ETV Bharat / city

मंदसौर आंदोलन में गई थी किसानों की जान, परिजनों ने चुनाव बहिष्कार का किया ऐलान - बहिष्कार

मंदसौर किसान आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को न्याय न मिलने से किसानों के परिवारों ने लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. परिजन भाजपा और कांग्रेस दोनो के रवैये से नाराज हैं.

किसान स्मारक
author img

By

Published : Apr 10, 2019, 11:37 PM IST

मंदसौर। किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके परिजनों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का ऐलान किया है. दो साल पहले हुए किसान आंदोलन में मंदसौर जिले के 6 किसानों की पुलिस फायरिंग और पिटाई से मौत हो गई थी. इन किसानों के परिजन शासन-प्रशासन से, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई और न्याय की मांग को लेकर गुहार लगा रहे हैं. मांग अब तक पूरी नहीं हुई है इसलिये अब इन परिवारों ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.

मृत किसानों के परिजनों का कहना है कि इस घटना में ना पूर्व की भाजपा सरकार ने कोई सुनवाई की और न ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आश्वासन के बाद प्रदेश सरकार ने. विधानसभा चुनाव के पहले हुए इस पूरे मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में बनी जैन आयोग से भी करवाई, लेकिन लंबी कानूनी उलझन में फंसे इस मामले का समय पर फैसला ना होने से किसानों के परिजन अब खासे नाराज हैं.

मृत किसानों का गांव

मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के पहले पिपलिया मंडी में एक आम सभा को संबोधित करते हुए परिजनों से भी मुलाकात की थी. वहीं उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के तत्काल बाद कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन इस मामले में मौजूदा कमलनाथ सरकार के द्वारा आज तक भी कोई कार्रवाई न करने से परिजनों ने अब आगामी लोकसभा चुनाव के मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दे डाली है.

मंदसौर। किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके परिजनों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का ऐलान किया है. दो साल पहले हुए किसान आंदोलन में मंदसौर जिले के 6 किसानों की पुलिस फायरिंग और पिटाई से मौत हो गई थी. इन किसानों के परिजन शासन-प्रशासन से, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई और न्याय की मांग को लेकर गुहार लगा रहे हैं. मांग अब तक पूरी नहीं हुई है इसलिये अब इन परिवारों ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.

मृत किसानों के परिजनों का कहना है कि इस घटना में ना पूर्व की भाजपा सरकार ने कोई सुनवाई की और न ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आश्वासन के बाद प्रदेश सरकार ने. विधानसभा चुनाव के पहले हुए इस पूरे मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में बनी जैन आयोग से भी करवाई, लेकिन लंबी कानूनी उलझन में फंसे इस मामले का समय पर फैसला ना होने से किसानों के परिजन अब खासे नाराज हैं.

मृत किसानों का गांव

मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के पहले पिपलिया मंडी में एक आम सभा को संबोधित करते हुए परिजनों से भी मुलाकात की थी. वहीं उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के तत्काल बाद कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन इस मामले में मौजूदा कमलनाथ सरकार के द्वारा आज तक भी कोई कार्रवाई न करने से परिजनों ने अब आगामी लोकसभा चुनाव के मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दे डाली है.

Intro:मंदसौर। किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिजनों ने लोकसभा चुनाव के मतदान के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। 2 साल पहले हुए किसान आंदोलन में मंदसौर जिले के 6 किसानों की पुलिस फायरिंग और पिटाई से मौत हो गई थी। इन किसानों के परिजन तब से लगाकर आज तक शासन-प्रशासन से ,दोषी अधिकारीयों पर कार्रवाई और न्याय की मांग को लेकर गुहार लगा रहे हैं। मृत किसानों के परिजनों का कहना है कि इस घटना में ना पूर्व की भाजपा सरकार ने कोई सुनवाई की और ना ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आश्वासन के बाद भी प्रदेश सरकार ने आबि तक कोई कार्रवाई की है । लिहाजा वे दोनों ही पार्टियों के रवैये से नाराज है, और आगामी चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे।


Body:फसलों के वाजिब दामों की मांग को लेकर 2 साल पहले उठे, किसान आंदोलन के दौरान 6 जून 2017 के दिन मंदसौर की मल्हारगढ़ और दलौदा तहसील के 6 किसानों की पुलिस फायरिंग और मारपीट से मौत हो गई थी। इस मामले में तत्कालीन सरकार ने मृतक के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देकर मामले को ठंडा करने की कोशिश भी की। लेकिन मृतक के परिजनों ने गोलियां चलाने वाले पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। हालांकि विधानसभा चुनाव के ऐन पहले हुए इस पूरे मामले में, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में बनी जैन आयोग से भी करवाई ।लेकिन लंबी कानूनी उलझन में फंसे इस मामले का समय पर फैसला ना होने से किसानों के परिजन अब खासे नाराज हैं। इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के पहले पिपलिया मंडी में एक आम सभा को संबोधित करते हुए परिजनों से भी मुलाकात की थी ।वहीं उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के तत्काल बाद कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया था। लेकिन इस मामले में मौजूदा कमलनाथ सरकार के द्वारा आज तक भी कोई कार्रवाई न करने से मृत किसान अभिषेक पाटीदार के परिजनों ने अब आगामी लोकसभा चुनाव के मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दे डाली है।
byte1: दिनेश पाटीदार ,मृत किसान का पिता, बरखेड़ा पंथ, मंदसौर


Conclusion:1 जून 2017 से शुरू हुए किसान आंदोलन के शुरुआती दौर में 5 दिन तक किसानों ने फल सब्जियां और फसल की बिक्री बंद कर चक्का जाम और धरना आंदोलन किया था। लेकिन बार-बार अपील के बावजूद भी शासन-प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई ना करने के बाद आक्रोशित किसानों ने 6 जून 2017 के दिन तगड़ा विरोध शुरू कर दिया था। इसी दौरान फोर लाइन स्थित बही चौपाटी पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग कर दी। इसी दौरान 5 किसानों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई ।इधर ग्राम दलोदा में भी आंदोलन कर रहे किसानों में से, पुलिस ने एक किसान की जमकर पिटाई कर दी ।जिसके चलते उसकी भी मौत हो गई थी। इस मामले के बाद मंदसौर की यह घटना देश के विधानसभा चुनाव का बड़ा मुद्दा बन गई ।वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मामले को तूल दिए हुए किसानों के कर्ज माफी के साथ ही मृतक किसानों को भी तत्काल न्याय देने का वादा किया था ।अब जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता वापसी हो गई है ।लेकिन किसान आंदोलन में किसानों के परिजनों की मांगे अभी तक भी पूरी ना होने से परिजन बीजेपी के साथ ही कांग्रेस के भी रवैये से खासे नाराज है। इन हालातों में बरखेड़ा पंथ निवासी अभिषेक पाटीदार के परिजनों ने लोकसभा चुनाव के मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है।
byte 2: मधुसूदन पाटीदार, परिजन ,मृतक किसान, बरखेड़ा पंथ, मंदसौर


विनोद गौड़, रिपोर्टर, मंदसौर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.