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Jabalpur Highcourt news: जांच रिपोर्ट में एकाधिकार संबंधी लोकायुक्त के आदेश पर रोक - jabalpur news

Jabalpur Highcourt news: मध्य प्रदेश HC ने जांच रिपोर्ट में एकाधिकार संबंधी लोकायुक्त के आदेश पर रोक लगा दी है.(stay on inquiry report of lokayukta) साथ ही संबंधित पक्षों को जवाब पेश करने को कहा है.

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Published : Nov 16, 2021, 4:57 PM IST

Updated : Nov 16, 2021, 5:13 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट में खात्मा और चालान पेश करने के मामले में एकाधिकार को लेकर जारी आदेश को चुनौती देने वाले मामले को काफी गंभीरता से लिया. युगलपीठ ने मामले में अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.

Jabalpur Highcourt news:यह मामला भोपाल के समाजसेवी सतीश नायक की ओर से दायर किया गया है. लोकायुक्त के समक्ष दर्ज मामलों में फाइनल रिपोर्ट पेश की जाती है. जिसके तहत खात्मा होता या फिर मुकदमा चलाने के लिये चालान पेश होता है. ये जांच अधिकारी के स्वविवेक पर आधारित होता है. (stay on inquiry report of lokayukta) आरोप है कि लोकायुक्त ने 12 अगस्त 2021 को एक आदेश जारी कर दिया, जिसमें कहा गया कि उनकी बिना अनुमति के खात्मा रिपोर्ट पेश न की जाये, जो कि अनुचित है. लोकायुक्त द्वारा एकाधिकार संबंधी जारी आदेश अवैधानिक है.

मामले में गृह विभाग के सचिव, डीजीपी, लोकायुक्त, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव लोकायुक्त आर्गेनाइजेशन और सचिव विधि विभाग को पक्षकार बनाया गया है.

ऑनलाइन लाइसेंस प्रक्रिया को चुनौती

सेंटर मोटर व्हीकल (CMV) नियमों में संशोधन कर लर्निंग लाइसेंस ऑनलाइनन बनाये जाने की प्रकिया को कटघरे में रखते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. मामले में आरोप है कि इस बारे में नोटिफिकेशन तो जारी कर दिया गया, लेकिन फेस्टिलेशन सेंटर और टेस्ट सहित अन्य की व्यवस्थाएं नही की गई, जिससे आधार कार्ड से ऑनलाइन वाहन लाइसेंस बन रहे हैं. इतना ही नहीं मृत व्यक्तियों के नाम पर भी लाइसेंस बन रहे हैं. कोई अपंग है या फिर कमजोर मस्तिष्क की इसकी भी जांच परख नहीं हो रही. युगलपीठ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद केन्द्र, राज्य सरकार सहित परिवहन आयुक्त को नोटिस जारी किया है और जवाब पेश करने को कहा है.

सरकार को दी मोहलत

आगा चौक पर बनी 9 मंजिला अमृत हाईट्स को कटघरे में रखते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.जिसमें आरोप है कि जमीन को खाद्य विभाग की ओर से MPSRTC को लीज पर दी गई थी, जिस पर तत्कालीन एसडीएम और नगर निगम द्वारा भवन निर्माण की अनुमति दिये जाने को कटघरे में रखा गया है. युगलपीठ के समक्ष बिल्डर सरबजीत सिंह मोखा की ओर से हस्तक्षेप आवेदन पेश किया गया, जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने उसे भी पक्षकार बनाने के निर्देश देते हुए सरकार को जवाब पेश करने की मोहलत दी है.

सुनवाई एक हफ्ते आगे बढ़ाई

हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच से प्रिंसिपल सीट हटाने के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाले मामले में सुनवाई की तारीख बढ़ गई. युगलपीठ के समक्ष आवेदक की ओर से पूर्व में दिया गया लीगल नोटिस वापस लेने का आग्रह किया गया. जिस पर युगलपीठ ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिये मुलतवी कर दी.

ग्वालियर इटावा NH-92 हाईवे के निर्माण में पेड़ काटने का केस

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ग्वालियर इटावा NH-92 हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ों के काटे जाने के मामले में शासन और एजेंसी की तरफ से अपनी रिपोर्ट पेश कर दी गई है. जिसमें याचिकाकर्ता के द्वारा आपत्ति जताई गई है कि पेड़ों को लेकर जो जानकारी पेश की गई है वह गलत है. दर्शन संतोष शर्मा नाम के व्यक्ति ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी ,जिसमें कहा गया है कि 2012 में ग्वालियर इटावा हाईवे नंबर 92 का निर्माण किया गया था. इस दौरान सड़क किनारे लगे करीब एक लाख पेड़-पौधों को काटा गया था, जिनमें ज्यादातर पेड़ बड़े थे.

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट में खात्मा और चालान पेश करने के मामले में एकाधिकार को लेकर जारी आदेश को चुनौती देने वाले मामले को काफी गंभीरता से लिया. युगलपीठ ने मामले में अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.

Jabalpur Highcourt news:यह मामला भोपाल के समाजसेवी सतीश नायक की ओर से दायर किया गया है. लोकायुक्त के समक्ष दर्ज मामलों में फाइनल रिपोर्ट पेश की जाती है. जिसके तहत खात्मा होता या फिर मुकदमा चलाने के लिये चालान पेश होता है. ये जांच अधिकारी के स्वविवेक पर आधारित होता है. (stay on inquiry report of lokayukta) आरोप है कि लोकायुक्त ने 12 अगस्त 2021 को एक आदेश जारी कर दिया, जिसमें कहा गया कि उनकी बिना अनुमति के खात्मा रिपोर्ट पेश न की जाये, जो कि अनुचित है. लोकायुक्त द्वारा एकाधिकार संबंधी जारी आदेश अवैधानिक है.

मामले में गृह विभाग के सचिव, डीजीपी, लोकायुक्त, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव लोकायुक्त आर्गेनाइजेशन और सचिव विधि विभाग को पक्षकार बनाया गया है.

ऑनलाइन लाइसेंस प्रक्रिया को चुनौती

सेंटर मोटर व्हीकल (CMV) नियमों में संशोधन कर लर्निंग लाइसेंस ऑनलाइनन बनाये जाने की प्रकिया को कटघरे में रखते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. मामले में आरोप है कि इस बारे में नोटिफिकेशन तो जारी कर दिया गया, लेकिन फेस्टिलेशन सेंटर और टेस्ट सहित अन्य की व्यवस्थाएं नही की गई, जिससे आधार कार्ड से ऑनलाइन वाहन लाइसेंस बन रहे हैं. इतना ही नहीं मृत व्यक्तियों के नाम पर भी लाइसेंस बन रहे हैं. कोई अपंग है या फिर कमजोर मस्तिष्क की इसकी भी जांच परख नहीं हो रही. युगलपीठ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद केन्द्र, राज्य सरकार सहित परिवहन आयुक्त को नोटिस जारी किया है और जवाब पेश करने को कहा है.

सरकार को दी मोहलत

आगा चौक पर बनी 9 मंजिला अमृत हाईट्स को कटघरे में रखते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.जिसमें आरोप है कि जमीन को खाद्य विभाग की ओर से MPSRTC को लीज पर दी गई थी, जिस पर तत्कालीन एसडीएम और नगर निगम द्वारा भवन निर्माण की अनुमति दिये जाने को कटघरे में रखा गया है. युगलपीठ के समक्ष बिल्डर सरबजीत सिंह मोखा की ओर से हस्तक्षेप आवेदन पेश किया गया, जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने उसे भी पक्षकार बनाने के निर्देश देते हुए सरकार को जवाब पेश करने की मोहलत दी है.

सुनवाई एक हफ्ते आगे बढ़ाई

हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच से प्रिंसिपल सीट हटाने के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाले मामले में सुनवाई की तारीख बढ़ गई. युगलपीठ के समक्ष आवेदक की ओर से पूर्व में दिया गया लीगल नोटिस वापस लेने का आग्रह किया गया. जिस पर युगलपीठ ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिये मुलतवी कर दी.

ग्वालियर इटावा NH-92 हाईवे के निर्माण में पेड़ काटने का केस

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ग्वालियर इटावा NH-92 हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ों के काटे जाने के मामले में शासन और एजेंसी की तरफ से अपनी रिपोर्ट पेश कर दी गई है. जिसमें याचिकाकर्ता के द्वारा आपत्ति जताई गई है कि पेड़ों को लेकर जो जानकारी पेश की गई है वह गलत है. दर्शन संतोष शर्मा नाम के व्यक्ति ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी ,जिसमें कहा गया है कि 2012 में ग्वालियर इटावा हाईवे नंबर 92 का निर्माण किया गया था. इस दौरान सड़क किनारे लगे करीब एक लाख पेड़-पौधों को काटा गया था, जिनमें ज्यादातर पेड़ बड़े थे.

Last Updated : Nov 16, 2021, 5:13 PM IST
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