सागर। नगर निगम के महापौर चुनाव के लिए कांग्रेस ने हफ्ते भर पहले प्रत्याशी तय कर दिया था, जिस पर गुरुवार को अधिकृत घोषणा भी कर दी गई. एक तरफ कांग्रेस प्रत्याशी का जनसंपर्क तेज गति से चल रहा है, तो सत्ताधारी दल भाजपा में महापौर प्रत्याशी के लिए मंथन ही चल रहा है. ऐसी स्थिति में भाजपा से किसको टिकट मिलेगा, इसको लेकर तरह-तरह की कयास लगाए जा रहे हैं.(Sagar Urban Body Election)
अब देवरानी के खिलाफ जेठानी को मैदान में उतारने की चर्चा: सियासत में कुछ भी हो सकता है, इसी बात को ध्यान रखकर शहर के सियासी गलियारों में एक चर्चा जोर पकड़ रही है कि बीजेपी शैलेंद्र जैन की पत्नी अनु जैन को महापौर प्रत्याशी बना सकती है. बीजेपी ने अभी तक प्रत्याशी के नाम की घोषणा भी नहीं की है, लेकिन अगर ये अटकल सच साबित होती है, तो मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा. क्योंकि महापौर पद के लिए जेठानी और देवरानी में सीधी टक्कर होगी, सुनील जैन सागर से बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन के छोटे भाई हैं, और सुनील की पत्नी निधि जैन शैलेंद्र जैन की पत्नी अनु जैन की देवरानी हैं. इस तरह से बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन अब अपनी बहू निधि जैन के खिलाफ प्रचार करते नजर आएंगे.
ये कहना है बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन की पत्नी अनू जैन का: महापौर प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा को लेकर बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन की पत्नी अनु जैन का कहना है कि "इन चर्चाओं को लेकर में एक ही बात कह सकती हूं कि ये बात मेरे कानों तक नहीं आई है. भाजपा में बहुत सारी सक्रिय नेत्रियां हैं, जिन्होंने पार्टी को बहुत साल दिए हैं. भाजपा एक बहुत अच्छा संगठन है, बहुत सोच विचार कर निर्णय करता है. प्रदेश अध्यक्ष यहां आए थे, तो उन्होंने बहुत अच्छी बात बोली थी कि हम अपनी वर्किंग के हिसाब से उम्मीदवार तय करेंगे. हम कांग्रेस को देखकर जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेंगे, तो मुझे लगता है कि जो भी निर्णय होगा, वो अच्छा होगा. जो भी प्रत्याशी होगा, उसके साथ बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करूंगी, उतना ही काम करूंगी जितना पतिदेव के चुनाव में काम किया था. मुझे पूरी उम्मीद है कि बीजेपी आएगी और बहुत अच्छा मेयर चुनकर लाएगी."
ये कहना है बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन का : पत्नी को महापौर प्रत्याशी बनाए जाने की अटकलों के बीच शैलेंद्र जैन ने कहा है कि "वह नॉन पॉलिटिकल है, मैं आपको ईमानदारी से बताऊं और उनकी रूचि की बात करूं तो 2018 के पहले वह राजनीति की बात ही नहीं करना चाहती थीं. 2018 में जब मेरा चुनाव हुआ, तब वह पहली बार निकली और महिलाओं के बीच गई और उनसे बातचीत की. राजनीति में उनको इतनी ही रुचि है, अभी मेरे बच्चे भी छोटे हैं. मेरी बेटी तो सिर्फ छह माह की है, मुझे लगता है कि बेटी को मां की आवश्यकता है. वह सागर शहर के लिए पूरा समय नहीं दे पाएंगी, इसलिए वह इस रेस में नहीं है. हम लोगों ने पार्टी से आग्रह किया है कि पार्टी किसी निष्ठावान महिला कार्यकर्ता को टिकट दें."