ईटीवी भारत डेस्क : हिन्दू धर्म में मान्यता है की रंगपंचमी के दिन को देवता होली मनाते हैं. इस दिन आसमान में गुलाल फेंका जाता है. मान्यता है कि गुलाल जब वापस लोगों पर गिरता है तो इससे लोगों के पाप कटते हैं और उनके जीवन में सकारात्मकता आती है. जानिए रंग पंचमी से जुड़ी खास बातें.
चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है. ये पर्व होली के पांचवे दिन मनाया जाता है. इस साल रंगपंचमी 2022 का पर्व 22 मार्च मंगलवार को मनाया जाएगा. ऐसे में यहां जानिए रंग पंचमी का महत्व (Importance of Rang Panchami) और इस दिन से जुड़ी खास बातें. रंगपंचमी का ये पर्व वैसे तो देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर (मालवा क्षेत्र) की रंगपंचमी पूरे देश में प्रसिद्ध है. इस दिन इंदौर में बड़ा जुलूस निकला जाता है. इस जुलूस में आसमान में गुलाल उड़ाया जाता है, गुलाल का ये दृश्य बहुत सुंदर होता है.
ये भी पढ़ें: सभी राशियों का वार्षिक राशिफल
ये है रंग पंचमी का महत्व
रंग पंचमी के दिन अबीर और गुलाल को आसमान की ओर उड़ाया जाता है. ये गुलाल देवी-देवताओं को अर्पित किए जाते हैं. मान्यता है कि रंग-बिरंगे गुलाल की खूबसूरती देखकर देवता प्रसन्न होते हैं और इससे पूरा वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है. इस प्रकार आसमान में फेंका गुलाल जब वापस निचे लोगों पर गिरता है तो इससे सभी व्यक्तियों के नकारात्मक गुणों का नाश होता है और सात्विक गुणों में वृद्धि होती है. Importance of Rang Panchami celebration 22 march.
राधा कृष्ण के पूजन का दिन
रंगपंचमी को राधा कृष्ण के पूजन (Radha Krishna worship on Rang Panchami) का दिन माना जाता है और उन्हें अबीर और गुलाल अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन श्री कृष्ण ने राधा पर रंग डाला था। इसी की याद में रंगपंचमी का ये पर्व मनाया जाता है. रंगपंचमी देवी देवताओं को समर्पित होती है. मान्यता है कि रंगपंचमी पर पवित्र मन से पूजा पाठ करने से देवी देवता स्वयं अपने भक्तों को आशीर्वाद देने आते हैं. कहा जाता है कि इससे व्यक्ति की कुंडली में मौजूद दोष भी समाप्त हो जाते हैं और जीवन में प्यार भर जाता है. कई जगहों पर रंग पंचमी को श्रीपंचमी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन माता लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु की पूजा का भी विधान है.