ETV Bharat / city

एक्शन मोड में शिवराज, राजगढ़ कलेक्टर और रीवा कमिश्नर पर गिरी 'गाज'

शिवराज सिंह चौहान ने सीएम पद संभालते हुए कमलनाथ सरकार द्वारा की गई प्रशासनिक नियुक्तियों पर रोक लगा दी है. शिवराज ने राजगढ़ कलेक्टर और रीवा कमिश्नर सभाजीत यादव की नयी नियुक्तियों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए.

action mode in shivraj singh chauhan
एक्शन मोड में शिवराज
author img

By

Published : Mar 24, 2020, 11:46 PM IST

रीवा/राजगढ़। मध्य प्रदेश की सत्ता संभालते ही शिवराज सिंह चौहान एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. एक तरफ जहां उन्होंने कोरोना वायरस के चलते पूरे प्रदेश में सख्त फैसले लिए. तो दूसरी तरफ कुछ दिन पहले कमलनाथ सरकार द्वारा लिए गए सभी प्रशासनिक फैसले एक झटके में निरस्त कर दिए. शिवराज ने जो दो सबसे बड़ी प्रशासनिक कार्रवाईयां की वो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी है. शिवराज ने राजगढ़ जिले की कलेक्टर निधि निवेदिता और एसडीएम प्रिया वर्मा की नयी नियुक्तियां रद्द कर दी. तो रीवा कमिश्नर सभाजीत यादव की भी नई पदस्थापना पर रोक लगा दी.

एक्शन मोड में शिवराज

शिवराज ने दी थी चेतावनी

शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिन पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों पर कमलनाथ सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी थी. कि वह एक-एक अधिकारी की लिस्ट बना रहे हैं. सबको देखा जाएगा. शिवराज ने जैसे ही सत्ता संभाली अपनी कही बात को सच साबित करते हुए सबसे पहले इन दोनों अधिकारियों की नियुक्तिों पर रोक लगाई. राजगढ़ कलेक्टर और रीवा कमिश्नर की नई नियुक्तियों पर लगी रोक के पीछे कई मायने निकाल जा रहे हैं.

राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता और एसडीएम प्रिया वर्मा ने 19 जनवरी को ब्यावरा में सीएए के समर्थन में बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा निकाली गई तिरंगा यात्रा को रोकते हुए एक बीजेपी कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दिया था. विवाद इतना बढ़ा की बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने ब्यावरा में बड़ा आंदोलन कर जमकर विरोध किया.

रीवा कमिश्नर ने राजेंद्र शुक्ल को भेजा था मानहानि का नोटिस

कुछ इसी तरह का मामला रीवा कमिश्नर सभाजीत यादव से भी जुड़ा हुआ था. रीवा के रानी तलाब के पास बने आवासीय मकानों पर बीजेपी विधायक राजेंद्र शुक्ल और कमिश्नर सभाजीत यादव के बीच विवाद था. जिस पर कमिश्नर ने बीजेपी विधायक को 500 करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस भेजा. इस मामले में भी जमकर विवाद हुआ.

लेकिन जैसे ही शिवराज सिंह चौहान सीएम बने उन्होंने सबसे पहले इन दोनों अधिकारियों पर ही एक्शन लिया. हालांकि शिवराज ने अधिकारियों की नियुक्तियों पर रोक लगाने का फैसला नियमों के तहत किया. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के बीच उन्होंने मैसेज क्लीयर दे दिया. कि वे आगे भी इसी तरह एक्शन मोड़ में रहेंगे. जिसके नजारें प्रदेश की सियासत में दिखने शुरु हो गए हैं.

रीवा/राजगढ़। मध्य प्रदेश की सत्ता संभालते ही शिवराज सिंह चौहान एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. एक तरफ जहां उन्होंने कोरोना वायरस के चलते पूरे प्रदेश में सख्त फैसले लिए. तो दूसरी तरफ कुछ दिन पहले कमलनाथ सरकार द्वारा लिए गए सभी प्रशासनिक फैसले एक झटके में निरस्त कर दिए. शिवराज ने जो दो सबसे बड़ी प्रशासनिक कार्रवाईयां की वो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी है. शिवराज ने राजगढ़ जिले की कलेक्टर निधि निवेदिता और एसडीएम प्रिया वर्मा की नयी नियुक्तियां रद्द कर दी. तो रीवा कमिश्नर सभाजीत यादव की भी नई पदस्थापना पर रोक लगा दी.

एक्शन मोड में शिवराज

शिवराज ने दी थी चेतावनी

शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिन पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों पर कमलनाथ सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी थी. कि वह एक-एक अधिकारी की लिस्ट बना रहे हैं. सबको देखा जाएगा. शिवराज ने जैसे ही सत्ता संभाली अपनी कही बात को सच साबित करते हुए सबसे पहले इन दोनों अधिकारियों की नियुक्तिों पर रोक लगाई. राजगढ़ कलेक्टर और रीवा कमिश्नर की नई नियुक्तियों पर लगी रोक के पीछे कई मायने निकाल जा रहे हैं.

राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता और एसडीएम प्रिया वर्मा ने 19 जनवरी को ब्यावरा में सीएए के समर्थन में बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा निकाली गई तिरंगा यात्रा को रोकते हुए एक बीजेपी कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दिया था. विवाद इतना बढ़ा की बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने ब्यावरा में बड़ा आंदोलन कर जमकर विरोध किया.

रीवा कमिश्नर ने राजेंद्र शुक्ल को भेजा था मानहानि का नोटिस

कुछ इसी तरह का मामला रीवा कमिश्नर सभाजीत यादव से भी जुड़ा हुआ था. रीवा के रानी तलाब के पास बने आवासीय मकानों पर बीजेपी विधायक राजेंद्र शुक्ल और कमिश्नर सभाजीत यादव के बीच विवाद था. जिस पर कमिश्नर ने बीजेपी विधायक को 500 करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस भेजा. इस मामले में भी जमकर विवाद हुआ.

लेकिन जैसे ही शिवराज सिंह चौहान सीएम बने उन्होंने सबसे पहले इन दोनों अधिकारियों पर ही एक्शन लिया. हालांकि शिवराज ने अधिकारियों की नियुक्तियों पर रोक लगाने का फैसला नियमों के तहत किया. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के बीच उन्होंने मैसेज क्लीयर दे दिया. कि वे आगे भी इसी तरह एक्शन मोड़ में रहेंगे. जिसके नजारें प्रदेश की सियासत में दिखने शुरु हो गए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.