जबलपुर। शहर और आसपास के 14 जिलों के हजारों आदिवासियों का हुजूम आदिवासी सम्मेलन में उमड़ा. कार्यक्रम का आयोजन वेटरनरी यूनिवर्सिटी के मैदान में हुआ. राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के प्रेरणा स्थल बनाने के अवसर पर कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान मंत्री मरकाम आदिवासी समुदाय के साथ लोक नृत्य करते नजर आये.
शंकर शाह-रघुनाथ शाह के नाम पर बनाया प्रेरणा स्थल
ओमकार सिंह मरकाम ने आदिवासी और जनजाति के लोगों को शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर बुलाया. दरअसल, कुछ दिन पहले ओमकार सिंह मरकाम जबलपुर में पुराने कमिश्नर कार्यालय की जेल नुमा कोठरी में गए थे, जहां 1857 की क्रांति के समय जबलपुर के राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह को रखा गया था. आज भी यह काल कोठरी जबलपुर रेलवे स्टेशन के पास है. लेकिन, इसमें वन विभाग का ऑफिस है और काल कोठरी को कबाड़ रखने की जगह बना दिया गया था. मंत्री ओमकार सिंह ने इस पूरे भवन को प्रेरणा स्थल बनाने की मांग की थी और आज इस भवन को प्रेरणा स्थल बना दिया गया. इसी कार्यक्रम के बाबत हजारों आदिवासी जनजाति के लोगों को जबलपुर बुलाया गया था.
लोकसभा चुनाव में आदिवासी सीटों के लिये मरकाम को दिया फ्री हैंड
कांग्रेस के पास मंडला, डिंडौरी, उमरिया, जबलपुर सहित पूरे आदिवासी इलाके में एक भी बढ़ा आदिवासी नेता नहीं है. इसलिये ओमकार सिंह मरकाम को कमलनाथ ने फ्री हैंड दिया हुआ है और इस आयोजन में ओमकार के साथ ही आस-पास के इलाके के कई आदिवासी विधायकों को आमंत्रित किया गया, इस मौके पर विधायक ने करमा लोक नृत्य पर जमकर डांस किया और ढोलक भी बजाई.
भाजपा विधायक नंदनी मरावी ने खड़े किये सवाल
आयोजन में सिहोरा से भाजपा विधायक नंदनी मरावी को आमंत्रित किया गया. नंदनी ने प्रेरणा स्थल को बनाने के फैसले का तो स्वागत किया, लेकिन इस बात पर सवाल खड़े किये कि जिस भवन में प्रेरणा स्थल बन रहा है, वह वन विभाग के पास ही है और जब तक उसे प्रेरणा स्थल के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया जाता तब तक यह काम अधूरा रहेगा.
प्रदेश के अन्य मंत्री रहे नदारद
प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री तरुण भनोट और कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया जबलपुर में होते हुए भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. इस पर ओमकार का कहना है कि यह उनके विभाग का कार्यक्रम है, हालांकि आमंत्रण सभी को दिया गया था, यदि वह नहीं आये तो यह उनकी मर्जी.
पूरे इलाके में भाजपा के पास कई बड़े आदिवासी चेहरे हैं, लेकिन कांग्रेस के पास पर्याप्त नेतृत्व नहीं है, जबकि आदिवासी इलाकों में कांग्रेस का माहौल है. इसलिये ये कयास लगाये जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में इस माहौल को बनाये रखने के लिये कांग्रेस ने ओमकार मरकाम को फ्री हैंड दे दिया है.