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कोरोना पर राजनीति, गोपाल भार्गव के लंगर पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, बीजेपी ने किया पलटवार

पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के गृह नगर गढ़ाकोटा में संक्रमित मिले चार कोरोना मरीजों के मामले में राजनीति गर्मा गई है. चारों मरीज प्रवासी मजदूरों के लिए गोपाल भार्गव द्वारा चलाए जा रहे लंगर में काम कर रहे थे. कांग्रेस का आरोप है भार्गव के लंगर के चलते ही कोरोना फैला है. जबकि बीजेपी ने भी मामले में कांग्रेस पर पलटवार करते हुए राजनीति करने का आरोप लगाया है.

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सागर न्यूज
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Published : Jun 2, 2020, 1:23 PM IST

सागर। कोरोना संक्रमण से जहां लोग परेशान है तो वहीं सागर में सियासी दल राजनीति करने से भी बाज नहीं आ रहे. पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के गृह नगर गढ़ाकोटा में पिछले दिनों प्रवासी मजदूरों के लिए लंगर चलाया जा रहा था. जो 26 मई को पूरा हुआ, लेकिन हाल ही में सागर से जो कोरोना संक्रमितों की नई सूची आई उसमें गढ़ाकोटा के चार व्यक्ति एक साथ संक्रमित पाए गए. जिसके बाद दावा किया गया कि ये चारों संक्रमित प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के कर्मचारी हैं.

अभिषेक भार्गव, गोपाल भार्गव के पुत्र

देखते ही देखते ये खबर मीडिया में छा गई, जिसके बाद गोपाल भार्गव के बेटे और बीजेपी नेता अभिषेक भार्गव ने फेसबुक पर मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकारों और विरोधियों को मामले में राजनीति न करने की नसीहत दे दी. अभिषेक ने अपने वीडियो में कहा कि ये संक्रमित पाए गए चारों व्यक्ति उनके द्वारा चलाए जा रहे लंगर में काम कर रहे थे. 26 मई को लंगर खत्म होने के बाद उन्होंने ही सभी कर्मचारियों का टेस्ट कराया था. उन्होंने खुद का भी टेस्ट करवाया था. जिसमें चार व्यक्ति संक्रमित पाए गए जिन्हें खुद उन्होंने अस्पताल भिजवाया. अभिषेक भार्गव का आरोप है कि इस खबर को गलत तरीके से जनता के सामने पेश किया गया.

कमलेश साहू, कांग्रेस नेता

कांग्रेस ने साधा गोपाल भार्गव पर निशाना

स्थानीय कांग्रेस नेता कमलेश साहू ने गोपाल भार्गव और उनके बेटे पर निशाना साधते हुए गढ़ाकोटा में मिले संक्रमित व्यक्तियों के लिए जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस नेता ने वीडियो में चारों संक्रमितों का ब्यौरा देते हुए कहा कि ये चारों गोपाल भार्गव के निजी कर्मचारी हैं जो कि लंगर में बिना मास्क लगाए ही काम में जुटे थे. जबकि उन्होंने जिस स्थान पर लंगर लगा था. उस पर भी सवाल उठाए हैं. कमलेश साहू का आरोप है कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए गोपाल भार्गव और उनके बेटे दीपू भार्गव ने यह सब काम किया.

कांग्रेस नेता कमलेश साहू पिछले विधानसभा चुनाव में गोपाल भार्गव के खिलाफ कांग्रेस से प्रत्याशी थे और भार्गव के धुर विरोधियों में गिने जाते हैं. यही वजह है कि कमलेश साहू गोपाल भार्गव को घेरने का कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहते. मामले में अभिषेक भार्गव ने भी कमलेश साहू के वीडियो में संक्रमितों के नाम नियमविरुद्ध सार्वजनिक करने पर सवाल उठाया है.

सागर। कोरोना संक्रमण से जहां लोग परेशान है तो वहीं सागर में सियासी दल राजनीति करने से भी बाज नहीं आ रहे. पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के गृह नगर गढ़ाकोटा में पिछले दिनों प्रवासी मजदूरों के लिए लंगर चलाया जा रहा था. जो 26 मई को पूरा हुआ, लेकिन हाल ही में सागर से जो कोरोना संक्रमितों की नई सूची आई उसमें गढ़ाकोटा के चार व्यक्ति एक साथ संक्रमित पाए गए. जिसके बाद दावा किया गया कि ये चारों संक्रमित प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के कर्मचारी हैं.

अभिषेक भार्गव, गोपाल भार्गव के पुत्र

देखते ही देखते ये खबर मीडिया में छा गई, जिसके बाद गोपाल भार्गव के बेटे और बीजेपी नेता अभिषेक भार्गव ने फेसबुक पर मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकारों और विरोधियों को मामले में राजनीति न करने की नसीहत दे दी. अभिषेक ने अपने वीडियो में कहा कि ये संक्रमित पाए गए चारों व्यक्ति उनके द्वारा चलाए जा रहे लंगर में काम कर रहे थे. 26 मई को लंगर खत्म होने के बाद उन्होंने ही सभी कर्मचारियों का टेस्ट कराया था. उन्होंने खुद का भी टेस्ट करवाया था. जिसमें चार व्यक्ति संक्रमित पाए गए जिन्हें खुद उन्होंने अस्पताल भिजवाया. अभिषेक भार्गव का आरोप है कि इस खबर को गलत तरीके से जनता के सामने पेश किया गया.

कमलेश साहू, कांग्रेस नेता

कांग्रेस ने साधा गोपाल भार्गव पर निशाना

स्थानीय कांग्रेस नेता कमलेश साहू ने गोपाल भार्गव और उनके बेटे पर निशाना साधते हुए गढ़ाकोटा में मिले संक्रमित व्यक्तियों के लिए जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस नेता ने वीडियो में चारों संक्रमितों का ब्यौरा देते हुए कहा कि ये चारों गोपाल भार्गव के निजी कर्मचारी हैं जो कि लंगर में बिना मास्क लगाए ही काम में जुटे थे. जबकि उन्होंने जिस स्थान पर लंगर लगा था. उस पर भी सवाल उठाए हैं. कमलेश साहू का आरोप है कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए गोपाल भार्गव और उनके बेटे दीपू भार्गव ने यह सब काम किया.

कांग्रेस नेता कमलेश साहू पिछले विधानसभा चुनाव में गोपाल भार्गव के खिलाफ कांग्रेस से प्रत्याशी थे और भार्गव के धुर विरोधियों में गिने जाते हैं. यही वजह है कि कमलेश साहू गोपाल भार्गव को घेरने का कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहते. मामले में अभिषेक भार्गव ने भी कमलेश साहू के वीडियो में संक्रमितों के नाम नियमविरुद्ध सार्वजनिक करने पर सवाल उठाया है.

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