जबलपुर। कलेक्टर भरत यादव ने सहकारिता विभाग के मामलों की तफ्तीश करने के लिए सहकारी बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक की. बताया जा रहा है कि सहकारिता विभाग जबलपुर में बीते 7 सालों में करोड़ों रुपए की हेराफेरी हुई है. जिसका खुलासा सहकारिता विभाग की फाइलों से हुआ है.
कलेक्टर ने बताया कि सहकारिता विभाग की बैठक पिछले दो सालों से नहीं हुई थी. विभागीय बैठक में कई जानकारियां सामने आई है. सहकारिता की आड़ में बैंक मैनेजर, लेखापाल और समिति प्रबंधकों ने लाखों-करोड़ों का घोटाला किया है. बैठक के दौरान कलेक्टर ने एसपी अमित सिंह को भ्रष्ट स्टाफ के खिलाफ दो से तीन दिनों में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं, जबकि विभागीय जांच से संबंधित अधिकारियों को सौंपी गई रिपोर्ट 15 दिन में पेश करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए है.
कलेक्टर ने माना कि सहकारिता विभाग में गबन करने वालों के खिलाफ जो अधिकारी विभागीय जांच कर रहे थे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित की गई है क्योंकि जांच 45 दिन में होनी चाहिए थी, जो पिछले तीन-चार साल से चल रही है. गबन के मामले में कलेक्टर ने 10 समितियों सहित बैंक की 4 शाखाओं में पदस्थ रहे 35 से 40 अधिकारी कर्मचारियों खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश पुलिस को दिये हैं.