जबलपुर। आमजन का सबसे सस्ता और सुगम साधन है भारतीय रेल. कम किराए पर आसानी से यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुचाने का काम रेलवे करती है, हालांकि अभी भी रेलवे को जरूरत है कि यात्रियों की समस्या का समाधान करे. इसी के चलते केंद्रीय रेल मंत्री ने बोर्ड का गठन किया है जिसमें प्रदेश से भी एक सदस्य को नियुक्त किया है जो कि यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं और समस्या को रेलवे के समक्ष रखेगा. ईटीवी भारत के फेस टू फेस के खास कार्यक्रम में इस बार के मेहमान है रेल्वे बोर्ड के मध्यप्रदेश से सदस्य डॉ अभिलाष पांडे. (Railway Board member Dr Abhilash Pandey interview with etv bharat)
सवाल: रेल मंत्री ने आपको अहम जिम्मेदारी दी है, इस जिम्मेदारी के बीच यात्री सुविधाओं को आप किस तरह से देख रहे हैं?
जवाब: सबसे पहले मैं रेल मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं कि, उन्होंने यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मुझे सौंपी और यह अवसर दिया है. निश्चित तौर पर भारतीय रेल विकास की ओर अग्रसर है और नए-नए काम रेलवे के द्वारा हो रहे हैं. वहीं, यात्री सुविधाओं की दृष्टि से भी भारतीय रेल अच्छे प्रयास और नवाचार के साथ जुड़ी हुई है. हम यात्री सुविधाएं से जुड़ी बातों को हमेशा बैठक के दौरान आगे रखते आए हैं. हाल ही में एमएसटी एक बहुत बड़ा मुद्दा था, जिसमें की रेगुलर लोगों को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक जाना होता था, लेकिन उन सब को अधिक पैसा देना पड़ता था. कोरोना के चलते एमएसटी बंद थी, लेकिन उसके बाद भी जब हम लोगों ने बात की तो रेलवे ने एमएसटी की सुविधा शुरू की. इसके अलावा जनरल टिकट हो या फिर प्लेटफार्म टिकट हो ऐसे सारे यात्री सुविधाएं से जुड़े हुए मुद्दों को हम लोगों ने बैठक में उठाया तो बड़ी संख्या में लोगों को इसका लाभ भी हुआ.
सवाल: हमारा पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ जहां पर की रेल कनेक्टिविटी मध्यप्रदेश से बहुत ही कम है इसको लेकर कई बार रेल मंत्री के पास ज्ञापन भी दिया गया है, इसको किस तरह से देखते है आप?
जवाब: देखिए छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश का ही हिस्सा रहा है और छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी के जो स्थान हैं, जैसे की कटनी, वहां से बड़ी संख्या में कनेक्टिविटी है. उड़ीसा और छत्तीसगढ़ की तरफ जाने वाली ट्रेन, बिलासपुर और रायपुर होते हुए निकलती है. जबलपुर से भी एक मात्र ट्रेन है जो कि पहले चलती थी, उसके बाद एक और ट्रेन है जो कि अंबिकापुर उसे शुरू की गई है. इसके साथ ही बालाघाट से लगे क्षेत्र में भी गोंदिया से कनेक्ट होते हुए, छत्तीसगढ़ से कनेक्ट होते गए. कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ के साथ रेलवे की कनेक्टिविटी तो होनी ही है और कुछ ट्रेनें और संभावित है, लोगों की अपेक्षा है कि मध्यप्रदेश की कनेक्टिविटी कोलकाता से भी अच्छी हो. वहीं, पंजाबी धर्म के लोगो के लिए अमृतसर की कनेक्टिविटी हो, वैष्णो देवी की कनेक्टिविटी हो, ऐसे धार्मिक स्थानों के लिए अभी बहुत सारे काम होना बाकी है जिसका हम प्रयास कर रहे हैं.
सवाल: पीपीपी मोड में कई स्टेशनों को दे दिया गया है, जिसके चलते रेलवे की तो आय बढ़ रही है पर आम पब्लिक पर अतिरिक्त भार हो रहा है?
जवाब: देखिए यह विकास की ओर बढ़ता हुआ रेलवे है. आज आप देखेंगे कि पीपीपी मोड में रेलवे ने काम किया है, उसका मॉडल प्रोजेक्ट हमारे यहां हबीबगंज स्टेशन भोपाल बना है. हबीबगंज को आप जब देखेंगे और अंदर प्रवेश करेंगे तो आपको अपने आप एक फीलिंग आएगी कि, कुछ नया हुआ है और विकास हुआ है. कुल मिलाकर थोड़ा बहुत भार तो यात्रियों पर बढ़ेगा ही. मुझे लगता है कि जब यात्रियों को आप सुविधाएं देते हैं तो यात्री रेलवे में पैसा देता है, यात्रा भी करता है, अगर सुविधा के नाम पर थोड़ा भार हो रहा है तो यात्री इससे खुश भी होता है और वह उसको वहन करने के लिए तैयार भी है.
सवाल: ट्रेन में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमेशा से बात उठती आई है कि वह असुरक्षित महसूस करती हैं, निर्भया टीम भी बनी पर वह कुछ ही दिनों बाद गायब हो गई, महिलाओं को और सुरक्षा देने की क्या रेलवे में जरूरत है?
जवाब: जी बिल्कुल, आपका कहना सही है. रेलवे में सुरक्षा की दृष्टि से आरपीएफ और जीआरपी की टीम हमेशा से तैनात रहकर काम करती है. साथ ही महिलाओं की दृष्टि से भी आपने देखा होगा कि, अलग से बोगी होती है, लेकिन फिर भी जो महिलाएं पुरुषों के साथ यात्रा करती हैं ,उसमें मुझे लगता है रेलवे ने सुरक्षा की दृष्टि से नए आयाम स्थापित किए हैं और उनकी सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है. आजकल सोशल मीडिया का भी बड़ा युग है, यदि किसी महिला को किसी भी तरह की समस्या होती है तो वह सोशल मीडिया में ट्वीट करके अपनी शिकायत दर्ज करवाती है, जिस पर की रेलवे तुरंत कार्रवाई भी करता है. मैं यात्रा करने वाली महिलाओं से भी अपील करता हूं कि, ट्रेन में अगर किसी भी तरह की समस्या आ रही है तो आप ट्वीट करें, फोन करें, टोल फ्री नंबर भी दिए गए हैं जो कि आपकी सुविधाओं के लिए है.
सवाल: गर्मी का सीजन आ गया है, कई मर्तबा देखा जाता है कि स्टेशनों में पानी की किल्लत रहती है. कई बार तो ऐसा भी हुआ कि, चलती ट्रेन में पानी के लिए लोग उतरते-चढ़ते हैं तो दुर्घटना भी होती है, आपको नहीं लगता कि, इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है?
जवाब: देखिए जल की व्यवस्था निश्चित रूप से हर स्टेशनों में अच्छी होनी चाहिए, अभी हाल ही में ही बड़ोदरा-सूरत-भुवनेश्वर-उड़ीसा स्टेशनों का निरीक्षण किया था, दिल्ली निजामुद्दीन स्टेशन का भी निरीक्षण किया है. कुल मिलाकर यात्रियों को सुविधाएं की दृष्टि से जो पानी की व्यवस्था है उसको लेकर हम ने रेलवे बोर्ड को अपने सुझाव भी दिए हैं और प्लेटफार्म में अलग-अलग स्थानों पर जो पानी के केंद्र हैं उनको बढ़ाने की भी बात कही है कि, प्लेटफार्म के दोनों किनारों पर बीच में और अन्य स्थानों पर पानी की व्यवस्था करें, जिससे जब ट्रेन रुके तो यात्रियों को पानी मिले और फिर आसानी से यात्री ट्रेन में बैठ सकें. चूंकि जल एक महत्वपूर्ण चीज है इसलिए उस पर भी भारतीय रेल से हमने आग्रह किया है. मुझे लगता है कि, आगामी समय में और अच्छी पानी की सुविधाओं को लेकर काम किया जाएगा.