जबलपुर। मध्यप्रदेश की व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में बनकर तैयार हुआ देश का सबसे बड़ा 'बख्तरबंद सुरंग रोधी वाहन' (Armored anti tunnel vehicle) अब आखिरी ट्रायल पर पहुंच गया है. अगर यह वाहन अपने ट्रायल में सफल होता है तो ऐसे 10 बख्तरबंद वाहन CRPF को सौंपे जाएंगे जो बारूदी सुरंगों को रौंदते हुए पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ सकेगा. फिलहाल इस वाहन का उपयोग नक्सली क्षेत्रों में किया जाएगा. वाहन निर्माण करने वाली कंपनी CRPF की डिमांड पर इसका मूलरूप तैयार कर चुकी है. इतना ही नहीं सुरक्षा बल के सुझाव पर इसमें अब तक 36 तरह के छोटे-बड़े मॉडिफिकेशन भी किए जा चुके हैं. अगर फाइनल ट्रायल को मंजूरी मिलती है तो इसे 13 सौ किलोमीटर की खराब सड़कों और दुर्गम क्षेत्रों में दौड़ाया जाएगा. इस वाहन को MPV (Multi Purpose Vehicle) से भी एडवांस किया गया है. फ्रंट ग्लास में गन पोर्ट, रॉकेट लॉन्चर, रियर व्यू कैमरा, चारों तरफ सर्च लाइट और उसके साथ आगे और पीछे दोनों तरफ विंच लगाए गए हैं.
आसानी से होगी फायरिंग: CRPF यानी सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स की ऐसे वाहनों को लेकर बहुत दिनों से डिमांड थी. सीआरपीएफ नक्सली क्षेत्र में ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए लंबे समय से विशेष किस्म के वाहन की जरूरत महसूस कर रही थी. VFJ (Vehicle Factory Jabalpur) में तैयार होने वाले माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल (MPV) पहले से ही सीआरपीएफ के खेमे में शामिल है, लेकिन इस नए वाहन को कई तरह की खूबियों से लैस किया गया है, जो अपने आप में अलग है. कांच को काटकर तैयार किए गए पोर्ट से अब बेहद आसानी से फायरिंग की जा सकेगी. बुलेट प्रूफ होने के कारण बाहरी गोलीबारी का असर अंदर बैठे जवानों पर होने का सवाल ही नहीं है. पहले के व्हीकल में दुश्मन पर नजर सामने से रखी जाती थी और फायरिंग कहीं और बने पोर्ट से करनी पड़ती थी.
भीतर से दुश्मनों पर रखेगा तीसरी नजर: इस वाहन को नई खूबियों से लैस किया गया है. रियर व्यू कैमरों से लैस है. इससे वाहन के भीतर से ही दुश्मन पर तीसरी आंख से नजर रखी जाऐगी, क्योंकि बख्तरबंद वाहनों को लड़ाई के दौरान पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है. ऐसे हालातों में कैमरों की मौजूदगी बेहद कारगर साबित होती है. रॉकेट लॉन्चर (Rocket launcher) को व्यवस्थित तरीके से रखने के लिए स्टैण्ड बनाया गया है. पहले इस तरह के इंतजाम न होने से जवानों को रॉकेट दागने के दौरान काफी परेशानी होती थी. लॉन्चर स्टैण्ड हो जाने से रॉकेट को पहले से ही तैयार रखा जा सकेगा. पहले विंच, वाहन को खींचने के लिए क्लेप सिर्फ सामने की तरफ ही हुआ करती थी, लेकिन अब इस नए व्हीकल में आगे और पीछे दोनों तरफ विंच लगाए गए हैं, जो एमपीवी को खराब होने की स्थिति में खींचा तो जा सकेगा, साथ ही किसी दूसरे वाहन को भी अब टोचन (दो वाहनों को आपस में जोड़ना) किया जा सकेगा.
चारों कोने पर सर्च लाइट लगाई गई है: वहीं, दुर्गम स्थानों पर वाहन को पीछे की ओर हाई पॉवर लाइट की गैर मौजूदगी खलती रही है. लिहाजा वाहन निर्माण करने वाली कंपनी ने नए व्हीकल के चारों कोने पर सर्च लाइट फिट कर दी है. अब रात के वक्त किसी भी तरह के मूवमेंट को पूरा किया जा सकता है. इस व्हीकल में थ्री एक्सल और 6 व्हील होंगे. जिसमे सभी में पॉवर ट्रांसमिशन फिट किया गया है. कीचड़, पानी के अलावा और भी रास्तों पर वाहन को आगे बढ़ने में किसी तरह की रुकावट नहीं होगी.
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