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bishop fraud नहीं हुई ईसाई धर्मगुरु की जमानत पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू को केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया - हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू को केस डायरी पेश करने को कहा

फर्जीवाड़ा करने के मास्टर माइंड ईसाई धर्मगुररु पीसी सिंह की जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकी. हाईकोर्ट की न्यायाधीश ने ईओडब्ल्यू को केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश ने जमानत पर अगली सुनवाई की तारीख 11 अक्टूबर तय की है. बिशप पीसी सिंह पर 90 से अधिक मामले दर्ज हैं. इतना ही नहीं उनके खिलाफ मध्यप्रदेश से बाहर भी कई मामले दर्ज हैं. (jabalpur bishop fraud hearing on bail) (jabalpur court directed eow to present case diary)

jabalpur court directed eow to present case diary
जबलपुर नहीं हुई ईसाई धर्मगुरू की जमानत पर सुनवाई
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Published : Sep 30, 2022, 10:31 PM IST

जबलपुर। शैक्षणिक संस्थाओं की राशि के दुरुपयोग तथा मिशनरी की सम्पत्ति का फर्जीवाड़ा करने के आरोपी बिशप पीसी सिंह ने जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली है. हाईकोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने समक्ष ईओडब्ल्यू की तरफ से बताया किया कि आरोपी के खिलाफ 90 से अधिक प्रकरण दर्ज है. जांचकर्ता अधिकारी केस अपने साथ ले गये थे. eow ने एकलपीठ को बताया कि अगली सुनवाई के दौरान निश्चित तौर पर केस डायरी पेश कर दी जाएगी. एकलपीठ ने जमानत आवेदन पर अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को निर्धारित की है. (jabalpur hearing on bail of bishop did not happen)

HC की शरण मे बिशप , EOW ने किया जमानत देने का विरोध, साक्ष्य प्रभावित कर सकता है पीसी सिंह

जाने क्या है पूरा मामलाः Eow की टीम ने 8 सितंबर को विशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय तथा घर में दबिश दी थी. दबिश के दौरान 80 लाख का सोना, 1 करोड़ 65 लाख रुपए नकद, 48 बैंक खाते, 18352 यूएस डॉलर, 118 पांउड, 9 लग्जरी गाडिय़ां, 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. दविष के दौरान विशप देश के बाहर थे. ईओडब्ल्यू ने विशप को नागपुर एयरपोर्ट से 12 सितंबर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था. ईओडब्लयू ने पूछताछ के लिए विशप को चार दिन के रिमांड पर लिया था. (jabalpur ninty cases registered against bishop)

बिशप ने दी थी 174 बैंक खातों की जानकारीः रिमांड के दौरान उन्होंने 10 एफडी सहित 174 बैंक खातों की जानकारी दी थी. इसके अलावा बिशप ने मिशन कम्पाउण्ड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी. बिशप रहते हुए उन्होंने जमीन बेची और क्रेता के तौर पर स्वंय खरीद ली. उनके खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों में 99 मामले दर्ज है. रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद 16 सितंबर को न्यायालय ने विपप को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के निर्देश जारी किये थे. जमानत के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया था. एकलपीठ ने आवेदन की सुनवाई करते हुए केस डायरी पेश करने के निर्देष जारी किये है. आवेदक की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे ने पैरवी की थी. (jabalpur bishop fraud hearing on bail)

जबलपुर। शैक्षणिक संस्थाओं की राशि के दुरुपयोग तथा मिशनरी की सम्पत्ति का फर्जीवाड़ा करने के आरोपी बिशप पीसी सिंह ने जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली है. हाईकोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने समक्ष ईओडब्ल्यू की तरफ से बताया किया कि आरोपी के खिलाफ 90 से अधिक प्रकरण दर्ज है. जांचकर्ता अधिकारी केस अपने साथ ले गये थे. eow ने एकलपीठ को बताया कि अगली सुनवाई के दौरान निश्चित तौर पर केस डायरी पेश कर दी जाएगी. एकलपीठ ने जमानत आवेदन पर अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को निर्धारित की है. (jabalpur hearing on bail of bishop did not happen)

HC की शरण मे बिशप , EOW ने किया जमानत देने का विरोध, साक्ष्य प्रभावित कर सकता है पीसी सिंह

जाने क्या है पूरा मामलाः Eow की टीम ने 8 सितंबर को विशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय तथा घर में दबिश दी थी. दबिश के दौरान 80 लाख का सोना, 1 करोड़ 65 लाख रुपए नकद, 48 बैंक खाते, 18352 यूएस डॉलर, 118 पांउड, 9 लग्जरी गाडिय़ां, 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. दविष के दौरान विशप देश के बाहर थे. ईओडब्ल्यू ने विशप को नागपुर एयरपोर्ट से 12 सितंबर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था. ईओडब्लयू ने पूछताछ के लिए विशप को चार दिन के रिमांड पर लिया था. (jabalpur ninty cases registered against bishop)

बिशप ने दी थी 174 बैंक खातों की जानकारीः रिमांड के दौरान उन्होंने 10 एफडी सहित 174 बैंक खातों की जानकारी दी थी. इसके अलावा बिशप ने मिशन कम्पाउण्ड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी. बिशप रहते हुए उन्होंने जमीन बेची और क्रेता के तौर पर स्वंय खरीद ली. उनके खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों में 99 मामले दर्ज है. रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद 16 सितंबर को न्यायालय ने विपप को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के निर्देश जारी किये थे. जमानत के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया था. एकलपीठ ने आवेदन की सुनवाई करते हुए केस डायरी पेश करने के निर्देष जारी किये है. आवेदक की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे ने पैरवी की थी. (jabalpur bishop fraud hearing on bail)

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