जबलपुर। प्रदेश में गैर कानूनी ढंग से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेज के मामले में हाईकोर्ट(High Court) ने सख्ती दिखाई है. कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं और नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार का प्रभार प्रशासक को देने का आदेश दिया है. कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार (registrar of nursing council) ने शपथ पत्र पेश किया था. जिसमें उन्होंने 94 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त करने का शपथ पत्र में जवाब दिया था. इसके अलावा रजिस्ट्रार ने याचिका की सुनवाई के दौरान यह भी बताया कि कोर्ट में मामला लंबित रहने के दौरान साल 2021-22 में 49 नए कॉलेज खोले गए हैं.
नए नर्सिंग कॉलेजों का भी कच्चा चिट्ठा किया पेश- याचिकाकर्ता ने नर्सिंग काउंसिल द्वारा खोले गए 49 नए कॉलेजों में से 10 के संबंध में विसंगतियां उजागर कर एक नया आवेदन पेश किया था। जिसमें बताया गया कि जिन कॉलेजों को रजिस्ट्रार द्वारा सही चलना बताया जा रहा है उनके हालात ठीक नहीं है। याचिकाकर्ता ने कहा कि फर्जी होने के बाद भी इन कॉलेजों को अनुमति दी गई है. साक्ष्य देखने के बाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई और नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार को तत्काल सस्पेंड करने के आदेश दिए. कोर्ट ने रजिस्ट्रार को बुधवार तक मामले से जुड़े सारे दस्तावेज एडमिनिस्ट्रेटर को सौंपने के लिए भी कहा है. बता दें सुनवाई होने तक रजिस्ट्रार सस्पेंड रहेंगी.
फर्जी नर्सिंग कॉलेज मामला,सुनवाई के दौरान HC ने 24 घंटे में मांगा कार्रवाई का ब्यौरा
क्या है मामला-प्रदेश में गैर कानूनी ढंग से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेजों के मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की ओर से कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि राज्य में नियमों और मापदंडों का पालन किए बिना निजी नर्सिंग कालेजों का संचालन हो रहा है. मध्य प्रदेश में कुल 666 नर्सिंग कॉलेज थे. वहीं कोविड काल में 200 नए कॉलेज खोले गए. HC में मामला पहुंचने पर 165 कॉलेज की मान्यता निरस्त की गई. (jabalpur high court suspend registrar, nursing college case,Mp high court news)