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कब्रगाह बनी रीवा की गौशाला ! गायों के कंकाल और बदबू से परेशान ग्रामीणों ने प्रशासन को दी सूचना

रीवा के शासकीय गौशाला में 200 से ज्यादा मवेशियों के रखने की व्यवस्था की बात कही गई है, लेकिन उनके दफनाने या उनके लिए जलाने की कोई व्यवस्था नहीं कि गई है. इन व्यवस्थाओं की पोल खोलने वाली घटना सामने आई है. यहां 50 से अधिक गायों की मौत के बाद उन्हें गौशाला के पीछे ही एक तलाब में फेंक दिया जाता है. (Rewa gaushala became graveyard)

Rewa gaushala became graveyard
कब्रगाह बनी रीवा की गौशाला
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Published : Feb 17, 2022, 12:58 PM IST

रीवा। भोपाल के बाद अब रीवा जिले की गौशाला में गायों की मौत का मामला सामने आया है. रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत चोरगड़ी गांव में स्थित शासकीय गौशाला के पीछे तालाब में कई गायों की हड्डियां और कंकाल मिले हैं, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है. गौशाला की देख-रेख करने वाले जिम्मेदार दम तोड़ती गायों को पीछे बने तालाब में फेंकते जा रहे हैं. वहीं जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे प्रशासनिक दस्ते ने मामले की जांच शुरू की.

रीवा की गौशाला के पीछे मिले गायों के कंकाल

50 से अधिक मवेशियों के कंकाल मिले
बताया जा रहा है कि गौशाला के पीछे बने तालाब में गायों की कब्रगाह बनाई गई है, जहां उन्हें मरने के बाद ऐसे ही फेंक दिया जाता है. इससे इलाके में दुर्गंध फैल रही है जिससे ग्रामीणों का जीना भी दुश्वार हो गया है. उधर, प्रशासनिक अमले के द्वारा मवेशियों को दफनाने की किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं कराई जाती है. ऐसे में यहां तकरीबन 50 से अधिक मवेशियों के कंकाल गौशाला के पीछे मिले हैं. कुछ दिनों पहले भोपाल में बीजेपी नेत्री की गौशाला में 80 से ज्यादा गायों के कंकाल मिले थे. इस घटना से एमपी में गायों के मरने पर सियासत भी गर्मा गई थी.

सरकार के दावे खोखले

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मवेशियों की सुविधाओं को देखते हुए पंचायत स्तर पर गौशाला बनाए जाने के दावे किए जा रहे हैं, जिससे गांव में विचरण करने वाले मवेशियों को सुरक्षित रखा जा सके. लेकिन सरकार के दावे जमीनी स्तर पर खोखले नजर आ रहे हैं. इसकी वजह से ग्रामीण जनों को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वहीं संचालक का कहना है कि गौशाला में 200 से अधिक मवेशियों के रखने की व्यवस्था कराई गई है, लेकिन गौशाला में मवेशियों के दफनाने की किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं कराई गई और उनके मरने के बाद मवेशियों को खुले में ही एक तालाब में फेंक दिया जाता है. इसको लेकर ग्रामीणों ने जब प्रशासन से शिकायत की तो जांच के लिए अधिकारी मौके पर पहुंचे.

मध्य प्रदेश में गायों की मौत मामले में FIR के बाद दिए जांच के आदेश

एसडीएम ने उचित कार्रवाई का दिलाया भरोसा
घटना की खबर लगते ही जब मीडिया की टीम मौके पर पहुंची तो हड़कंप मच गया. इस दौरान गौशाला प्रबंधक सत्रुधन सिंह ने कई प्रश्नों के जवाब सीधे तरीके से नहीं दिए. उन्होंने कहा की गौशाला में गायों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाने पीने की व्यवस्था की गई है, जबकि स्थित इससे ठीक उलट थी. गायों की मौत को लेकर भी गौशाला सरंक्षक ने बेतुका बयान दिया. उन्होंने कहा की गाय अगर मरती हैं, तो उन्हें गंगा जी नहीं ले जाया जा सकता है. गौशाला का निरीक्षण करने मौके पर पहुंचे मनगवां एसडीएम संजीव पाण्डेय ने जांच के बाद दोषियों पर उचित कार्रवाई करने की बात कही है. (cows skeletons found behind cowshed in Rewa) (Rewa gaushala became graveyard)

रीवा। भोपाल के बाद अब रीवा जिले की गौशाला में गायों की मौत का मामला सामने आया है. रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत चोरगड़ी गांव में स्थित शासकीय गौशाला के पीछे तालाब में कई गायों की हड्डियां और कंकाल मिले हैं, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है. गौशाला की देख-रेख करने वाले जिम्मेदार दम तोड़ती गायों को पीछे बने तालाब में फेंकते जा रहे हैं. वहीं जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे प्रशासनिक दस्ते ने मामले की जांच शुरू की.

रीवा की गौशाला के पीछे मिले गायों के कंकाल

50 से अधिक मवेशियों के कंकाल मिले
बताया जा रहा है कि गौशाला के पीछे बने तालाब में गायों की कब्रगाह बनाई गई है, जहां उन्हें मरने के बाद ऐसे ही फेंक दिया जाता है. इससे इलाके में दुर्गंध फैल रही है जिससे ग्रामीणों का जीना भी दुश्वार हो गया है. उधर, प्रशासनिक अमले के द्वारा मवेशियों को दफनाने की किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं कराई जाती है. ऐसे में यहां तकरीबन 50 से अधिक मवेशियों के कंकाल गौशाला के पीछे मिले हैं. कुछ दिनों पहले भोपाल में बीजेपी नेत्री की गौशाला में 80 से ज्यादा गायों के कंकाल मिले थे. इस घटना से एमपी में गायों के मरने पर सियासत भी गर्मा गई थी.

सरकार के दावे खोखले

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मवेशियों की सुविधाओं को देखते हुए पंचायत स्तर पर गौशाला बनाए जाने के दावे किए जा रहे हैं, जिससे गांव में विचरण करने वाले मवेशियों को सुरक्षित रखा जा सके. लेकिन सरकार के दावे जमीनी स्तर पर खोखले नजर आ रहे हैं. इसकी वजह से ग्रामीण जनों को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वहीं संचालक का कहना है कि गौशाला में 200 से अधिक मवेशियों के रखने की व्यवस्था कराई गई है, लेकिन गौशाला में मवेशियों के दफनाने की किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं कराई गई और उनके मरने के बाद मवेशियों को खुले में ही एक तालाब में फेंक दिया जाता है. इसको लेकर ग्रामीणों ने जब प्रशासन से शिकायत की तो जांच के लिए अधिकारी मौके पर पहुंचे.

मध्य प्रदेश में गायों की मौत मामले में FIR के बाद दिए जांच के आदेश

एसडीएम ने उचित कार्रवाई का दिलाया भरोसा
घटना की खबर लगते ही जब मीडिया की टीम मौके पर पहुंची तो हड़कंप मच गया. इस दौरान गौशाला प्रबंधक सत्रुधन सिंह ने कई प्रश्नों के जवाब सीधे तरीके से नहीं दिए. उन्होंने कहा की गौशाला में गायों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाने पीने की व्यवस्था की गई है, जबकि स्थित इससे ठीक उलट थी. गायों की मौत को लेकर भी गौशाला सरंक्षक ने बेतुका बयान दिया. उन्होंने कहा की गाय अगर मरती हैं, तो उन्हें गंगा जी नहीं ले जाया जा सकता है. गौशाला का निरीक्षण करने मौके पर पहुंचे मनगवां एसडीएम संजीव पाण्डेय ने जांच के बाद दोषियों पर उचित कार्रवाई करने की बात कही है. (cows skeletons found behind cowshed in Rewa) (Rewa gaushala became graveyard)

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