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दिवाली में बढ़ सकता है कोरोना का खतरा, पटाखों के धुएं से रहें दूर - Threat of corona on diwali

वे लोग कोरोना से ठीक हुए हैं या फिर वो जिन्हें कोरोना के लक्षण हैं, ऐसे में प्रदूषण विभाग के अधिकारी कोरोना काल में पटाखों के धुएं से बचने की सलाह दे रहे हैं.

in Diwali Stay away from firecrackers
पटाखों के धुएं से रहें दूर
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Published : Nov 12, 2020, 3:51 AM IST

जबलपुर। कोरोना काल मे बम फटाके से निकलने वाला धुंआ और भी घातक साबित हो सकता है. खास तौर पर उन लोगों के लिए जो कि कोरोना से ठीक हुए हैं या फिर वो जिन्हें कोरोना के लक्षण हैं, ऐसे में जहां प्रदूषण विभाग के अधिकारी कोरोना काल में पटाखों के धुएं से बचने की सलाह दे रहे हैं तो वहीं हार्ट स्पेशलिस्ट भी मानते हैं कि कोरोना काल के समय बारूद के धुंए से दूर रहना ही सेहत के लिए अच्छा है.

दिवाली में बढ़ सकता है कोरोना का खतरा
कोरोना को देखते हुए NGT ने लगाई है रोक

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने देश मे बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए पटाखों पर रोक लगा दी है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से लोगों के फेफड़े कमजोर हैं और बढ़ता हुआ प्रदूषण नई बीमारियों की वजह बन सकता है. इसलिए पटाखों पर रोक लगा दी जाए, इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया है कि दिल्ली एनसीआर में 9 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखों पर पूरी तरह से बैन रहेगा. इसके अलावा देश के जिन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब है, वहां पटाखों पर पांबदी रहेगी.

जबलपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स की स्थिति खराब

बात करे अगर जबलपुर शहर की तो यहां पर भी मौसम परिवर्तन के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स पर बदलाव हुआ है. हाल ही में प्रदूषण बोर्ड की जो रिपार्ट आई है, उस रिपार्ट में सामान्य व खराब श्रेणी की वायु शहर में है, जिससे कि डस्ट बढ़ रही है. लिहाजा ये हवा भी कोरोना काल में अस्थमा पीड़ितों के लिए घातक साबित हो सकती है.

डॉक्टर भी मानते हैं जान का खतरा

ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिमेश गुप्ता की माने तो वर्तमान में एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत ही ऊपर चल रहा है, जिसको कंट्रोल करना होगा, क्योंकि पटाखों से ये लेवल और बढ़ जाता है, ऐसे में जब आम व्यक्ति को सांस की परेशानी बढ़ जाती है तो फिर कोरोना काल में तो और भी खतरा बढ़ सकता है. लिहाजा वायरस भी ऐसे समय में तेजी से अटैक करता है. वहीं ठंड और धुंध भी कोरोना को बढ़ने का एक हथियार होता है, जिसे हर कीमत में रोकना जरूरी होता है. वहीं डॉ. अनिमेश बताते हैं कि दिवाली के फटाखों का धुंआ और कोरोना का हमला ऐसे में इन दोनों ही चीजों से बचने के लिए मास्क के साथ-साथ धुंए से बचने की आवश्यकता है.

बीते मार्च 2020 में भारत में आई कोरोना महामारी ने जिस तरह से हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया है. इस बीमारी को लेकर आप से हमारा अनुरोध है कि इस कोरोना काल मे पटाखों का उपयोग बिल्कुल न करें क्योंकि पटाखों का धुआं आपके श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है. खास कर कोरोना काल में तो वायु प्रदूषण और भी खतरनाक साबित हो सकता है.

जबलपुर। कोरोना काल मे बम फटाके से निकलने वाला धुंआ और भी घातक साबित हो सकता है. खास तौर पर उन लोगों के लिए जो कि कोरोना से ठीक हुए हैं या फिर वो जिन्हें कोरोना के लक्षण हैं, ऐसे में जहां प्रदूषण विभाग के अधिकारी कोरोना काल में पटाखों के धुएं से बचने की सलाह दे रहे हैं तो वहीं हार्ट स्पेशलिस्ट भी मानते हैं कि कोरोना काल के समय बारूद के धुंए से दूर रहना ही सेहत के लिए अच्छा है.

दिवाली में बढ़ सकता है कोरोना का खतरा
कोरोना को देखते हुए NGT ने लगाई है रोक

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने देश मे बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए पटाखों पर रोक लगा दी है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से लोगों के फेफड़े कमजोर हैं और बढ़ता हुआ प्रदूषण नई बीमारियों की वजह बन सकता है. इसलिए पटाखों पर रोक लगा दी जाए, इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया है कि दिल्ली एनसीआर में 9 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखों पर पूरी तरह से बैन रहेगा. इसके अलावा देश के जिन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब है, वहां पटाखों पर पांबदी रहेगी.

जबलपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स की स्थिति खराब

बात करे अगर जबलपुर शहर की तो यहां पर भी मौसम परिवर्तन के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स पर बदलाव हुआ है. हाल ही में प्रदूषण बोर्ड की जो रिपार्ट आई है, उस रिपार्ट में सामान्य व खराब श्रेणी की वायु शहर में है, जिससे कि डस्ट बढ़ रही है. लिहाजा ये हवा भी कोरोना काल में अस्थमा पीड़ितों के लिए घातक साबित हो सकती है.

डॉक्टर भी मानते हैं जान का खतरा

ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिमेश गुप्ता की माने तो वर्तमान में एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत ही ऊपर चल रहा है, जिसको कंट्रोल करना होगा, क्योंकि पटाखों से ये लेवल और बढ़ जाता है, ऐसे में जब आम व्यक्ति को सांस की परेशानी बढ़ जाती है तो फिर कोरोना काल में तो और भी खतरा बढ़ सकता है. लिहाजा वायरस भी ऐसे समय में तेजी से अटैक करता है. वहीं ठंड और धुंध भी कोरोना को बढ़ने का एक हथियार होता है, जिसे हर कीमत में रोकना जरूरी होता है. वहीं डॉ. अनिमेश बताते हैं कि दिवाली के फटाखों का धुंआ और कोरोना का हमला ऐसे में इन दोनों ही चीजों से बचने के लिए मास्क के साथ-साथ धुंए से बचने की आवश्यकता है.

बीते मार्च 2020 में भारत में आई कोरोना महामारी ने जिस तरह से हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया है. इस बीमारी को लेकर आप से हमारा अनुरोध है कि इस कोरोना काल मे पटाखों का उपयोग बिल्कुल न करें क्योंकि पटाखों का धुआं आपके श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है. खास कर कोरोना काल में तो वायु प्रदूषण और भी खतरनाक साबित हो सकता है.

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