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वन विभाग के कैमरे में कैद हुई तेंदुए की तस्वीर, डर के साए में हर रात गुजार रहे ग्रामीण

जबलपुर के नयागांव में तेंदुए की दशहत से स्थानीय लोग डर के साए में रहने को मजबूर हैं. शनिवार रविवार की दरमियानी रात नयागांव से लगी पहाड़ी पर वन विभाग के ट्रैप कैमरे में भी तेंदुए की तस्वीर कैप्चर हुई है. लेकिन अब तक तेंदुए को पकड़ा नहीं जा सका है.

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नयागांव में तेंदुए का आतंक
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Published : Jan 6, 2020, 10:33 AM IST

जबलपुर। जिले के नयागांव में तेंदुआ दिखने के बाद से ही दहशत का माहौल है. एक तरफ वन विभाग अभी भी तेंदुए की तलाश कर रहा है, तो स्थानीय लोग डर के साए में रहने को मजबूर हैं. शनिवार रविवार की दरमियानी रात नयागांव से लगी पहाड़ी पर वन विभाग के ट्रैप कैमरे में भी तेंदुए की तस्वीर कैप्चर हुई है. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है.


नयागांव सोसायटी के अध्यक्ष रजत भार्गव के घर के नजदीक से गुजरने वाले नाले तक तेंदुए के निशान मिले हैं. रविवार को वन विभाग ने जिस जगह पर कैमरा लगाया था वहां और उसके आसपास का निरीक्षण किया, जहां एक स्थान पर नर तेंदुए के पांव के निशान भी मिले हैं. बीते तीन महीनों से तेंदुए की मौजूदगी की चर्चा के बाद भी अब तक वन विभाग की टीम तेंदुए को नहीं पकड़ पाया है.

नयागांव में तेंदुए का आतंक


19 दिसंबर को अध्यक्ष रजत भार्गव ने खुद टेलिस्कोप और कैमरे की मदद से तेंदुए की तस्वीर लेकर वन विभाग को सौंपी थी. जिसके बाद कान्हा नेशनल पार्क से स्पेशलिस्ट की टीम आकर पहाड़ी का निरीक्षण भी कर चुकी है. नयागांव के आसपास 4 पिंजरे भी लगा दिए गए लेकिन खाली पिंजरों में न तो तेंदुआ फंसा और न ही वन विभाग की टीमों को यह तेंदुआ नजर आया.


डर के साए में हैं स्थानीय
आलम यह है कि स्थानीय लोगों और वन विभाग के अधिकारी अलग-अलग दावे कर रहे हैं. सोसायटी के अध्यक्ष का कहना है कि वन विभाग अधूरे संसाधनों के साथ केवल औपचारिकता निभा रहा है, तेंदुए ने क्षेत्र में घूमने वाले आवारा कुत्तों का शिकार किया है. जिससे उनकी संख्या बेहद कम हो गई है. स्थानीय लोगों में डर बना हुआ है और शाम होते ही लोग घरों में दुबक जाते हैं. पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर अब तेंदुआ लोगों के घरों के आसपास चहलकदमी करने लगा है जिससे लोगों की जान को खतरा बना हुआ है.

जबलपुर। जिले के नयागांव में तेंदुआ दिखने के बाद से ही दहशत का माहौल है. एक तरफ वन विभाग अभी भी तेंदुए की तलाश कर रहा है, तो स्थानीय लोग डर के साए में रहने को मजबूर हैं. शनिवार रविवार की दरमियानी रात नयागांव से लगी पहाड़ी पर वन विभाग के ट्रैप कैमरे में भी तेंदुए की तस्वीर कैप्चर हुई है. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है.


नयागांव सोसायटी के अध्यक्ष रजत भार्गव के घर के नजदीक से गुजरने वाले नाले तक तेंदुए के निशान मिले हैं. रविवार को वन विभाग ने जिस जगह पर कैमरा लगाया था वहां और उसके आसपास का निरीक्षण किया, जहां एक स्थान पर नर तेंदुए के पांव के निशान भी मिले हैं. बीते तीन महीनों से तेंदुए की मौजूदगी की चर्चा के बाद भी अब तक वन विभाग की टीम तेंदुए को नहीं पकड़ पाया है.

नयागांव में तेंदुए का आतंक


19 दिसंबर को अध्यक्ष रजत भार्गव ने खुद टेलिस्कोप और कैमरे की मदद से तेंदुए की तस्वीर लेकर वन विभाग को सौंपी थी. जिसके बाद कान्हा नेशनल पार्क से स्पेशलिस्ट की टीम आकर पहाड़ी का निरीक्षण भी कर चुकी है. नयागांव के आसपास 4 पिंजरे भी लगा दिए गए लेकिन खाली पिंजरों में न तो तेंदुआ फंसा और न ही वन विभाग की टीमों को यह तेंदुआ नजर आया.


डर के साए में हैं स्थानीय
आलम यह है कि स्थानीय लोगों और वन विभाग के अधिकारी अलग-अलग दावे कर रहे हैं. सोसायटी के अध्यक्ष का कहना है कि वन विभाग अधूरे संसाधनों के साथ केवल औपचारिकता निभा रहा है, तेंदुए ने क्षेत्र में घूमने वाले आवारा कुत्तों का शिकार किया है. जिससे उनकी संख्या बेहद कम हो गई है. स्थानीय लोगों में डर बना हुआ है और शाम होते ही लोग घरों में दुबक जाते हैं. पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर अब तेंदुआ लोगों के घरों के आसपास चहलकदमी करने लगा है जिससे लोगों की जान को खतरा बना हुआ है.

Intro:जबलपुर के नयागांव में तेंदुए की दहशत बरकरार है, एक तरफ वन विभाग अभी भी तेंदुए की तलाश कर रहा है वहीं स्थानीय लोगों लगभग हर दिन तेंदुए के साक्षात् दर्शन हो रहे हैं। Body:शनिवार रविवार की दरमियानी रात नयागांव से लगी पहाड़ी पर वन विभाग के ट्रैप कैमरे में भी तेंदुए की तस्वीर कैप्चर हुई लेकिन वन विभाग के अधिकारी अभी भी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं, उन्होंने तस्वीर की जांच के बाद ही उसकी मौजूदगी की पुष्टि करने की बात कही है। वहीं नयागांव सोसायटी के अध्यक्ष रजत भागर्व के घर के नजदीक से गुजरने वाले नाले तक तेंदुए की पहंुच हो चुकी है। रविवार को वन विभाग ने जिस जगह पर कैमरा लगाया था वहां और उसके आसपास का निरीक्षण किया, जहां एक स्थान पर नर तेंदुए के पगमार्क भी मिले हैं। बीते तीन महीनों से तेंदुए की मौजूदगी की चर्चा के बाद 19 दिसंबर को अध्यक्ष रजत भार्गव ने खुद टेलिस्कोप और कैमरे की मदद से तेंदुए की तस्वीर लेकर वन विभाग को सौंपी थी जिसके बाद कान्हा से दो बार स्पेशलिस्ट की टीम आकर पहाड़ी का निरीक्षण भी कर चुकी है, नयागांव के आसपास 4 पिंजरे भी लगा दिए गए लेकिन खाली पिंजरों में न तो तेंदुआ फंसा और न ही वन विभाग की टीमों को यह तेंदुआ नजर आया। बहरहाल आलम यह है कि स्थानीय लोगों और वन विभाग के अधिकारी अलग-अलग दावे कर रहे हैं। सोसायटी अध्यक्ष का कहना है कि वन विभाग अधूरे संसाधनों के साथ केवल औपचारिकता निभा रहे हैं, तेंदुए ने क्षेत्र में घूमने वाले आवारा कुत्तों का शिकार किया है जिससे उनकी संख्या बेहद कम हो गई है। स्थानीय लोगों में डर बना हुआ है और शाम होते ही लोग घरों में कैद हो जाते हैं। पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर अब तेंदुआ लोगों के घरों के आसपास चहलकदमी करने लगा है जिससे लोगों को जान का खतरा बना हुआ है।

बाइट- रजत भार्गव, अध्यक्ष, नयागांव सोसायटी
बाइट- प्रकाश मालपानी, स्थानीय निवासी
बाइट- एम. के. खरे, एसडीओ, वन विभाग, जबलपुरConclusion:वन विभाग के अधिकारियों से जब पूछा गया कि तेंदुए की मौजूदगी के सबूत मिलने के बाद अभी तक क्या प्रयास किए गए तो उनके जवाब यह बताने के लिए काफी थे कि वन विभाग तेंदुए की मौजूदगी को लेकर गंभीर नहीं है। यहां तक कि उनसे जब पूछा गया कि यदि तेंदुआ सामने आ जाए तो उसे पकड़ने के लिए उनके पास क्या संसाधन हैं तो वे गोलमोल बातें कर जवाब देने से बचने का प्रयास करते नजर आए।
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