उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष 17 मार्च को देर शाम करीब 7 बजे होलिका दहन किया जाएगा व 18 मार्च शुक्रवार को भष्मारती के बाद धुलंडी का पर्व मनाया जाएगा. इसके साथ ही परम्परानुसार शनिवार 19 मार्च से श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग की आरतियों के समय में परिवर्तन किया जाएगा.
विश्व में सबसे पहले होली का त्यौहार उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में मनाया जाता है और इसी उत्साह को देखने के लिए अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालु उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर पहुंचते हैं. श्रद्धालु होली के ठीक 1 दिन पहले बाबा महाकाल () की संध्या आरती में शामिल होते हैं और जमकर गुलाल और फूलों की होली होती है. इसके बाद बाबा महाकाल के आंगन में होलिका दहन किया जाता है. श्रद्धालु बड़े उत्साह के साथ बाबा के साथ होली का त्यौहार मनाने के लिए उज्जैन पहुंचते हैं. बाबा के आंगन में होलिका दहन के बाद पूरी दुनिया में होली का त्यौहार बनाया जाता है.
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सबसे पहले बाबा का आशीर्वाद
मंदिर समिति ने जानकारी दी है कि भगवान श्री महाकालेश्वर की संध्या काल आरती में सबसे पहले बाबा को गुलाल अर्पित किया जाएगा, आरती के पश्चात श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में ओंकारेश्वर मंदिर के सामने होलिका के विधिवत पूजन-अर्चन के पश्चात होलिका दहन किया जाएगा.दूसरे दिन 18 मार्च धुलण्डी (रंग खेला जाएगा) के दिन ब्रह्ममुहूर्त में होने वाली 4 बजे भष्मारती में सबसे पहले बाबा श्री महाकालेश्वर को मंदिर के पुजारी-पुरोहितों द्वारा रंग व गुलाल लगाया जाएगा और 19 मार्च से परम्परानुसार ऋतु-परिवर्तन के कारण ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर की श्री महाकालेश्वर की भष्मारती और शयन आरती को छोड़कर सभी आरती एक नए समय पर होंगी. ये समय सारणी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक लागू रहेगी. Holi festival celebration in mahakaleshwar temple Ujjain
बदलता है आरतियों का समय
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी महेश गुरु ने बताया कि साल में दो बार बाबा महाकाल की आरतियों का समय बदलता है. फाल्गुन मास में गर्मी की शुरुआत में और कार्तिक मास में ठंड की शुरुआत में.
ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर की आरतियों का समय
- बाबा महाकाल की भष्मारती - सुबह 04:00 से 06:00 बजे तक
- दद्योदक आरती - सुबह 07:00 से 07:45 बजे तक होगी
- भोग आरती - सुबह 10:00 से 10:45 बजे तक
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- सांयकालीन पूजन - शाम 05:00 से 05:45 बजे तक
- संध्या आरती - 07:00 से 07:45 बजे तक
- शयन आरती - रात्रि 10:30 ये 11:00 बजे तक होगी
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उज्जैन के महाकाल धाम में हर पर्व को परंपरानुसार मनाया जाता है.फाल्गुन माह में होलिका दहन का आयोजन किया जाता है. 17 मार्च को बाबा के आंगन में चंदन के वृक्ष व ध्वज लगाकर पूजन किया जाएगा। उसके बाद होलिका दहन होगा जिसके बाद ही संपूर्ण विश्व में होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है. रंग-गुलाल उड़ाया जाता है. इसी प्रकार सुबह भोर में भष्मारती के समय बाबा को गुलाल लगाकर पर्व की शुरुआत होती है, महाकाल मंदिर में होली का उत्सव रंगपंचमी तक चलेगा और सभी श्रद्धालु बाबा के साथ इस पर्व को मनाते हैं.