जबलपुर। इस समय गर्मी का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है. भीषण गर्मी के बीच बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. आलम यह है कि पांच साल पहले मिट्टी के तेल की लालटेन व ढ़िबरी को जो रिवाज खत्म हो गया था, वह फिर से शुरु होने लगा है. बिजली से चलने वाले लघु उद्योग व व्यापार पूरी तरह से चौपट हो रहे हैं.
बिजली ट्रिपिंग से हजारों का नुकसान: अघोषित बिजली कटौती और ट्रिपिंग का असर अब उद्योग और व्यापार पर भी पड़ने लगा है. उमरिया-डूंगरिया औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग चलाने वाले मुनीश मिश्रा बताते है कि उन्होंने प्लास्टिक और फूड प्रोसेसिंग का उद्योग लगाया है. जिसमें अगर एक बार बिजली की ट्रिपिंग होती है, तो 3 से 4 हजार रुपये की माल की वेस्टीज निकल जाती है. जिसे दोबारा से मशीन चालू करने पर प्रोडक्शन में तो फर्क पड़ता ही है, साथ में क्वालिटी में थी बेहद फर्क पड़ता है. बिजली कटौती से उद्योगों को बहुत अधिक नुकसान हो रहा है. उद्योगपति का कहना है कि सिवनीटोला के पास एक विद्युत सबस्टेशन बनकर तैयार हो गया है, अगर उन्हें वहां से जोड़ दिया जाए तो कुछ हद तक समस्याएं दूर हो सकती है, लेकिन अधिकारी ऐसा करना नहीं चाहते.
उद्योग बंद करने की कगार पर उद्योगपति: अघोषित बिजली कटौती से उद्योगों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है. अगर एक बार बिजली की ट्रिपिंग होती है, तो करीब तीन से चार हजार का खर्च आता है. लेकिन दिनभर में करीब 10 से ज्यादा बार ट्रिपिंग हो रही है. जिसके कारण खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. व्यापारियों का कहना है कि जल्द से जल्द सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में 220 केवीए का विद्युत सब स्टेशन स्थापित किया जाना चाहिए ताकि नुकसान को बिजली आपूर्ति सामान्य कर रोका जा सके. उद्योगपतियों का कहना है कि अगर आने वाले दिनों में ऐसे ही हालात बने रहे, तो इन उद्योगों को बंद करना पड़ेगा.