जबलपुर। संस्कारधानी के नाम से मशहूर जबलपुर एक मध्यम श्रेणी का शहर है. लेकिन जबलपुर के लिए प्रदूषण के मामले में अच्छी खबर मिली है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जबलपुर की आबोहवा को शुद्ध माना है. जिसके चलते जबलपुर को प्रदूषण नहीं फैलान के मामले में गुड केटेगरी में रखा गया है.
कम प्रदूषण होने की वजह से जबलपुर की आबोहवा शुद्ध है, शहर के सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले इलाके मालवीय चौक पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का हवा में सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, जैसी खतरनाक गैसों को मापने वाला यंत्र लगा है. जिससे इस बात की जानकारी मिली है, जबलपुर की हवा को प्रदूषण फैलाने वाली गैस ज्यादा प्रभावित नहीं कर रही हैं.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गुड कैटेगरी में रखा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ एसके खरे बताते हैं, कि किसी भी शहर में प्रदूषित गैसों की रेटिंग जीरो से 500 तक होती है, लेकिन जबलपुर में ये 50 से कम है, जिसका मतलब होता कि, आपके शहर वातावरण शुद्ध है. इसे पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पैमाने में गुड श्रेणी में रखा जाता है. जबलपुर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी लगातार शहर में प्रदूषण की जांच करते रहते हैं, अगर प्रदूषण बढ़ता है तो इसकी जानकारी नगर-निगम को दी जाती है. लेकिन फिलहाल जबलपुर का प्रदूषण कम है.
जबलपुर एक मध्यम श्रेणी का शहर है और औद्योगिक नजरिए से भी यहां ज्यादा फैक्ट्रियां नहीं है. कुछ उत्पादक इकाइयां हैं, भी तो वे इंडस्ट्रियल इलाकों में हैं. जिसका असर शहर पर नहीं होता. इसके अलावा शहर में हरियाली भी अच्छी-खासी है, जिसके चलते वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा भी अच्छी बनी रहती है. यही वजह है कि, जबलपुर में सामान्य तौर पर वातावरण साफ ही रहता है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की पैमाने में गुड श्रेणी में आने पर जबलपुर के लोगों में खुशी भी है.