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मासूम बच्ची की मौत के मामले में CBI जांच की मांग, 19 जुलाई को अगली सुनवाई

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Published : Jun 23, 2021, 5:54 PM IST

जबलपुर हाईकोर्ट में बुधवार को आठ साल की बच्ची की अप्राकृतिक मौत के मामले में सुनवाई हुई. इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सीबीआई को नोटिस जारी कर एसआईटी को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं. वहीं अगली सुनवाई 19 जुलाई निर्धारित की गई है.

jabalpur high court
जबलपुर हाईकोर्ट

जबलपुर। आठ साल की मासूम बच्ची की अप्राकृतिक मौत के मामले में भोपाल पुलिस द्वारा दो साल से कोई कार्रवाई नहीं किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि घटना के दिन स्कूल में बच्ची ने एक पेटिंग बनाई थी. पेटिंग को देखने के बाद एम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि बच्चे के साथ यौन शोषण की कोई घटना हुई है. याचिका में प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाये जाने की मांग की गयी थी. हाईकोर्ट जस्टिस विशाल घगट की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद सीबीआई को नोटिस जारी कर एसआईटी को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं.

4 जनवरी 2019 को हुआ हादसा
यह याचिका भोपाल निवासी मासूम के पिता ने हाईकोर्ट में दायर की थी. याचिका में कहा गया कि आठ साल की बच्ची एक स्कूल में तीसरी कक्षा की छात्रा थी. उन्होंने बताया कि चार जनवरी 2019 को बच्ची स्कूल बस से वापस लौटी थी. वहां से उसकी मां स्कूटी से उसे घर ला रही थी, तभी बच्ची बेहोश होकर गिर गई. बच्ची को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.

स्कूटी से गिरकर नहीं हुई थी बच्ची की मौत
अगले दिन गांधी मेडिकल अस्पताल में बच्ची का पोस्टमाॅर्टम हुआ था. रिपोर्ट के अनुसार बच्ची की मौत स्कूटी से गिरना से नहीं बल्कि जहरीले पदार्थ का सेवन से हुई है. अप्राकृतिक मृत्यु का मामला होने के कारण अवधपुरी थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को विवेचना में ले लिया था.

एनसीपीसीआर से की थी शिकायत
मामले में कार्रवाई न होने पर इसकी शिकायत नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट से शिकायत की थी. बताया जा रहा है कि घटना के दिन बच्ची ने स्कूल में एक पेटिंग बनाई थी. इस पेंटिंग को जांच के लिए दिल्ली स्थित एम्स में भेजा. जहां स्पष्ट हुआ कि बच्ची के साथ यौन शोषण जैसी वारदात हुई है.

दमोह का घुटता दम! HC के आदेश के बाद जीत का जश्न मनाने वालों की खैर नहीं

इसके बाद इस मामले में एसआईटी का गठन हुआ, जिसका प्रमुख अवधपुरी थाना प्रभारी को बनाया गया था. जांच में लापरवाही होने पर दूसरी एसआईटी का गठन सितम्बर 2019 में किया गया. याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने आदेश जारी किये. वहीं याचिका की अगली सुनवाई 19 जुलाई को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता हेमंत श्रीवास्तव ने पैरवी की

जबलपुर। आठ साल की मासूम बच्ची की अप्राकृतिक मौत के मामले में भोपाल पुलिस द्वारा दो साल से कोई कार्रवाई नहीं किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि घटना के दिन स्कूल में बच्ची ने एक पेटिंग बनाई थी. पेटिंग को देखने के बाद एम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि बच्चे के साथ यौन शोषण की कोई घटना हुई है. याचिका में प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाये जाने की मांग की गयी थी. हाईकोर्ट जस्टिस विशाल घगट की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद सीबीआई को नोटिस जारी कर एसआईटी को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं.

4 जनवरी 2019 को हुआ हादसा
यह याचिका भोपाल निवासी मासूम के पिता ने हाईकोर्ट में दायर की थी. याचिका में कहा गया कि आठ साल की बच्ची एक स्कूल में तीसरी कक्षा की छात्रा थी. उन्होंने बताया कि चार जनवरी 2019 को बच्ची स्कूल बस से वापस लौटी थी. वहां से उसकी मां स्कूटी से उसे घर ला रही थी, तभी बच्ची बेहोश होकर गिर गई. बच्ची को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.

स्कूटी से गिरकर नहीं हुई थी बच्ची की मौत
अगले दिन गांधी मेडिकल अस्पताल में बच्ची का पोस्टमाॅर्टम हुआ था. रिपोर्ट के अनुसार बच्ची की मौत स्कूटी से गिरना से नहीं बल्कि जहरीले पदार्थ का सेवन से हुई है. अप्राकृतिक मृत्यु का मामला होने के कारण अवधपुरी थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को विवेचना में ले लिया था.

एनसीपीसीआर से की थी शिकायत
मामले में कार्रवाई न होने पर इसकी शिकायत नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट से शिकायत की थी. बताया जा रहा है कि घटना के दिन बच्ची ने स्कूल में एक पेटिंग बनाई थी. इस पेंटिंग को जांच के लिए दिल्ली स्थित एम्स में भेजा. जहां स्पष्ट हुआ कि बच्ची के साथ यौन शोषण जैसी वारदात हुई है.

दमोह का घुटता दम! HC के आदेश के बाद जीत का जश्न मनाने वालों की खैर नहीं

इसके बाद इस मामले में एसआईटी का गठन हुआ, जिसका प्रमुख अवधपुरी थाना प्रभारी को बनाया गया था. जांच में लापरवाही होने पर दूसरी एसआईटी का गठन सितम्बर 2019 में किया गया. याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने आदेश जारी किये. वहीं याचिका की अगली सुनवाई 19 जुलाई को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता हेमंत श्रीवास्तव ने पैरवी की

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