इंदौर। स्वच्छता में 5 वर्षों से लगातार नंबर-1 इंदौर में वर्ल्ड बैंक का 4 सदस्यीय दल पहुंचा है. यह दल इंदौर में लगाए गए बायो सीएनजी प्लांट (BIO CNG PLANT) का निरीक्षण करेगा. इसके साथ इस प्रोजेक्ट और इसके इस्तेमाल के बारे में भी जानकारी हासिल करेगा. दल में 3 सदस्य अमेरिका से और एक सिंगापुर से हैं. माना जा रहा है कि इंदौर में कचरे से बायो सीएनजी गैस बनाने और इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसे चलाए जाने का यह मॉडल देश के अन्य शहरों में भी अपनाया जा सकता है. यही वजह है कि इंदौर मॉडल से प्रभावित होकर वर्ल्ड बैंक की टीम यहां निरीक्षण करने पहुंची है. जो बायो सीएनजी प्लांट स्थापित करने के लिए वित्तीय मदद करने को तैयार है.
प्रधानमंत्री ने किया था शुभारंभ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इंदौर में इस बायो सीएनजी प्लांट का शुभारंभ किया था. देश में इंदौर ऐसा पहला शहर है जहां गीले और सूखे कचरे का 99 फ़ीसदी सेग्रीगेशन होता है. इसके बाद इस कचरे से बायो सीएनजी गैस बनाई जाती है. मौजूदा समय में बायो सीएनजी गैस से नगर निगम की लगभग 400 से ज्यादा बसें चलाई जा रही हैं.प्लांट को चलाने के जरूरी गीला-सूखा कचरा इंदौर में आसानी से उपलब्ध हो रहा है.
वर्ल्ड बैंक कर रहा अध्ययन : कलेक्टर ने बताया कि देश में इंदौर में स्थापित बायो सीएनजी प्लांट का निरीक्षण करने वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि करने पहुंचे हैं. उन्हें यह भी बताया गया है कि इसकी मदद से कैसे इंदौर स्वच्छता में फिर से नंबर वन बनने की कोशिश में हैं. वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधियों ने बताया कि, इंदौर की तरह देश के 500 शहरों में बायो सीएनजी प्लांट लगाने की तैयारी हो रही है. जिससे इंदौर की तरह ही देश के अन्य शहरों में लोक परिवहन से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित कर बसों को बायो सीएनजी से चलाया जा सके. इसके अलावा वर्ल्ड बैंक अब इस बात का भी अध्ययन कर रहा है कि, इंदौर किन मापदंडो को अपनाकर लगातार पिछले 5 वर्षों से स्वच्छता में नंबर 1 बन रहा है.