण पर भी निकलेंगे.(Ujjain Mahakaleshwar temple) (Crowd of devotees gathered in Mahakal Temple)

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उज्जैन बाबा महाकालेश्वर मंदिर
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Published : Aug 8, 2022, 7:30 AM IST

उज्जैन। सावन पर्व के आखिरी सोमवार को आज बड़ी संख्या में श्रद्धालु मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर (Ujjain Mahakaleshwar Temple) पहुंचे. अलसुबह 2:30 बजे बाबा के पट खोले गए. इसके बाद पंडे पुजारियों द्वारा जल चढ़ाया गया. फिर महाकालेश्वर का दूध, घी, दही, शक्कर, शहद से पंचामृत अभिषेक किया गया. अभिषेक के बाद बाबा का श्रृंगार कर भस्म आरती की गई. भस्मारती के बाद बाबा का मनमोहक विशेष श्रृंगार किया गया. आज शाम 4 बजे बाबा महाकाल पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे.

BABA MAHAKAL MAKEUP ON 8 AUGUST 2022
सावन के आखिरी सोमवार पर राजा के रूप में हुआ महाकाल का श्रृंगार

बाबा महाकाल का राजा के रूप में हुआ श्रृंगार: पंडा, पुजारियों द्वारा बाबा महाकाल को आज भांग और अबीर, चंदन से श्रृंगार कर तैयार किया, वहीं बाबा महाकाल को आज राजा के रूप में चांदी के आभूषण से तैयार किया और बाबा महाकाल को चांदी का त्रिपुण्ड, चांदी का चन्द्र, चांदी के त्रिनेत्र और कान में नाग देवता से श्रृंगार किया गया. मदिर और महाकाल को फूलों से सजाया गया, भगवान महाकाल के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम चीजों से बाबा को सजाकर राजा के रूप में तैयार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाए गए, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया.

BABA MAHAKAL MAKEUP ON last sawan somvar 2022
भस्मी में बाबा महाकाल का आज का श्रृंगार

4th Sawan Somwar: शिव की नगरी 'जुन्नारदेव विशाला', भस्मासुर से डरकर इन्हीं गुफाओं में छिपे थे भोलेनाथ,आज भी बहती है अविरल जलधारा

2:30 बजे खोले गए मंदिर के पट: उज्जैन महाकाल मंदिर के पुजारियों द्वारा सावन माह में सुबह 2:30 बजे ही बाबा महाकाल मंदिर के पट खोल कर भस्म आरती की तैयारी कर मनमोहक श्रृंगार किया जाता है. आज इस दौरान पुजारियों ने मिलकर बाबा की लगभग 1 घंटे तक आनंदमयी भस्म आरती की और बाबा की. भक्तों ने इस दुर्लभ भस्म आरती का दर्शन लाभ प्राप्त किया. श्रावण मास में दर्शनार्थियों की संख्या आम दिनों से दो गुना हो जाती है.

Ujjain Mahakaleshwar Temple 4th Sawan Somwar
नंदी महाराज के दर्शन

बाबा की एक छलक देख कर सौभाग्यशाली हुए भक्त: पिछले 2 वर्षों से कोरोना काल के कारण श्रद्धालु सावन माह में बाबा की भस्म आरती का लाभ नहीं ले पा रहे थे. इस वर्ष सभी भक्त बड़े उत्साह के साथ बाबा के दर्शन करने पहुंचे और काफी प्रसन्न दिखाई दिए. सावन माह में देश और प्रदेश से श्रद्धालु 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने उज्जैन आते हैं. बाबा के दर्शन पाकर वह अपने आप को सौभाग्यशाली समझते हैं. इसी के चलते आज बाबा की भस्म आरती में आस्था का सैलाब दिखाई दिया. यहां भक्तों के जयकारों से शिवालय गूंज उठा.(Crowd of devotees gathered in Mahakal Temple)

नगर भ्रमण पर निकलेंगे बाबा महाकाल: आज सावन के आखिरी सोमवार को भी शाम 4 बजे भगवान महाकाल पालकी में सवार होकर महाकाल मंदिर के बाहर आएंगे. यहां पर सबसे पहले पुलिस बल बाबा महाकाल को गॉड ऑफ ऑनर देंगे. जिसके बाद पुलिस बैंड बाबा को सलामी देते हुए आगे चलेंगे. बाबा महाकाल की पालकी के साथ-साथ भजन मंडली भी चलेगी. 2 साल बाद बाबा महाकाल अपने पुराने मार्ग से होते हुए शिप्रा नदी पहुंचेंगे. यहां बाबा महाकाल की पालकी का मां शिप्रा के जल से पूजन अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद पामाका नगर में भ्रमण करते हुए पुनः महाकाल मंदिर पहुंचेंगे जहां पालकी का समापन होगा.

उज्जैन। सावन पर्व के आखिरी सोमवार को आज बड़ी संख्या में श्रद्धालु मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर (Ujjain Mahakaleshwar Temple) पहुंचे. अलसुबह 2:30 बजे बाबा के पट खोले गए. इसके बाद पंडे पुजारियों द्वारा जल चढ़ाया गया. फिर महाकालेश्वर का दूध, घी, दही, शक्कर, शहद से पंचामृत अभिषेक किया गया. अभिषेक के बाद बाबा का श्रृंगार कर भस्म आरती की गई. भस्मारती के बाद बाबा का मनमोहक विशेष श्रृंगार किया गया. आज शाम 4 बजे बाबा महाकाल पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे.

BABA MAHAKAL MAKEUP ON 8 AUGUST 2022
सावन के आखिरी सोमवार पर राजा के रूप में हुआ महाकाल का श्रृंगार

बाबा महाकाल का राजा के रूप में हुआ श्रृंगार: पंडा, पुजारियों द्वारा बाबा महाकाल को आज भांग और अबीर, चंदन से श्रृंगार कर तैयार किया, वहीं बाबा महाकाल को आज राजा के रूप में चांदी के आभूषण से तैयार किया और बाबा महाकाल को चांदी का त्रिपुण्ड, चांदी का चन्द्र, चांदी के त्रिनेत्र और कान में नाग देवता से श्रृंगार किया गया. मदिर और महाकाल को फूलों से सजाया गया, भगवान महाकाल के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम चीजों से बाबा को सजाकर राजा के रूप में तैयार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाए गए, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया.

BABA MAHAKAL MAKEUP ON last sawan somvar 2022
भस्मी में बाबा महाकाल का आज का श्रृंगार

4th Sawan Somwar: शिव की नगरी 'जुन्नारदेव विशाला', भस्मासुर से डरकर इन्हीं गुफाओं में छिपे थे भोलेनाथ,आज भी बहती है अविरल जलधारा

2:30 बजे खोले गए मंदिर के पट: उज्जैन महाकाल मंदिर के पुजारियों द्वारा सावन माह में सुबह 2:30 बजे ही बाबा महाकाल मंदिर के पट खोल कर भस्म आरती की तैयारी कर मनमोहक श्रृंगार किया जाता है. आज इस दौरान पुजारियों ने मिलकर बाबा की लगभग 1 घंटे तक आनंदमयी भस्म आरती की और बाबा की. भक्तों ने इस दुर्लभ भस्म आरती का दर्शन लाभ प्राप्त किया. श्रावण मास में दर्शनार्थियों की संख्या आम दिनों से दो गुना हो जाती है.

Ujjain Mahakaleshwar Temple 4th Sawan Somwar
नंदी महाराज के दर्शन

बाबा की एक छलक देख कर सौभाग्यशाली हुए भक्त: पिछले 2 वर्षों से कोरोना काल के कारण श्रद्धालु सावन माह में बाबा की भस्म आरती का लाभ नहीं ले पा रहे थे. इस वर्ष सभी भक्त बड़े उत्साह के साथ बाबा के दर्शन करने पहुंचे और काफी प्रसन्न दिखाई दिए. सावन माह में देश और प्रदेश से श्रद्धालु 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने उज्जैन आते हैं. बाबा के दर्शन पाकर वह अपने आप को सौभाग्यशाली समझते हैं. इसी के चलते आज बाबा की भस्म आरती में आस्था का सैलाब दिखाई दिया. यहां भक्तों के जयकारों से शिवालय गूंज उठा.(Crowd of devotees gathered in Mahakal Temple)

नगर भ्रमण पर निकलेंगे बाबा महाकाल: आज सावन के आखिरी सोमवार को भी शाम 4 बजे भगवान महाकाल पालकी में सवार होकर महाकाल मंदिर के बाहर आएंगे. यहां पर सबसे पहले पुलिस बल बाबा महाकाल को गॉड ऑफ ऑनर देंगे. जिसके बाद पुलिस बैंड बाबा को सलामी देते हुए आगे चलेंगे. बाबा महाकाल की पालकी के साथ-साथ भजन मंडली भी चलेगी. 2 साल बाद बाबा महाकाल अपने पुराने मार्ग से होते हुए शिप्रा नदी पहुंचेंगे. यहां बाबा महाकाल की पालकी का मां शिप्रा के जल से पूजन अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद पामाका नगर में भ्रमण करते हुए पुनः महाकाल मंदिर पहुंचेंगे जहां पालकी का समापन होगा.

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