उज्जैन। महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण के दौरान खुदाई में करीब 11वीं शताब्दी का 1000 वर्ष पुराना परमार कालीन मंदिर का ढांचा मिला है. मंदिर का पूरा स्ट्रेक्चर साफ-साफ दिखाई दे रहा है, परमार कालीन वास्तुकला का बेहद खूबसूरत मंदिर अब दिखाई देने लगा है.
![1000 year old temple](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12452247_sss.png)
जमीन से निकला 1000 वर्ष पुराना मंदिर
30 मई को महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के अगले हिस्से में खुदाई के दौरान मिली माता की प्रतिमा और स्थापत्य खंड की जानकारी जैसे ही संस्कृति विभाग को लगी, उन्होंने तुरंत पुरातत्व विभाग भोपाल की एक चार सस्दय टीम को उज्जैन के महाकाल मंदिर में भेजा, उज्जैन पहुंची चार सदस्य टीम ने बारीकी से मंदिर के उत्तर भाग और दक्षिण भाग का निरीक्षण किया.
![1000 year old temple](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12452247_rrr.png)
ग्यारहवीं-बारहवीं शताब्दी का बताया जा रहा मंदिर
टीम को लीड कर रहे पुरातत्वीय अधिकारी डॉ रमेश यादव ने बताया कि ग्यारहवीं-बारहवीं शताब्दी का मंदिर नीचे दबा हुआ है, जो की उत्तर वाले भाग में है, वहीं दक्षिण की ओर चार मीटर नीचे एक दीवार मिली है, जो करीब करीब 2,100 साल पुरानी हो सकती है.
![1000 year old temple](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12452247_rrr.png)
पहले भी निकल चुकी हैं कई मुर्तियां
उज्जैन महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान एक के बाद एक पुरतत्व धरोहर निकलती जा रही है, आलम ये है कि जिस जगह पुरातत्व अधिकारियों के निर्देशन में खुदाई चल रही है, उस जगह पर पुरातत्व नजरिये से बेहद अहम मूर्तियों का ढेर लग चुका है.
पुरातत्व विभाग भोपाल के अधिकारी डॉ रमेश यादव ने बताया कि अभी कहना मुश्किल है कि खुदाई में बाहर आया मंदिर किसका है, लेकिन बेहद अहम है कि इसकी स्टीडी की जायेगी, बहुत सारा काम अभी बाकी है, मंदिर को एक्सपोज होना अभी बाकी है, सभी मूर्तियों का मंदिर के स्ट्रैक्चर का एलाइनमेंट होगा, उसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पंहुचा जा सकता है, जब पूरी स्टडी होगी, तब ये भी पता चल सकेगा कि मंदिर किस स्टाइल का है.
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि पुरातत्व अधिकारियों के मार्ग दर्शन में ही मुर्तियों को निकाला जा रहा है, पुरातत्व अवशेष को बचाना है, इस वजह से काम धीमे चल रहा है. जो मुर्तियां मिली हैं, उन्हें पुरातत्व अधिकारियों के निर्देश में ही रखा गया है.
मंदिर में विश्राम भवन निर्माण के लिए खोदी गई थी जमीन
उज्जैन में साल 2020 में भी महाकाल मंदिर से करीब 1000 साल पुराने अवशेष मिले थे, इस बार पुराना मंदिर मिला है, बता दें कि मंदिर के पास विश्राम भवन बनाया जाना है, इसलिए यहा खुदाई कराई जा रही थी, लेकिन खुदाई के दौरान 1000 साल पुराना मंदिर मिलने के बाद इस काम को रोक दिया गया है, वहीं पुरातत्व विभाग और आर्कियोलॉजी की टीम ने महाकाल मंदिर में आकर अवशेषों का निरीक्षण किया.
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अभिलेखागार एवं संग्रहालय के चार सदस्य कर रहे निरीक्षण
संस्कृति मंत्रालय के आदेश पर भोपाल संचनालय पुरातत्व,अभिलेखागार एवं संग्रहालय के चार सदस्य डॉ रमेश यादव ( पुरातत्वीय अधिकारी ), डॉ धुवेंद्र सिंह जोधा ( शोध सहायक ), योगेश पाल ( पर्यवेक्षक ) और डॉ राजेश कुमार आर्कियोलॉजिस्ट की टीम ने भी मंदिर में आकर निरीक्षण किया, अब डॉ रमेश यादव और उनकी टीम लगातार मंदिर में निरीक्षण करने आ रही है.