ETV Bharat / city

जबलपुर: मां बेटे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, प्रशासन बेखबर - undefined

रांझी के चंद्रशेखर वार्ड में एक कोल परिवार रहता था. इस परिवार की एक बुजुर्ग सदस्य गोमती कोल जिनकी उम्र लगभग 75 साल थी और साथ में उनका लड़का नारायण जो 55 साल का था साथ रहते थे. दोनों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है.

jabalpur hunger death
जबलपुर में एक मां बेटे की भूख से मौत
author img

By

Published : May 2, 2021, 9:28 PM IST

Updated : May 2, 2021, 11:02 PM IST

जबलपुर. रांझी इलाके के चंद्रशेखर वार्ड में एक मां,बेटे की संदिग्ध परिस्थितिओं में मौत हो गई.वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि महिला और उसके बेटे की मौत भूख से हुई है. स्थानीय लोगों ने घर से बदबू आने के बाद नगर निगम को इसकी सूचना दी थी. जिसके बाद निगम कर्मियों ने घर में महिला और उसके बेटे को देखा. महिला की मौत हो चुकी थी जबकि बेटे की हालत गंभीर थी. गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

जबलपुर में एक मां बेटे की भूख से मौत

कोल परिवार उनके मोहल्ले में रहता था, इस परिवार की एक बुजुर्ग सदस्य गोमती कोल जिनकी उम्र लगभग 75 साल थी और साथ में उनका लड़का नारायण जो 55 साल का था ,साथ रहते थे. वृद्धा को पेंशन मिलती थी और नारायण एक निजी कंपनी में मजदूरी करता था. वृद्धा गोमती बीमार होने की वजह से कई दिनों से पेंशन लेने नहीं जा पा रहीं थी. कोरोना कर्फ्यू के चलते उनके बेटे नारायण की कंपनी में भी काम बंद था. जिससे उनके सामने खाने का संकट था. 5 दिन पहले दोनों ने एक भंडारे में खाना खाया था.इसके कुछ दिन पहले नारायण ने भी पड़ोस से ही कुछ आटा मांगा था. इसी दौरान उसने बताया था कि उसके पास खाने को कुछ नहीं है. हालांकि तब उससे कहा था कि जरूरत होने पर वे कुछ भी मांग लें, लेकिन इसके बाद नारायण की भी तबीयत खराब हो गई. जब उनके घर से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने नगर निगम को सूचना दी जिसके बाद नगर निगम की टीम यहां पर पहुंची तो नारायण घर में बेहोशी की हालत में मिला जबकि उसकी मां की मौत हो चुकी थी. गोमती के बेटे नारायण को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने रास्ते में दम तोड़ दिया.

नारायण गुप्ता, कोल परिवार के पड़ोसी , रांझी

कोरोना संक्रमण को लेकर हाई कोर्ट की एमपी सरकार को फटकार

मौत पर हो रही है राजनीति

कोल परिवार के दोनों सदस्यों का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है, लेकिन स्थानीय लोग इसे भूख से मौत होना बता रहे हैं.

जबलपुर में एक मां बेटे की भूख से मौत

सरकार गरीबों तक राशन पहुंचाने में विफल रही है. सरकार ने कोरोना कर्फ्यू के दौरान लोगों को 3 महीने का राशन देने की बात कही है , लेकिन शासन की ये घोषणा जमीनी हकीकत से दूर हैं. यही वजह है कि मां -बेटे की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि इसी के चलते ये मौतें हुई हैं. कांग्रेस नेता का आरोप है कि रांझी जैसे हालात शहर के दूसरे इलाकों में भी बन रहे हैं.

दिनेश यादव, कांग्रेस के नेता , रांझी

प्रशासन को खबर ही नहीं

ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है.उल्टे तहसीलदार साहब हमसे ही जानकारी मांगते नजर आए. श्याम चंदेल का कहना है कि बीते कुछ दिनों से उनके पास ऐसे कोई लोग नहीं पहुंचे जिन्हें भोजन की जरूरत हो, अगर पंहुचते तो वो उनकी मदद जरूर करते.

श्याम चंदेल, तहसीलदार

हमें इस बारे में जानकारी नहीं है . इंफार्मेशन जुटा रहे हैं.

राजेश मालवीय, थाना प्रभारी, रांझी

जबलपुर. रांझी इलाके के चंद्रशेखर वार्ड में एक मां,बेटे की संदिग्ध परिस्थितिओं में मौत हो गई.वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि महिला और उसके बेटे की मौत भूख से हुई है. स्थानीय लोगों ने घर से बदबू आने के बाद नगर निगम को इसकी सूचना दी थी. जिसके बाद निगम कर्मियों ने घर में महिला और उसके बेटे को देखा. महिला की मौत हो चुकी थी जबकि बेटे की हालत गंभीर थी. गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

जबलपुर में एक मां बेटे की भूख से मौत

कोल परिवार उनके मोहल्ले में रहता था, इस परिवार की एक बुजुर्ग सदस्य गोमती कोल जिनकी उम्र लगभग 75 साल थी और साथ में उनका लड़का नारायण जो 55 साल का था ,साथ रहते थे. वृद्धा को पेंशन मिलती थी और नारायण एक निजी कंपनी में मजदूरी करता था. वृद्धा गोमती बीमार होने की वजह से कई दिनों से पेंशन लेने नहीं जा पा रहीं थी. कोरोना कर्फ्यू के चलते उनके बेटे नारायण की कंपनी में भी काम बंद था. जिससे उनके सामने खाने का संकट था. 5 दिन पहले दोनों ने एक भंडारे में खाना खाया था.इसके कुछ दिन पहले नारायण ने भी पड़ोस से ही कुछ आटा मांगा था. इसी दौरान उसने बताया था कि उसके पास खाने को कुछ नहीं है. हालांकि तब उससे कहा था कि जरूरत होने पर वे कुछ भी मांग लें, लेकिन इसके बाद नारायण की भी तबीयत खराब हो गई. जब उनके घर से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने नगर निगम को सूचना दी जिसके बाद नगर निगम की टीम यहां पर पहुंची तो नारायण घर में बेहोशी की हालत में मिला जबकि उसकी मां की मौत हो चुकी थी. गोमती के बेटे नारायण को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने रास्ते में दम तोड़ दिया.

नारायण गुप्ता, कोल परिवार के पड़ोसी , रांझी

कोरोना संक्रमण को लेकर हाई कोर्ट की एमपी सरकार को फटकार

मौत पर हो रही है राजनीति

कोल परिवार के दोनों सदस्यों का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है, लेकिन स्थानीय लोग इसे भूख से मौत होना बता रहे हैं.

जबलपुर में एक मां बेटे की भूख से मौत

सरकार गरीबों तक राशन पहुंचाने में विफल रही है. सरकार ने कोरोना कर्फ्यू के दौरान लोगों को 3 महीने का राशन देने की बात कही है , लेकिन शासन की ये घोषणा जमीनी हकीकत से दूर हैं. यही वजह है कि मां -बेटे की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि इसी के चलते ये मौतें हुई हैं. कांग्रेस नेता का आरोप है कि रांझी जैसे हालात शहर के दूसरे इलाकों में भी बन रहे हैं.

दिनेश यादव, कांग्रेस के नेता , रांझी

प्रशासन को खबर ही नहीं

ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है.उल्टे तहसीलदार साहब हमसे ही जानकारी मांगते नजर आए. श्याम चंदेल का कहना है कि बीते कुछ दिनों से उनके पास ऐसे कोई लोग नहीं पहुंचे जिन्हें भोजन की जरूरत हो, अगर पंहुचते तो वो उनकी मदद जरूर करते.

श्याम चंदेल, तहसीलदार

हमें इस बारे में जानकारी नहीं है . इंफार्मेशन जुटा रहे हैं.

राजेश मालवीय, थाना प्रभारी, रांझी

Last Updated : May 2, 2021, 11:02 PM IST

For All Latest Updates

TAGGED:

Hunger death
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.