मंदसौर। लहसुन की बंपर पैदावार मध्यप्रदेश में अब किसानों के लिए मुसीबत बन गई है. मालवा और निमाड़ के कई जिलों में लहसुन की बंपर पैदावार हुई है, जिसकी वजह से इसके दामों पर भारी असर पड़ रहा है. मंडी में लहसुन के भाव जमीन पर आ गए हैं. बेहद कम दाम में बिकने के प्रदेश के कई जिलों और मंडियों में किसानों का आक्रोश देखने को मिला. इसको लेकर मंदसौर में ईटीवी भारत की टीम ने रियलिटी चेक किया. यहां नाराज किसान लहसुन को नालों और सड़कों पर फेंकते दिखाई दिए.
50 पैसे बिक रहा लहसुन: मंदसौर मंडी में व्यापारी शैलेंद्र बाम का कहना है की मंडी में अभी 200 रुपए प्रति क्विंटल लहसुन बिक रहा है. मंडी के बाहर और खस्ताहाल है. किसानों का लहसुन 50 पैसे प्रति किलो बिक रहा है. जिसके कारण किसान उसे नालों में फेंक रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि किसानों को लग रहा था कि इस बार भी लहसुन के दाम आसमान छू लेंगे. लोगों ने गेहूं और अन्य फसलें न बोकर लहसुन की खेती की. भोपाल, इंदौर के साथ ही और इलाकों में किसान लहसुन लगाने लगे. जिसके कारण बंपर पैदावार हुई है, लेकिन अब भाव नहीं मिल रहे हैं.
किसानों को हुआ लाखों का नुकसान: मंदसौर मंडी के ताजा हालात ये हैं कि यहां शनिवार को 10 से 15 हजार बोरी लहसुन की आवक हुई है, जिसको 50 रुपए प्रति क्विंटल बेचा गया, जिसमें 700 से 800 क्विंटल शनिवार को मंदसौर के मंडी से बेचा गया. किसानों का कहना है कि हमें 2.5 से 3 लाख का नुकसान हुआ है. एक किसान ने बताया कि मेरी 25 बोरी लहसुन 352 रुपए में बिकी है. वहीं अगर एक बीघा लहसुन की खेती पर हुए खर्च की बात करें तो 15 से 20 हजार एक बीघा लहसुन में खर्चा होता है.
नाराज किसान कर रहे प्रदर्शन: मंडी में लहसुन के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. किसानों को अपनी पैदावार कौड़ी के भाव बेचनी पड़ रही है. भाव न के बराबर मिलने से नाराज किसान अब लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. खंडवा, खरगौन, मंदसौर और नीमच में लहसुन की पैदावार ज्यादा होती है. यहां के किसान अब लहसुन को नदी और नालों में बहा रहे हैं. इन हालातों से किसानों को अपने तैयार माल को कृषि उपज मंडी में लाने का भाड़ा तक नहीं मिल पा रहा है. कई जगहों पर किसानों ने प्रदर्शन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.