रतलाम/जावरा। पुलिस, प्रशासन और सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद जीवनरक्षक दवाओं में शामिल रेमडेसिविर के इंजेक्शन की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है. बड़े शहरों में ही नहीं छोटे शहरों में इसकी कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है. ताजा मामला रतलाम में सामने आया है जहां पुलिस ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले पूरे रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस में मामले एक नर्स उसका भाई और दो डॉक्टर भी गिरफ्तार हुए हैं.
नर्स देती थी खाली बॉयल
पुलिस ने इस मामले में मेडिकल कॉलेज की नर्स रीना प्रजापति उसके भाई और निजी अस्पताल के दो डॉक्टरों सहित कुल 7 लोगो को गिरफ्तार किया है.नर्स रीना अपने भाई को रेमडेसिविर इंजेक्शन के खाली बॉयल (बोतल) और इंजेक्शन की पैकिंग लाकर देती थी. इसके बाद ये खाली इंजेक्शन में मोनोसेफ इंजेक्शन (एंटीबायोटिक) और कुछ दूसरे इंजेक्शन का पाउडर मिलाकर उस खाली बोतल में भर देता था. जिसके बाद इसके बाकी साथी इन नकली इंजेक्शन 20 से लेकर 35 हजार रुपए तक में जरूरतमंद लोगों को बेच देते थे.
रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वालों पर लगेगा रासुका: स्वास्थ्य मंत्री
आरोपियों पर रासुका के तहत कार्रवाई
रतलाम मे रेमडेसिविर इंजेक्शन कि कालाबाजारी मामले में पुलिस को पूरे रैकेट के बारे में पता चला. जिसके बाद शनिवार देर रात जीवांश हॉस्पिटल पर दबिश दी थी. इस दौरान दो डॉक्टर 30 से 35 हजार में रेमडेसिविर बेचते हुए पकडे गए थे. इन आरोपियों से पूछताछ में तीसरे आरोपी के नाम का खुलासा हुआ जिसे पुलिस सोमवार को मंदसौर से गिरफ्तार किया. जब पुलिस ने इन सभी कड़ियों को आपस में जोड़ा तो इसमें मेडिकल कॉलेज की नर्स रीना प्रजापति का नाम भी सामने आया. तभी इस बात का भी खुलासा हुआ कि यह पूरा रैकेट इस काम को करता था. जिसमें सबकी अलग अलग भूमिका होती थी. इसके बाद पुलिस नर्स रीना तक पहुंची और उसे भी गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस इन आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है.