जबलपुर। टीचरों की ट्रेनिंग के दौरान एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. प्रांतीय शिक्षण महाविधायल में इस बार टीचर्स की ट्रेनिंग में 'मुर्दों' को भी ना सिर्फ शामिल किया गया बल्कि उन्हें ट्रेनिंग दिए जाने का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया. प्रदेश सरकार टीचर्स को बेहतर टीचिंग के गुर सिखाने के लिए हर साल प्रांतीय प्रशिक्षण महाविद्यालय में ट्रेनिंग करवाती है. यहां अभी 470 टीचर्स स्टूडेंट बनकर ट्रेनिंग हासिल कर रहे हैं.
यह है पूरा मामला
शिक्षकों को प्रशिक्षण देने वाले ट्रेनिंग सेशन जबलपुर के प्रांतीय शिक्षण महाविद्यालय में चल रहा है. यहां 470 टीचर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस बार इस प्रशिक्षण में तीन मुर्दे मतलब वे टीचर जो कोरोना महामारी के दौरान मर चुके हैं. उन्हें भी प्रशिक्षण में शामिल दिखाया गया है. इतना ही नहीं इन लोगों के नाम से टीचर्स ट्रेनिंग लेने के सर्टिफिकेट भी जारी कर दिए गए हैं.
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ऐसे हुआ खुलासा
तीन मृत टीचरों को ट्रेनिंग दिए जाने का खुलासा तब हुआ जब अटेंडेंस रजिस्टर में कोरोना से जान गंवा चुके इन तीन शिक्षकों को नाम भी दर्ज पाए गए. जिसके बाद महाविद्यालय में हड़कंप मच गया. कर्मचारियों ने इसका विरोध शुरू किया और मामले की शिकायत कलेक्टर और कमिश्नर तक को कर दी. शिकायत में महाविद्यालय के प्राचार्य आरके स्वर्णकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने भी प्राचार्य के इस कारनामे पर नाराजगी जताते हुए आरोप भी लगाया है कि यह प्राचार्य की घोटालेबाजी है उनके खिलाफ पहले भी ऐसे कई मामले आ चुके हैं. उन्होंने जानबूझ कर ऐसा किया है. कर्मचारी नेताओं ने महाविद्यालय के प्राचार्य आरके स्वर्णकार पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है.
प्राचार्य बोले यह मानवीय भूल
मामला सामने आने के बाद प्राचार्य आरके स्वर्णकार इसे मानवीय भूल बता रहे हैं. उनका कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और संंबंधित अधिकारियों से इसका जवाब देने को कहा गया है. गलती सामने आने पर जिम्मेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. खास बात यह है कि मामले में प्राचार्य पर ही आरोप लग रहे हैं और वही इस मामले की जांच करा रहे हैं, जबकि कर्मचारी संगठन इस पूरे मामले में प्राचार्य की ही दोषी मान रहे हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.